दिल्ली विश्वविद्यालय के FYUP में चौथे वर्ष को मिली रिकॉर्ड रुचि छात्रों में रिसर्च आधारित शिक्षा का बढ़ता विश्वास

दिल्ली विश्वविद्यालय के FYUP में चौथे वर्ष को मिली रिकॉर्ड रुचि छात्रों में रिसर्च आधारित शिक्षा का बढ़ता विश्वास

प्रेषित समय :15:31:54 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 विशेष रिपोर्ट अनुपमा , शिक्षा मामलों के विशेष संवाददाता.   दिल्ली विश्वविद्यालय के चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (Four-Year Undergraduate Programme - FYUP) के चौथे वर्ष में छात्रों की अभूतपूर्व भागीदारी दर्ज की गई है. विश्वविद्यालय के अनुसार, वर्ष 2025 में 50,000 से अधिक छात्रों ने इस अतिरिक्त वर्ष में नामांकन लिया है, जो यह दर्शाता है कि छात्र अब पारंपरिक डिग्री से आगे बढ़कर Honours with Research डिग्री को गंभीरता से अपना रहे हैं.

FYUP की यह संरचना 2022 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शुरू की गई थी, जिसमें छात्रों को चौथे वर्ष में विशेष रूप से रिसर्च और गहराई से अध्ययन का अवसर मिलता है. जबकि शुरुआत में इस मॉडल को लेकर छात्रों और अभिभावकों के बीच संशय था, अब आंकड़े स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि छात्रों में यह नई शिक्षा संरचना व्यापक स्वीकृति प्राप्त कर रही है.

रिसर्च की ओर झुकाव बढ़ा
DU प्रशासन का कहना है कि FYUP का चौथा वर्ष छात्रों को पारंपरिक स्नातक डिग्री की तुलना में अधिक गहन शैक्षणिक अनुशासन और स्वतंत्र शोध का अवसर देता है. छात्रों को एक थीसिस लिखनी होती है, जिसे फैकल्टी गाइडेंस के साथ तैयार किया जाता है. यही वजह है कि अब छात्र नौकरी या मास्टर्स की तैयारी के बजाय शोध की संस्कृति में रुचि दिखा रहे हैं.

छात्रों की राय
मिरांडा हाउस की बीए इतिहास की छात्रा स्मृति मिश्रा बताती हैं, “मैंने चौथा वर्ष इसलिए चुना क्योंकि मुझे संस्कृति और जातीय अध्ययन पर रिसर्च करना है. अब मुझे यह अवसर मिल रहा है कि मैं किसी भी विश्वविद्यालय में पीजी करने से पहले अपना अकादमिक आधार मजबूत कर सकूँ.”

इसी प्रकार, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) के छात्र अरविंद मेहता ने कहा, “Honours with Research डिग्री से न केवल अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में आवेदन करते समय लाभ मिलेगा, बल्कि यह कॉर्पोरेट सेक्टर में भी एक गंभीर दृष्टिकोण को दर्शाता है.”

संस्थानिक दृष्टिकोण
DU के डीन ऑफ एकेडेमिक अफेयर्स प्रो. शशांक द्विवेदी ने बताया, “हमने जो सबसे बड़ा बदलाव देखा है वह यह है कि अब छात्र न केवल FYUP के चौथे वर्ष को अपनाने लगे हैं, बल्कि वे अपने थीसिस विषयों के चयन और रिसर्च मेथडोलॉजी के प्रति भी गंभीर होते जा रहे हैं. यह अकादमिक संस्कृति के परिपक्व होने का संकेत है.”

रोजगार और उच्च शिक्षा की दृष्टि से उपयोगी
FYUP का चौथा वर्ष अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाता है. कई देशों में मास्टर्स कार्यक्रम के लिए रिसर्च आधारित अंडरग्रेजुएट डिग्री एक वांछनीय योग्यता मानी जाती है. DU का यह निर्णय भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है.

दिल्ली विश्वविद्यालय का FYUP मॉडल अब धीरे-धीरे छात्रों की सोच और करियर नियोजन का हिस्सा बनता जा रहा है. चौथे वर्ष में रिकॉर्ड संख्या में छात्रों का नामांकन इस बात का संकेत है कि भारत में अब शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं रह गई है—यह ज्ञान, शोध और वैश्विक उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हो रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-