केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स के लिए खुशखबरी, 8वें वेतन आयोग से सैलरी में होगी इतनी बढ़ोतरी

केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स के लिए खुशखबरी

प्रेषित समय :15:51:48 PM / Fri, Jul 11th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. करोड़ों सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच एक खबर ने इनकी खुशी और बढ़ा दी है. एक रिपोर्ट में कहा है कि इस वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी 30 से 34 फीसदी तक बढ़ सकती है.

ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकता है, जिससे लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ होगा. नया वेतनमान जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करनी होगी, फिर सरकार को भेजनी होगी और उसे मंजूरी देनी होगी. अभी तक सिर्फ ऐलान ही हुआ है. आयोग का अध्यक्ष कौन होगा और उसका कार्यकाल क्या होगा? अभी ये फैसला होना बाकी है.

किसे मिलेगा ये लाभ?

आठवें पे कमीशन से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ मिल सकता है, जिनमें करीब 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनर्स हैं. 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते और रिटायरमेंट बेनिफिट में ग्रोथ होगी.

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

नए वेतन तय करने का एक खास हिस्सा फिटमेंट फैक्टर है, यह वह संख्या है जिसका यूज मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय किया जाता है. उदाहरण- सातवें वेतपन आयोग ने 2.57 के फैक्टर का इस्तेमाल किया था. उस समय इसने मिनिमम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. रिपोर्ट कहती है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 और 2.46 के बीच हो सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, इसमें सटीक आंकड़ा अहम भूमिका निभाएगा.

क्या रहा है सैलरी बढ़ोतरी का इतिहास?

पिछले वेतन आयोगों ने कई लेवल पर सैलरी ग्रोथ दिखाई है. 6वें वेतन आयोग (2006) ने कुल वेतन और भत्तों में लगभग 54 प्रतिशत की ग्रोथ दी थी. इसके बाद 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया, तब बेसिक सैलरी में 14.3 प्रतिशत और अन्य भत्ते जोड़ने के बाद पहले साल में करीब 23 फीसदी की ग्रोथ दिखाई थी.

कैसे किया जाता है सैलरी का कैलकुलेशन?

एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), परिवहन भत्ता (टीए), और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल होते हैं. समय के साथ, मूल वेतन का हिस्सा कुल पैकेज के 65 प्रतिशत से घटकर लगभग 50 प्रतिशत रह गया है और अन्य भत्तों का हिस्सा इससे भी ज्यादा हो गया है. इन सभी को जोड़कर ही मंथली सैलरी दी जाती है. पेंशनर्स के लिए भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. हालांकि एचआरए या टीेए नहीं दिया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-