पमरे में सीएलआई परीक्षा गड़बड़ी मामला: सीबीआई ने दर्ज किए लोको पायलटों के बयान

पमरे में सीएलआई परीक्षा गड़बड़ी मामला: सीबीआई ने दर्ज किए लोको पायलटों के बयान

प्रेषित समय :16:21:17 PM / Wed, Jul 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआई) पदोन्नति परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में दिल्ली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) न कोटा पहुंचकर संबंधित कर्मचारियों के बयान दर्ज किए. इस मामले में गवाह बने लोको पायलटों ने सीबीआई को परीक्षा के बाद लिफाफे खोले जाने की जानकारी दी है. कर्मचारियों के इन बयानों के बाद माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (टीआरडी), मंडल कार्मिक अधिकारी (डीपीओ) एवं सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी (एपीओ), मुख्य कार्यालय अधीक्षक (सीओएस), सीओएस गोपनीय शाखा तथा मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआई) के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

यह है पूरा मामला

यह मामला मई-2023 में आयोजित सीएलआई पद के लिए विभागीय पदोन्नति परीक्षा से जुड़ा है. इस परीक्षा में कुल 96 लोको पायलट पांच पदों के लिए बैठे थे. सितंबर 2023 में परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद, कुछ लोको पायलटों ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए रेलवे विजिलेंस से शिकायत की थी. कई महीनों तक चली विजिलेंस जांच में यह सामने आया कि परीक्षा में वास्तव में गड़बड़ी हुई थी और पास होने वाले लोको पायलटों की ओएमआर शीट में हेराफेरी की गई थी. हालांकि, अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद विजिलेंस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

लोकपाल के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई तक पहुंचा मामला

जब रेलवे विजिलेंस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो लोको पायलटों ने मामले की शिकायत लोकपाल से की. लोकपाल ने अपनी जांच में भी परीक्षा में गड़बड़ी पाई और मामले को जयपुर सीबीआई को भेज दिया. जयपुर सीबीआई ने भी अपनी प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाई, जिसके बाद उन्होंने तीन अधिकारियों और दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है.

दो ले चुके हैं वीआरएस/रिटायरमेंट

मामला सामने आने के बाद एक मुख्य कार्यालय अधीक्षक (सीओएस) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है, जबकि एक अन्य सीओएस सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने पर इन सेवानिवृत्त या वीआरएस ले चुके अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है. इस मामले में आगे की कार्रवाई और संभावित गिरफ्तारियों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-