अविनाश मोहनानी का भूंगड़ा नहर के आउटलेट की डिजाइन में योगदान, और.... जब मसूद अजहर ने एक थप्पड़ में ही सारे राज खोल दिए थे!

अविनाश मोहनानी का भूंगड़ा नहर के आउटलेट की डिजाइन में योगदान

प्रेषित समय :21:18:39 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप द्विवेदी
आईबी के पूर्व ज्वॉइंट डायरेक्टर अविनाश मोहनानी की सफल पारी की शुरुआत बांसवाड़ा से हुई थी, जिन्होंने जोधपुर एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई की डिग्री 1978 में हासिल की थी.
उस दौर को याद करते हुए माही परियोजना में अभियंता रहे भंवर पंचाल बताते हैं कि- बीई करने के तुरन्त पश्चात अविनाश मोहनानी की नौकरी माही परियोजना, बांसवाड़ा में कनिष्ठ अभियंता के पद पर हुई थी और माही परियोजना की डिज़ाइन कार्य के लिए स्थापित खंड में पदस्थापन हुई थी. 

बांसवाड़ा में अविनाश मोहनानी मल्टीपरपज हायर सेकेंडरी स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक रमेश गुप्ता के कलेक्ट्रेट के पीछे मकान में किराए से रहते थे.
उस समय माही परियोजना के मुख्य बांध का कार्य प्रारंभिक चरण में था, इसलिए डिजाइन के कार्य प्राथमिकता से करने पड़ते थे, अविनाश मोहनानी काफी क्रिएटिव थे, तो उन्हें डेम में जहां से वर्तमान में भूंगड़ा नहर निकल रही है, उस जगह के आउटलेट की डिजाइन का कार्य सौपा गया था.

माही परियोजना की इस नौकरी के दौरान ही अविनाश मोहनानी का चयन सहायक अभियंता पद पर होने से उन्होंने यह पद त्याग कर दूसरे विभाग में ज्वाइन किया.  
इसी दौरान तीनों निर्माण विभाग में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक अभियंता पद की परीक्षा में उन्होंने तीनों विभागों को टॉप किया, लेकिन वे रुके नहीं, उन्होंने आईपीएस की परीक्षा देने की ठानी और उनका चयन हो गया. अपने आईपीएस की नौकरी के दौरान उन्होंने पाकिस्तान उच्च आयोग में, जम्मू एंड कश्मीर में और इंटेलिजेंस ब्यूरो में विभिन्न जगहों पर सेवाएं दी. वे सिक्किम के डीजीपी बने और वहीं से सेवानिवृत हुए.
जब पुलवामा पर अटैक किया गया था, उसी दौरान उन्होंने मसूद अजहर से पूछताछ का संस्मरण सुनाया था और बताया था कि- कैसे मसूद अजहर ने एक थप्पड़ में ही सारे राज खोल दिए थे!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-