मुंबई. भारत के मोबाइल बाजार में एक अप्रत्याशित लेकिन दिलचस्प बदलाव देखने को मिला है. 2025 की पहली तिमाही (Q1 CY 2025) में Vivo Y29 5G देश का सबसे अधिक बिकने वाला स्मार्टफोन मॉडल बनकर उभरा है. इसी के साथ Vivo ने देश के सबसे बड़े स्मार्टफोन ब्रांड के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है, जबकि Samsung को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.
लेकिन सवाल यह है कि आखिर Vivo ने इतनी तेजी से बाजार में कैसे पकड़ बनाई? और Samsung जैसी पुरानी दिग्गज कंपनी को किस वजह से पीछे छोड़ दिया?
विश्लेषकों के अनुसार, इसका मुख्य कारण है मूल्य और विशेषताओं के बीच संतुलन. Vivo Y29 5G न केवल अत्याधुनिक 5G कनेक्टिविटी प्रदान करता है, बल्कि इसकी कीमत भी भारतीय मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं की पहुंच में है. फोन की बैटरी क्षमता, कैमरा प्रदर्शन, और sleek डिज़ाइन जैसे पहलुओं ने इसे बजट सेगमेंट के भीतर 'प्रीमियम फील' वाला डिवाइस बना दिया.
बाज़ार रणनीति की बात करें तो Vivo ने टियर-2 और टियर-3 शहरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. आक्रामक ऑफलाइन मार्केटिंग, EMI विकल्पों की उपलब्धता, और व्यापक डीलर नेटवर्क ने कंपनी को उन उपभोक्ताओं तक पहुँचने में मदद की जो अक्सर ऑनलाइन खरीदारी नहीं करते. इसने ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी Vivo की लोकप्रियता को बढ़ाया.
दूसरी ओर, Samsung की रणनीति मुख्यतः मिड-प्रो और फ्लैगशिप श्रेणियों पर केंद्रित रही, जिससे वह बजट-संवेदनशील उपभोक्ता वर्ग को पूरी तरह से साध नहीं सका. Galaxy A और M सीरीज़ भले ही तकनीकी रूप से दमदार हों, लेकिन उनकी कीमतें कई बार उपयोगकर्ता की अपेक्षाओं से ऊपर रही हैं. इसके अलावा, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि Samsung के अपडेट और सर्विस सपोर्ट सिस्टम ने भी हाल के समय में कुछ उपयोगकर्ताओं को निराश किया है.
एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है 5G का विस्तार. भारत में 5G सेवाओं की पहुँच बढ़ने के साथ, अब उपभोक्ता ऐसे स्मार्टफोन की तलाश में हैं जो इस तकनीक को सपोर्ट करें लेकिन साथ ही पॉकेट-फ्रेंडली हों. Vivo Y29 ने इस आवश्यकता को बिल्कुल सही समय पर पहचाना और उत्पाद उपलब्ध कराया.
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि Vivo ने स्थानीय उपभोक्ता व्यवहार, मूल्य-समझदारी, और 5G की मांग को बेहतर तरीके से समझा और उस आधार पर अपनी रणनीति को तैयार किया. आने वाले समय में Samsung और अन्य दिग्गज कंपनियों को बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए इस बदलाव से सीखना होगा और अपनी रणनीतियों को पुनर्संतुलित करना होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

