राधा जी के मंत्र का जाप करने से ऐश्वर्य और धन प्राप्ति के साथ सभी बाधाओं का नाश होता

राधा जी के मंत्र का जाप करने से ऐश्वर्य और धन प्राप्ति के साथ सभी बाधाओं का नाश होता

प्रेषित समय :20:12:20 PM / Thu, Jun 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जब भी प्रेम की बात होती है तो श्री कृष्ण और राधा रानी के पावन प्रेम का उदाहरण सबसे पहले मिलता है. श्री राधा- कृष्ण के प्रेम को जीवात्मा और परमात्मा का मिलन कहा जाता है. राधा, भक्ति और प्रेम की सबसे सुंदर प्रतीक हैं, जो हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. वह कृष्ण की प्रेमिका और संगिनी के रूप में चित्रित की जाती हैं.
राधा जी राधा-कृष्ण के रूप में भी पूजा जाता हैं और उन्हें लक्ष्मी जी अवतार माना जाता है. उन्होंने अपने प्रेम और भक्ति के साथ भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक अनुपम सम्बन्ध का प्रतीकवाद किया. राधा का नाम उनके प्रेम और आस्था के साथ जुड़ा हुआ है. वे आध्यात्मिक प्रेम की प्रतीक हैं, जो भगवान के प्रति अद्भुत भक्ति का प्रतीक है. भगवान श्रीकृष्ण की प्रेयसी और उनका ही स्वरूप राधा रानी का जन्म कृष्ण जन्म के 15 दिन बाद मनाया जाता है.
राधा के मंत्र का महत्व
राधा जी के मंत्र का जाप करने से लक्ष्‍मी जी प्रसन्न होती हैं और जातक को धन-संपदा की प्राप्‍ति होती है. राधारानी के मंत्रों को जपने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है. श्री ब्रह्माजी के अनुसार जो व्यक्ति राधा जी अट्ठाईस नामों का पाठ करता है, वह संसार के आवागमन से मुक्त हो जाता है. राधा रानी को प्रसन्न करने के बाद भक्त सीधा श्रीकृष्ण को पा सकता है. राधा जी के मंत्र का जाप करने से ऐश्वर्य और धन प्राप्ति के साथ-साथ सभी बाधाओं का नाश करते हैं.
पौराणिक कथाओं की माने तो एक बार जब महादेव ने श्री कृष्‍ण से पूछा कि आपको कैसे प्रसन्न किया जा सकता है तो श्री कृष्‍ण ने महादेव से कहा- भोलेनाथ यदि मुझे वश में करना चाहते हैं तो मेरी प्रियतमा श्रीराधा का आश्रय ग्रहण करो.
राधा जी के प्रसिद्ध 5 मंत्र
1- षडक्षर राधामंत्र *‘श्री राधायै स्‍वाहा.’*  य‍ह मंत्र धर्म, अर्थ आदि को प्रकाशित करने वाला है. इसे मंत्र का 108 बार जाप करने से राधा रानी की विशेष कृपा प्राप्‍त होती है.
2- सप्‍ताक्षर राधामंत्र · *ऊं ह्नीं राधिकायै नम:. · ऊं ह्नीं श्री राधायै स्‍वाहा.*  इस मंत्र को लक्ष्‍मी प्राप्‍ति के लिए विशेष माना गया है. इसका जाप करने से आपको कभी पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
3- अष्‍टाक्षर राधामंत्र *1-ऊं ह्नीं श्रीराधिकायै नम:. 2- ऊं ह्नीं श्रीं राधिकायै नम:.*  इस मंत्र को सर्व कार्य सिद्धि मंत्र बताया गया है. इस मंत्र का 16 लाख बार जाप करने से भक्‍तों को सभी कार्य में सफलता प्राप्‍त होती है.
4- भगवान नारायण द्वारा श्रीराधा की स्तुति *नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी. रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये..*  श्रीकृष्ण को प्राणों से भी अधिक प्रिय हे रासेश्वरि, आपको नमस्कार है.
5- ब्रह्मा विष्‍णु द्वारा राधाजी की वंदना  *नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे. ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे..* हे त्रैलोक्यजननी, आपको मैं नमस्कार करता हूँ. हे करुणा की देवी आप मेरी आराधना स्वीकार कर प्रसन्न हुई.
राधा मंत्र जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखें
राधा मंत्र का जाप करने से पहले श्री कृष्ण जी की पूजा जरुर करें.
राधा मंत्र का जाप करते समय तामसिक भोजन न ग्रहण करें.
राधा मंत्र का जाप करते समय मन में सबके लिए प्रेम की भवन रखें, किसी के प्रति द्वेष न रखें.
राधा मंत्र का जाप करते समय बासी फूलों का इस्तेमाल न करें.
मंत्रों का उच्चारण शुद्ध व स्पष्ट होना चाहिए.

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