यूएनएससी की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान ने दिखाए तेवर, शांति की बहस में कश्मीर मामला डालने की साजिश

यूएनएससी की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान ने दिखाए तेवर, शांति की बहस में कश्मीर मामला डालने की साजिश

प्रेषित समय :12:34:34 PM / Mon, Jul 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान अपने पुराने एजेंडे पर लौट आया है. वह इस शक्तिशाली मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने और अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि चमकाने की दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान इस सप्ताह होने वाली एक उच्च-स्तरीय खुली बहस के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने की फिराक में है. इसके साथ ही वह इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत भूमिका दिलाने की भी कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार की अध्यक्षता में इस हफ्ते अंतरराष्ट्रीय झगड़ों के शांतिपूर्ण समाधान विषय पर एक उच्च-स्तरीय खुली बहस होनी है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इसी बैठक का फायदा उठाकर कश्मीर का मुद्दा उठा सकता है. हालांकि, भारत भी इस पर चुप बैठने वाला नहीं है और किसी भी ऐसे प्रयास का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. पाकिस्तान के इरादे तभी साफ हो गए थे, जब 1 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र में उसके स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने एक बयान में कहा था, अब समय आ गया है कि कश्मीर विवाद का हल ढूंढा जाए. यह सिर्फ पाकिस्तान की नहीं, बल्कि स्थायी सदस्यों की भी जिम्मेदारी है.

अपनी दूसरी रणनीति के तहत पाकिस्तान इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका दिलाने में लगा हुआ है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार की अध्यक्षता में ओआईसी और संयुक्त राष्ट्र की साझेदारी पर एक अलग बैठक भी प्रस्तावित है. 57 मुस्लिम देशों वाला ओआईसी, 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही लगातार कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करता रहा है.

भारत, ओआईसी और संयुक्त राष्ट्र के बीच बढ़ती इस साझेदारी को लेकर सहज नहीं है. ओआईसी के भारत विरोधी रवैये को देखते हुए माना जा रहा है कि भारत सुरक्षा परिषद में इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर 8 के तहत यूएन, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय संगठनों से साझेदारी कर सकता है, जैसा कि उसने अफ्रीकन यूनियन के साथ किया है. लेकिन ओआईसी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए भारत इस साझेदारी को लेकर चिंतित है.

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