इंडिया बनाम इंग्लैंड चौथा टेस्ट: सोशल मीडिया से लेकर ड्रेसिंग रूम तक चर्चा का केंद्र

इंडिया बनाम इंग्लैंड चौथा टेस्ट: सोशल मीडिया से लेकर ड्रेसिंग रूम तक चर्चा का केंद्र

प्रेषित समय :21:20:29 PM / Fri, Jul 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मैनचेस्टर:  इंग्लैंड और भारत के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा मुकाबला ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जा रहा है. यह मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि रणनीति, मनोविज्ञान, खिलाड़ियों की वापसी, और सोशल मीडिया पर धधक रही बहस का अखाड़ा बन गया है.

भारत के लिए दबाव भरा आगाज़
भारतीय टीम पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मात्र 198 रनों पर सिमट गई, जो तेज़ और स्विंग लेती पिच पर इंग्लैंड की सधी हुई गेंदबाज़ी का परिणाम थी. क्रिस वोक्स और मार्क वुड की जोड़ी ने भारतीय टॉप ऑर्डर की कमर तोड़ दी. शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जल्दी आउट हुए, तो सोशल मीडिया पर फिर से वही सवाल उठे—"क्या भारत ने टीम चयन में जल्दबाज़ी की?"

जो रूट का इतिहास रचता बल्ला
इंग्लैंड की ओर से जो रूट ने बेहतरीन 147 रनों की पारी खेली. इस पारी के साथ ही उन्होंने रिकी पोंटिंग के टेस्ट रन रिकॉर्ड को पार करते हुए 14,200+ रनों की उपलब्धि हासिल की. अब उनसे आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर हैं. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर “#JoeRootTheGOAT” ट्रेंड करने लगा.

पूर्व क्रिकेटर माइकल वॉन ने कहा—

“जो रूट अब इंग्लैंड के सबसे महान टेस्ट बल्लेबाज बन चुके हैं—यह पारी क्लास, धैर्य और स्थिरता का उदाहरण है.”

सोशल मीडिया पर भारत की गेंदबाज़ी रणनीति पर उठे सवाल
शार्दुल ठाकुर ने पोस्ट-डे प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि कप्तान शुभमन गिल ने ज्यादातर गेंदबाज़ी रणनीति खुद तय की. इस पर क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस में दो राय बन गई.

कुछ ने गिल की आक्रामक कप्तानी की तारीफ की.

जबकि कुछ ने कहा कि रविचंद्रन अश्विन को जल्दी गेंदबाज़ी में नहीं लाना एक “रणनीतिक भूल” थी.

ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा:

“गिल टैलेंटेड हैं, लेकिन ये टेस्ट कप्तानी का स्कूल है, यहां हर गलत फैसला भारी पड़ता है.”

केएल राहुल और करुण नायर का ‘वायरल मोमेंट’
करुण नायर को टीम में नहीं लिया गया, जबकि केएल राहुल को बैकअप विकेटकीपर बनाया गया. इसी बीच एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें राहुल करुण को गले लगा रहे हैं और करुण भावुक दिख रहे हैं.

हालांकि यह फोटो 2024 की एक पुरानी प्रैक्टिस सेशन की थी, जिसे गलत संदर्भ में शेयर किया गया. बाद में करुण ने खुद ट्वीट कर बताया कि तस्वीर पुरानी है और “वो अब आगे बढ़ चुके हैं”.

यह एक बार फिर दर्शाता है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ भावना नहीं, भ्रम का भी मंच बनता जा रहा है.

पिच और मौसम ने बदला खेल का मिज़ाज
ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच ने पहले दिन बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लिया, लेकिन दूसरे दिन सूरज निकलने के साथ ही बल्लेबाजी आसान हो गई. इंग्लैंड ने इसका पूरा फायदा उठाते हुए 375 रन बनाए.

भारत की ओर से सिराज और बुमराह ने संघर्ष किया, परंतु मदद न मिल पाने के कारण प्रभावी नहीं रहे.

क्रिकेट समीक्षक हर्षा भोगले ने लिखा:

"जब तक आप इंग्लैंड को शुरुआती झटके नहीं देंगे, वे मिडिल ऑर्डर में मैच छीन लेंगे—आज वही हुआ."

भारतीय बल्लेबाज़ों की दूसरी पारी पर सबकी नजर
तीसरे दिन के अंत तक भारत 65/2 पर था. विराट कोहली क्रीज पर डटे हुए हैं और उम्मीदें उन्हीं से हैं. अगर भारत को यह मैच बचाना है या जीतना है, तो कोहली और पंत जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों को बड़ी पारी खेलनी होगी.

टेक्नोलॉजी और अंपायरिंग पर भी सवाल
तीसरे दिन एक LBW अपील पर विराट कोहली का DRS खारिज हुआ, जो अंपायर्स कॉल के कारण बच गया. लेकिन इस फैसले को लेकर क्रिकेट जगत दो हिस्सों में बंट गया. कुछ ने नियम का समर्थन किया, तो कई पूर्व क्रिकेटरों ने इसे “खेल की भावना के खिलाफ” बताया.

फैंस का उत्साह और मीम्स की बाढ़
जैसे ही जो रूट ने शतक लगाया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स मीम्स और श्रद्धांजलि वाले पोस्ट से भर गए—कुछ मजाकिया, कुछ बेहद प्रेरणादायक.

“जो रूट भारत के खिलाफ फिर से रूट पकड़ लिए!”

“रूट के सामने सब mute!”

इंडियन फैंस ने कोहली और बुमराह से उम्मीदें जताईं और कुछ फैंस ने लिखा:

“एक पारी बाकी है, और कहानी बदल सकती है. कोहली की क्लास को कभी कम मत आंकना.”

आगे क्या होगा?
भारत को इस टेस्ट को ड्रा करने के लिए कम से कम दो दिन टिककर खेलना होगा.

अगर 350+ का लक्ष्य बनता है, तो आखिरी दिन रोमांच चरम पर होगा.

दोनों टीमों के पास सीरीज की निर्णायक बढ़त लेने का मौका है, क्योंकि सीरीज अब 1-1 पर बराबर है.

इंग्लैंड बनाम भारत का यह चौथा टेस्ट मैच सिर्फ आंकड़ों और गेंद-बल्ले की कहानी नहीं है, यह क्रिकेट की बदलती दुनिया, सोशल मीडिया के प्रभाव, कप्तानी की परीक्षा और भावनाओं की भट्टी में तपती उम्मीदों का संग्राम बन गया है.

जो रूट की चमक, भारत की रणनीति पर बहस, और फैंस की भावनाएं—इन तीन ध्रुवों के बीच क्रिकेट एक बार फिर दुनिया को जोड़ने वाला सेतु बन गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-