बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय: ज्ञान और धन के कारक ग्रह बृहस्पति 09 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो गए थे जो अब 09 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर मिथुन राशि में उदित हो रहे हैं. गुरु ग्रह की चाल में परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य जीवन के साथ-साथ विश्व को भी प्रभावित करेगा.यह लेख आपको “बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय” के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा. चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि गुरु के उदय होने से किस प्रकार के प्रभाव हम सबको देखने को मिल सकते हैं.
बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय 09 जुलाई 2025 को होगा.
बृहस्पति ग्रह का उदय: महत्व:-ज्योतिषियों द्वारा बृहस्पति के उदय या अस्त होने पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि बृहस्पति महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना जाता है. बृहस्पति का गोचर साल में लगभग एक बार ही होता है और ऐसा भी देखने को मिलता है कि बृहस्पति साल में एक बार ही अस्त होता है क्योंकि जिस राशि में बृहस्पति गोचर कर रहे होते हैं, सूर्य उस राशि में एक बार ही जाता है. ऐसे में, सामान्य तौर पर बृहस्पति एक बार ही अस्त होते हैं. स्वाभाविक है कि जब एक बार अस्त होंगे, तो इनका उदय भी एक ही बार होगा इसलिए बृहस्पति ग्रह के उदय होने का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
भारत पर बृहस्पति ग्रह के उदित होने का प्रभाव स्वतंत्र भारत की कुंडली में बृहस्पति आठवें भाव का स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव का भी स्वामी है. वर्तमान में यह भारतवर्ष के दूसरे भाव में गोचर करते हुए अस्त हुए थे जो अब उदित होने जा रहे हैं. लाभ भाव का स्वामी दूसरे भाव में उदित होगा और ऐसे में, स्वाभाविक है कि मामूली ही सही लेकिन भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. देश के भीतर चल रहे आंतरिक कलह में भी कमी देखने को मिल सकती है. यातायात दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं, बैंकिंग सेक्टर जैसे क्षेत्रों में भी नकारात्मकता में कमी आ सकती है. इस प्रकार, बृहस्पति का उदित होना देश के लिए सकारात्मक कहा जाएगा.
मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में उदित हो रहे हैं. भाग्य भाव के स्वामी के उदित होने के कारण आपको भाग्य का बेहतर सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को तीसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है. ऐसे में, बृहस्पति के उदय होने से ज्यादा सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
उपाय: मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा.
वृषभ राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं. अब यह आपके दूसरे भाव में उदय हो रहे हैं. बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय हो रहा है जो लाभ भाव के स्वामी के रूप में धन भाव में चले गए हैं. यह एक सकारात्मक पक्ष है. ऐसे में, यदि आपकी आमदनी में किसी तरह की कोई रुकावट पिछले दिनों से आ रही थी, तो अब वह रुकावट दूर हो सकती है. आपकी आमदनी का ग्राफ बढ़ सकता है.
उपाय: सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद बुजुर्गों को कपड़े दान करना शुभ रहेगा.
मिथुन राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी हैं जो आपके पहले भाव में उदित हो रहे हैं. सप्तमेश और कर्म भाव के स्वामी बृहस्पति के उदित होने से दैनिक रोजगार में आ रहा धीमापन समाप्त हो सकता है. सामान्य शब्दों में कहें तो, रोजी-रोजगार को लेकर चल रही समस्याएं दूर हो सकती हैं. विवाह के संबंध में चल रही बातें अब गति पकड़ सकती हैं. यदि दांपत्य जीवन में पिछले दिनों कोई परेशानी चल रही थी, तो अब वह दूर हो सकती है.
उपाय: गाय को देसी घी लगी हुई रोटी खिलाएं.
कर्क राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं. अब यह आपके द्वादश भाव में उदित हो रहे हैं. बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना आपको मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकता है क्योंकि बृहस्पति के गोचर को द्वादश भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है. ऐसे में, बृहस्पति जब तक अस्त रहे हैं, तब तक नकारात्मक परिणामों में कमी थी. यह आपके लिए एक तरह से फायदेमंद रहा है, लेकिन अब जबकि बृहस्पति उदित हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आपके खर्च बढ़ सकते हैं.
उपाय: साधु, संत और गुरुजनों की सेवा करना शुभ रहेगा.
सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति आपके पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लाभ भाव में उदित हो रहे हैं. ऐसे में, बृहस्पति के उदय होने से आपको काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं क्योंकि अस्त होने के कारण जो कुछ कमियां आई थी वह कमियां अब दूर हो सकती हैं. विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में अब तुलनात्मक रूप से अधिक लग सकता है. वहीं, प्रेम प्रसंग में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है. यदि किसी कारण से आपस में कोई अनबन हुई थी, तो वह अब दूर हो सकती है.
