उच्च शिक्षा में बड़ा ढांचागत बदलाव अब UGC, AICTE, NCTE की जगह लेगा एकीकृत आयोग HECI

उच्च शिक्षा में बड़ा ढांचागत बदलाव अब UGC, AICTE, NCTE की जगह लेगा एकीकृत आयोग HECI

प्रेषित समय :19:57:47 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

विशेष रिपोर्ट . अर्चना मिश्रा, उच्च शिक्षा संवाददाता, नई दिल्ली . भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने UGC (University Grants Commission), AICTE (All India Council for Technical Education) और NCTE (National Council for Teacher Education) जैसे तीन अलग-अलग नियामकों को समाप्त कर, अब एक समेकित संस्था—Higher Education Commission of India (HECI) के गठन की औपचारिक घोषणा कर दी है.

यह परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लाया गया है और इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली को अधिक संगठित, पारदर्शी, लचीला और दक्ष बनाना है.

HECI: चार स्तंभों पर आधारित नया ढांचा
HECI को चार स्वतंत्र लेकिन एकीकृत इकाइयों में विभाजित किया जाएगा, जिनका कार्य निम्नानुसार होगा:

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामक परिषद (NHERC) – सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए मानकों और नियमों का निर्धारण एवं अनुपालन निगरानी.

राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (NAC) – संस्थानों और कार्यक्रमों की गुणवत्ता का मूल्यांकन और प्रत्यायन.

उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (HEGC) – वित्तीय सहायता, छात्रवृत्ति और अनुदानों का प्रबंधन.

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या, मूल्यांकन और अध्ययन परिषद (HECI-CU) – पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियों और मूल्यांकन सुधारों पर कार्य.

इन चार घटकों के माध्यम से HECI न केवल नियमन करेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, रिसर्च प्रोत्साहन, और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा ढांचे का निर्माण करेगा.

क्यों जरूरी था यह बदलाव?
अभी तक भारत में तकनीकी, शिक्षक और सामान्य उच्च शिक्षा के लिए तीन अलग-अलग नियामक कार्यरत थे, जिनकी कार्यप्रणाली में अक्सर विरोधाभास, अस्पष्टता और देरी की शिकायतें मिलती रही हैं. NEP 2020 के अनुसार, उच्च शिक्षा में “विभाजनकारी नियामन व्यवस्था” को हटाकर एक “एकीकृत और सुसंगत ढांचे” की आवश्यकता थी.

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “HECI की स्थापना उच्च शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है. अब संस्थानों को एकल खिड़की से मंजूरी, फंडिंग और मान्यता मिलेगी.”

UGC, AICTE, NCTE का भविष्य?
हालांकि इन संस्थाओं का औपचारिक रूप से विलय होगा, लेकिन इनके तकनीकी संसाधन, अनुभव और विशेषज्ञता को HECI की विभिन्न शाखाओं में समाहित किया जाएगा. UGC के “नेट” जैसी परीक्षा प्रणाली, AICTE की तकनीकी शिक्षा की रूपरेखा, और NCTE का शिक्षक प्रशिक्षण अनुभव — HECI के नए मानक निर्धारण में उपयोग होंगे.

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
शिक्षा नीति विशेषज्ञ प्रो. विकास दुबे के अनुसार, “यह फैसला भारत की उच्च शिक्षा को 21वीं सदी के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करेगा. यह केवल प्रशासनिक एकीकरण नहीं, बल्कि एक शैक्षणिक दर्शन का पुनर्गठन है.”

संभावनाएं और सावधानियां
HECI के साथ आने से जहां प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता, नवाचार की स्वतंत्रता, और विविध भाषाओं में पाठ्यविकास जैसी चिंताएं भी सामने आई हैं.

हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि HECI केवल अकादमिक स्वतंत्रता को सशक्त करेगा, बाधित नहीं.

HECI भारत में उच्च शिक्षा का नया चेहरा होगा, जो न केवल संस्थानों को मजबूत बनाएगा, बल्कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा, अनुदान, और रोजगार अवसरों से जोड़ने वाला सेतु सिद्ध होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया आयोग कागज़ से कक्षा तक परिवर्तन लाने में कितनी तेजी और समावेशिता के साथ सफल होता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-