बांसवाड़ा (व्हाट्सएप– 6367472963): जिला प्रमुख श्रीमती रेशम मालवीया ने जिले में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की सफलता के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक हर हाल में पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक योजनाएं ज़मीनी स्तर पर पात्र लाभार्थियों तक नहीं पहुंचतीं, तब तक उनका उद्देश्य अधूरा रह जाता है.
श्रीमती मालवीया मंगलवार को जिला परिषद बांसवाड़ा की विभिन्न स्थाई समितियों — सामाजिक सेवाएं एवं सामाजिक न्याय, शिक्षा, वित्त एवं कराधान, विकास एवं उत्पादन कार्य, ग्रामीण विकास तथा प्रशासन एवं स्थापना समिति — की संयुक्त बैठकों की अध्यक्षता कर रही थीं. बैठक में उन्होंने विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जन समस्याओं का समाधान समयबद्ध और संवेदनशीलता के साथ किया जाए.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों में लापरवाही नहीं बरती जाए और सभी विभाग अपने लक्ष्यों की पूर्ति निश्चित समय सीमा में करें. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाललाल स्वर्णकार सहित समितियों के अध्यक्ष व सदस्यगण — राजेश कटारा, कृष्णा कटारा, हकरु मईडा, ललित पाटीदार, राजेंद्र जैन, मुकेश भाई, जोरजी भाई, बसंती देवी, राधा, कांता बारिया, सोनल, हकू, लोजी, इंदिरा, मणि, पिंटू चरपोटा, काली बाई, प्रवीण कुमार, सुषमा, नरेश मछार आदि बैठक में मौजूद रहे.
बैठक में महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा (प्रारंभिक एवं माध्यमिक), यातायात, पुलिस, साक्षरता, रसद, पशुपालन एवं कृषि विभाग के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विभागीय प्रगति की जानकारी प्रस्तुत की.
चर्चा में उठे महत्वपूर्ण जन मुद्दे
ग्रामीण क्षेत्रों में फर्जी डॉक्टरों की बढ़ती संख्या
मजदूरों पर अनावश्यक चालान की कार्यवाही
जिला मुख्यालय पर मजदूरों के ठहराव की असुविधा
समाज कल्याण छात्रावास से जुड़ी समस्याएं
राशन डीलरों की नियुक्ति में अनियमितता
शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की भरती
विद्यालयों और सरकारी परिसरों के जर्जर भवन
जिला प्रमुख ने इन सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों से प्राप्त समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्ज कर उच्च अधिकारियों तक शीघ्र प्रेषित करें. उन्होंने कहा कि जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले की सामाजिक और आर्थिक संवेदनशीलता को देखते हुए हर निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से लिया जाए.
विभागीय अधिकारियों को दिए ये प्रमुख निर्देश:
योजनाओं की पात्रता जांच में पारदर्शिता रखें
समय पर सूचनाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें
प्रत्येक समस्या का लिखित समाधान प्रेषित करें
जन प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सुझावों पर त्वरित कार्रवाई करें
अंत में, जिला प्रमुख मालवीया ने कहा कि “विकास की असली कसौटी यह है कि समाज का सबसे अंतिम व्यक्ति खुद को शासन की प्राथमिकता में महसूस करे." उन्होंने सभी विभागों से सामंजस्य और संवाद के साथ कार्य करने का आह्वान किया ताकि बांसवाड़ा जिले को योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य स्तर पर उदाहरण बनाया जा सके.
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