जबलपुर. मुख्यमंत्री बाल खेल एवं सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत जबलपुर और शहडोल संभाग के सात जिलों से आए लगभग 200 बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और खेल प्रतिभा का जोशपूर्ण प्रदर्शन किया. अनुपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, मंडला, कटनी और जबलपुर के 12 शासकीय एवं अशासकीय बाल गृहों से आए प्रतिभागी इस एक दिवसीय आयोजन का हिस्सा बने.
महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती उषा सिंह सोलंकी के मार्गदर्शन में आयोजित इस महोत्सव में लंबी कूद, ऊँची कूद, दौड़, शतरंज, कैरम जैसी खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ एकल गायन, नाटक, काव्य पाठ और एकल नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ. नोडल अधिकारी सुश्री माधुरी रजक ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य राज्य शासन की मंशानुसार बच्चों को मंच और अवसर देना है, ताकि वे अपनी प्रतिभा को पहचान सकें और आगे बढ़ सकें.
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री मनीष व्यास तथा सदस्यगण — सुश्री नीतू पाण्डेय, श्रीमती सीमा सिंह चौहान, सुश्री मेघा पवार एवं श्री जितेंद्र श्रीवास्तव — ने आयोजन की रूपरेखा से लेकर पुरस्कार वितरण तक अपनी सक्रिय भूमिका निभाई.
प्रतियोगिताओं के समुचित संयोजन और संचालन की जिम्मेदारी सुश्री शिवानी मौर्य (सहायक संचालक, संभागीय बाल भवन जबलपुर) एवं श्रीमती प्रीति साहू (अधीक्षक, शासकीय बाल गृह, जबलपुर) ने निभाई. निर्णायक मंडल में गिरीश बिल्लौरे मुकुल (साहित्यकार एवं पूर्व सहायक संचालक, बाल भवन), डॉ. गीता गीत (संपादक, गीत पराग), श्रीमती मोहिनी मोघे, श्रीमती शिप्रा सुल्लेरे, श्री देवेंद्र यादव और श्री सोमनाथ सोनी जैसे अनुभवी व्यक्तित्व शामिल रहे.
इस आयोजन ने न सिर्फ बच्चों को प्रतियोगिता का अनुभव दिया, बल्कि आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति और समावेशन के नए द्वार भी खोले.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

