अनिल मिश्र/रांची
झारखंड प्रदेश में हेमंत सोरेन सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना की मासिक पच्चीस सौ रुपये की सहायता केवल बैंकों में न पड़ी रहे, बल्कि इसका उपयोग महिलाएं अपने व्यवसाय खड़ी करने के लिए करें. इस बाबत झारखंड प्रदेश चल रही जोहार योजना के तहत राशि उपलब्ध कराएगी. महिलाओं को स्टार्टअप पूंजी और अन्य वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी. वह अपना दुकान खोलें या मुर्गी पालन करें, छोटी गाड़ी या ट्रैक्टर खरीदें इसमें सरकार साथ देगी. दरअसल इस बीच ग्रामीण विकास विभाग की मदद से योजना को जमीन पर उतारा जाएगा. झारखंड प्रदेश में इस समय करीब बत्तीस लाख महिलाएं एसएचजी से जुड़ी हैं.
मंईयां योजना के तहत तीखेपन लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं. इस संबंध में झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि अगर मंईयां की राशि बैंकों में निष्क्रिय पड़ी रही तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था नहीं चलेगी. महिलाओं में उद्यमशीलता विकसित करनी होगी, सरकार इसमें ग्रोथ इंजन की भूमिका निभाएगी.सरकार महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड समेत अन्य बाजार से जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. गांवों में संघ और सहकारी समितियों के गठन की योजना है, छोटे कारोबार एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन सकें. जोहार योजना ने साबित किया है महिलाओं को मौका मिले तो वे बड़ा बदलाव ला सकती हैं.
दरअसल राजधानी रांची के कांके की रहने वाली आशा देवी जैसी हजारों महिलाओं ने बीते चार वर्षों में इक्कीस मिलियन डॉलर का कारोबार कर यह साबित किया कि महिलाओं को अवसर मिले तो क्या कुछ नहीं कर सकती हैं.झारखंड प्रदेश सरकार मंईयां सम्मान योजना की लाभुक महिलाओं को अब आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना मंईयां बलवान की शुरुआत करने जा रही है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को उद्यमी बनाना है.
योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी मंईयां योजना की करीब पच्चीस से तीस लाख लाभुक महिलाओं को आजीविका के विभिन्न स्रोतों से जोड़ा जाएगा. इन महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर देते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का लक्ष्य है. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि मंईयां की राशि का उपयोग महिलाएं अपने और परिवार के सर्वांगीण विकास में लगाएं और इसमें पड़ने वाली अतिरिक्त राशि की आवश्यकता को सरकार पूरा करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