उपाय: पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा.
कन्या राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके कर्म स्थान में उदित हो रहे हैं. बता दें कि बृहस्पति के गोचर को दशम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है इसलिए बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है. बृहस्पति के गोचर को दशम भाव में मानहानि करवाने वाला कहा गया है. ऐसी स्थिति में अब अपने सम्मान को लेकर अधिक सचेत रहना जरूरी रहेगा.
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में बादाम चढ़ाएं.
तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं. अब बृहस्पति आपके भाग्य भाव में उदित हो रहे हैं. हालांकि, भाग्य भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है इसलिए बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना आपके लिए सकारात्मक कहा जाएगा. गुरु ग्रह की यह अवस्था आपकी धार्मिक यात्राओं को बल देने का काम कर सकता है. यदि आप किसी धर्म स्थान पर जाना चाह रहे थे, तो अब वहां जाने का प्लान तेजी के साथ आगे बढ़ सकता है.
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा.
वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति देव आपके दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में उदित हो रहे हैं. बता दें कि बृहस्पति के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है. ऐसे में, बृहस्पति के अस्त होने से आपको किसी तरह की कोई नकारात्मकता महसूस नहीं हुई होगी. हालांकि, स्वामित्व के दृष्टिकोण से कुछ मामलों में कमजोरी भी रही होगी, लेकिन गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार, कोई बड़ी दिक्कत नहीं आनी चाहिए थी. शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में भी कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं. कामों में आ रही अड़चने कुछ कामों को लंबे समय तक रोक सकती हैं.
उपाय: मंदिर में घी और आलू का दान करना शुभ रहेगा.
धनु राशि वालों के लिए बृहस्पति देव आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके लग्न और चौथे भाव के भी स्वामी हैं जो अब सातवें भाव में उदित हो रहे हैं. हालांकि, सप्तम भाव में बृहस्पति के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है. ऐसी स्थिति में बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होने से आपको सकारात्मक परिणाम ही मिलने चाहिए. सबसे अनुकूल बात यह होगी कि आपके लग्न या राशि के स्वामी के उदित होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होंगी. नए सिरे से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी नहीं आएगी.
उपाय: भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें.
मकर राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह आपके तीसरे भाव और द्वादश भाव के स्वामी हैं. वर्तमान में यह छठे भाव में उदित हो रहे हैं. हालांकि, बृहस्पति के गोचर को छठे भाव में अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना आपके लिए सकारात्मक नहीं कहा जा सकता है. ऐसी स्थिति में सरकारी कामों में कुछ अड़चने बनी रह सकती हैं. संतान के साथ भी छोटी-मोटी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. यदि संतान बड़ी हो चुकी है, तो किसी बात को लेकर मतभेद या अनबन की स्थिति पैदा हो सकती है.
उपाय: मंदिर के बुजुर्ग पुजारी को कपड़े दान करना शुभ रहेगा.
कुम्भ राशि वालों के लिए बृहस्पति महाराज आपके दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पंचम भाव में उदित हो रहे हैं. सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को पंचम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है. अतः बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय होना आपके लिए सकारात्मक कहा जाएगा. शिक्षा के लिए भी यह अनुकूल रहेगा. चाहे आप विद्यार्थी हों या फिर शिक्षक, दोनों को गुरु का उदित होना अच्छे परिणाम दे सकता है. बृहस्पति का उदय होना लाभ को बढ़ाने का काम कर सकता है.
उपाय: साधु संतों की सेवा करना शुभ रहेगा.
मीन राशि वालों के लिए बृहस्पति देव आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी हैं. ऐसे महत्वपूर्ण भाव के स्वामी का चौथे भाव में रहते हुए उदित होना कुछ मामलों में कमजोर तो कुछ मामलों में अच्छे परिणाम भी दे सकता है. अनुकूल बात यह है कि आपके लग्न या राशि स्वामी का उदित होना स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों को दूर करेगा. दशम भाव के स्वामी का उदित होना मान प्रतिष्ठा की दृष्टि से अच्छा कहा जाएगा. यदि किसी कारणवश आपकी सामाजिक छवि को नुकसान का भय उत्पन्न हुआ था, तो अब वह दूर हो जाएगा. आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
उपाय: बड़े बुजुर्गों की सेवा करना उपाय की तरह काम करेगा.

