मुंबई. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे आज 6 साल बाद उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पहुंचे. इस दौरान राज ने शिवसेना यूटीबी चीफ उद्धव ठाकरे को गले लगाया और बुके देकर जन्मदिन की बधाई दी.
इससे पहले आखिरी बार 6 साल पहले 2019 में राज ठाकरे मातोश्री गए थे. उन्होंने उद्धव परिवार को अपने बेटे अमित की शादी में आने का न्योता दिया था. वहीं औपचारिक रूप से राज 2012 में मातोश्री गए थे. उस समय बालासाहेब ठाकरे बीमार थे. 5 जुलाई को 20 साल बाद उद्धव और राज मुंबई के वर्ली डोम में एक रैली के दौरान साथ नजर आए थे. इस मौके पर दोनों की तरफ से आगे साथ मिलकर राजनीति करने के संकेत दिए गए थे. उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी डछै बनाई थी. तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे. गौरतलब है कि 1989 में राज ठाकरे 21 साल की उम्र में शिवसेना की स्टूडेंट विंग भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष थे. राज इतने सक्रिय थे कि 1989 से लेकर 1995 तक 6 साल के भीतर उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने के अनगिनत दौरे कर डाले. 1993 तक उन्होंने लाखों की तादाद में युवा अपने व शिवसेना के साथ जोड़ लिए. इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे राज्य में शिवसेना का तगड़ा जमीनी नेटवर्क खड़ा हो गया.
20 साल बाद ठाकरे परिवार एक साथ आया था-
महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे ने मराठी एकता पर 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में रैली की थी. इस मौके पर दोनों की तरफ से आगे साथ मिलकर राजनीति करने के संकेत दिए गए. राज ठाकरे ने कहा था मैंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है. 20 साल बाद हम एक मंच पर आए हैं आपको दिख रहे हैं. हमारे लिए सिर्फ महाराष्ट्र व मराठी एजेंडा है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. वहीं उद्धव ने कहा था कि हमारे बीच की दूरियां जो मराठी ने दूर कीं सभी को अच्छी लग रही हैं. मेरी नजर में हमारा एक साथ आना और यह मंच साझा करना, हमारे भाषण से कहीं ज्यादा अहम है.
2005 में शिवसेना पर उद्धव हावी होने लगे-
2002 तक राज ठाकरे व उद्धव शिवसेना को संभाल रहे थे. 2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ. बालासाहेब ठाकरे ने राज से कहा कि उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाओ. राज ने पूछा मेरा और मेरे लोगों का क्या होगा. 2005 तक उद्धव पार्टी पर हावी होने लगे थे. पार्टी के हर फैसले में उनका असर दिखने लगा था. ये बात राज ठाकरे को अच्छी नहीं लगी.
राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ीए डछै का ऐलान किया-
27 नवंबर 2005 को राज ठाकरे के घर के बाहर हजारों समर्थकों की भीड़ इक_ा हुई. यहां राज ने समर्थकों से कहा कि मेरा झगड़ा मेरे वि_ल (भगवान विठोबा) के साथ नहीं हैए बल्कि उसके आसपास के पुजारियों के साथ है. कुछ लोग हैं जो राजनीति की एबीसी को नहीं समझते हैं. इसलिए मैं शिवसेना के नेता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. बालासाहेब ठाकरे मेरे भगवान थे हैं और रहेंगे. 9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का ऐलान कर दिया. राज ने मनसे को मराठी मानुस की पार्टी बताया और कहा कि यही पार्टी महाराष्ट्र पर राज करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

