हानाम ने दिखाया दुनिया को कोरियाई शैली में संवेदनशील दक्ष और जनकेंद्रित प्रशासन का मॉडल

हानाम ने दिखाया दुनिया को कोरियाई शैली में संवेदनशील दक्ष और जनकेंद्रित प्रशासन का मॉडल

प्रेषित समय :15:28:04 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. दक्षिण कोरिया का हानाम शहर आज वैश्विक मंच पर एक मिसाल बनकर उभरा है, जहाँ प्रशासन व्यवस्था सिर्फ व्यवस्था नहीं, एक दर्शन बन चुकी है. महापौर ली ह्योन-जे के नेतृत्व में यह शहर दयालुता, सहानुभूति और कार्यकुशलता को नीति के केंद्र में रखकर न केवल कोरिया बल्कि दुनिया के लिए एक मॉडल पेश कर रहा है.
महापौर ली ह्योन-जे, जिन्होंने पर्यटन को भी वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में काम किया है और हानाम को के-पॉप का अंतरराष्ट्रीय गंतव्य बनाने की योजना में हैं, मानते हैं कि शिकायतें संवाद हैं, व्यवस्था की सीख हैं, न कि बाधाएँ. वे प्रशासन को एक ऐसी जीवंत प्रक्रिया मानते हैं, जो हर नागरिक के जीवन को छूने और समझने से शुरू होती है.

शिकायत नहीं, सहानुभूति का संकेत है
हानाम ने नागरिक शिकायतों को पारंपरिक “प्रोसेसिंग” से हटाकर समझ, संवाद और समाधान का नया मॉडल विकसित किया है. यहाँ की प्रणाली नागरिकों की भाषा में समझाकर उन्हें सुविधा देने की है, न कि उन्हें विभाग दर विभाग दौड़ाने की. ‘यह हमारा विभाग नहीं है’ जैसी ठंडी प्रतिक्रिया को हानाम ने अपने तंत्र से ही हटा दिया है.

नागरिक केंद्र में, तंत्र आसपास
शहर में सिविल कम्प्लेंट कोऑर्डिनेटर जैसी व्यवस्था है, जहाँ एक अनुभवी अधिकारी हर शिकायत को प्रारंभ से ही समझता है और उसी के अनुरूप समाधान की राह दिखाता है. यदि मामला जटिल हो, तो सेवानिवृत्त विशेषज्ञ परामर्शदाता से लेकर संबंधित विभाग प्रमुख तक शिकायतकर्ता से सीधे संवाद करते हैं. अब तक इस प्रणाली से 26 से अधिक मामलों का समाधान हो चुका है.

एक स्थान पर बहु-विभागीय समाधान
हानाम ने ऐसा संरचनात्मक परिवर्तन किया है, जिसमें नागरिकों को अलग-अलग विभागों में न जाकर एक ही स्थान पर समन्वित समाधान मिल सके. इसके लिए 26 विभागों की सिविल कम्प्लेंट प्रोसेसिंग प्रमोशन टीम बनाई गई है जो आपसी समन्वय से जटिल शिकायतों का निदान करती है. अभी तक 19 मामलों का समाधान इस प्रणाली के तहत किया गया है.

वीडियो काउंसलिंग से समय और दूरी दोनों की बचत
बुज़ुर्गों या दिव्यांगों के लिए शहर हॉल आना कठिन हो सकता है. इस चुनौती से निपटने के लिए हानाम ने 14 वेलफेयर सेंटरों में वीडियो सिविल कम्प्लेंट सिस्टम लागू किया है. अब लोग नज़दीकी केंद्र से ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों से वीडियो संवाद कर सकते हैं. एक मामले में तो एक ही नागरिक की पाँच शिकायतों को चार विभागों ने एक साथ सुना और तत्काल समाधान दिया.

शिकायतों पर नाटक के माध्यम से संवेदनशील प्रशिक्षण
शिकायतों के प्रति सहानुभूति विकसित करने के लिए हानाम ने अप्रैल में “नागरिक की नजर से देखना” शीर्षक से एक ड्रामा-कॉन्सर्ट आधारित प्रशिक्षण आयोजित किया. इसमें अभिनय और व्याख्यान के ज़रिए सिखाया गया कि शिकायतों पर उत्तर देना केवल प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानवीय समझ और करुणा की परीक्षा है.

सहयोगी प्रणाली और त्वरित प्रतिक्रिया
शहर ने पुलिस, फायर स्टेशन और शिक्षा विभाग के साथ समझौता कर एक साझा हॉटलाइन और रीयल-टाइम वीडियो कॉन्फ्रेंस आधारित त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र बनाया है. एक मामले में नशे, किशोर अपराध और रात के शोर जैसी शिकायत पर सभी विभागों ने एक साथ ऑनलाइन बैठक कर तत्काल समाधान साझा किया — जिससे नागरिकों की संतुष्टि भी सुनिश्चित हुई.

लगातार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
हानाम दूसरे वर्ष लगातार राष्ट्रपति प्रशस्ति पत्र पाने वाला देश का पहला शहर बन गया है. नागरिक सेवा पर केंद्रित इस सम्मान में हानाम ने देश के 226 स्थानीय निकायों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया. विशेष बात यह रही कि ‘नागरिक धारणा सूचकांक’ में भी यह शहर औसत से 8.21 अंक अधिक स्कोर कर पाया.

प्रशासन नहीं, नागरिकों की राहत की संरचना
महापौर ली ह्योन-जे का मानना है कि “प्रशासन वहीं से शुरू होना चाहिए जहाँ लोगों की तकलीफ शुरू होती है.” इस दृष्टिकोण ने हानाम को एक ऐसा शहर बना दिया है जहाँ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, प्रशासनिक सहानुभूति प्राथमिकता है — जहाँ हर उत्तर में एक समझदारी, हर प्रतिक्रिया में एक भरोसा झलकता है.

हानाम ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि अगर प्रशासन में संवेदना, संवाद और सरलता हो, तो सरकार और जनता के बीच की दूरी मिट सकती है. यह केवल एक शहर नहीं, एक शासन दर्शन बन चुका है — एक ऐसा नगर, जहाँ अधिकारी का एक शब्द भी नागरिक को राहत देता है, और उनकी मुद्रा ही भरोसा बन जाती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-