अनिल मिश्र/पटना
बिहार राज्य में जब चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के ढाई से तीन माह बचे हुए हैं, ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा बाइस वर्षों के बाद केवल एक माह में मतदाता सूची पूर्ण निरीक्षण शुरू कर कहीं महाराष्ट्र की भांति यहां भी खेला मत हो जाये, इसकी आशंका को देखते हुए कॉंग्रेस पार्टी के नेताओं -कार्यकर्ताओं ने राज्य के सभी लगभग आठ करोड़ मतदाताओं को आगाह करते हुए सचेत किया है, ताकि किसी का नाम मतदाता सूची से हटा न दिया जाए.
इस संबंध में बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू ,पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, शिव कुमार चौरसिया, श्रीकांत शर्मा, टिंकू गिरी, आदि ने कहा कि एक माह में आठ करोड़ मतदाताओं का पूर्णनिरीक्षण सम्भव नहीं है, क्योंकि बिहार के लगभग 2 करोड़ 90 लाख मतदाता बिहार से बाहर कार्य कर रहे हैं, लाखों छात्र, युवा बिहार के बाहर पढ़ रहे हैं , जिन्हें एक माह में बिहार आकर मतदाता सूची जांच कराना संभव नहीं है.
इन सभी नेताओं ने कहा कि केंद्र- राज्य सरकार के इशारे पर महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा राज्यों में चुनाव आयोग की मनमानी से तमाम लोग वाकिफ हैं की कैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में वोट बढ़ाया गया , चुनाव आयोग इसी तरह बिहार में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, अति पिछड़ा , गरीब स्वर्ण, सहित सभी बिहार से बाहर रहने वाले बिहार के मतदाताओं का बड़े पैमाने पर नाम हटाने एवं मनमाने वोटरों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की साजिश तो नहीं है?
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