नई दिल्ली. कांग्रेस बिहार में एसआईआर को लेकर लगातार सवाल उठा रही है. इसी कड़ी में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ता-विरोधी भावना हर लोकतंत्र में हर पार्टी को प्रभावित करती है. लेकिन किसी न किसी वजह सेए लोकतांत्रिक ढांचे में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मूल रूप से इस सत्ता-विरोधी भावना से ग्रस्त नहीं है. उन्होंने कहा कि एग्जि़ट पोल ओपिनियन पोल कुछ कहते हैं, जैसा आपने हरियाणा चुनाव में देखा, मध्य प्रदेश चुनाव में देखा और फिर अचानक नतीजे पूरी तरह से अलग दिशा में चले जाते हैं और भारी उलटफेर होते हैं.
राहुल ने कहा कि इसमें हमारा अपना आंतरिक सर्वेक्षण भी शामिल है जो काफ़ी परिष्कृत है. तोए सर्वेक्षण हमें कुछ दिखा रहे थे जनमत सर्वेक्षण हमें कुछ दिखा रहे थे. नियमित सर्वेक्षण हमें कुछ दिखा रहे थे और अचानक हमें पता चल रहा है कि नतीजे उलटे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की नींव इस तथ्य पर टिकी है कि एक व्यक्ति को एक वोट मिलता है. इसलिए जब हम चुनाव की योजना बना रहे होते हैं तो सबसे ज़रूरी बात यह होती है कि एक व्यक्ति एक वोट का विचार कितना सुरक्षित है. क्या सही लोगों को वोट देने की अनुमति मिल रही हैघ् क्या मतदाता सूची में फज़ऱ्ी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं.
क्या मतदाता सूची सही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले कुछ समय से जनता के बीच कुछ बातों को लेकर संदेह बना हुआ है. सत्ता-विरोधी भावना हर लोकतंत्र में हर पार्टी को प्रभावित करती है. किसी न किसी वजह से भाजपा ही लोकतांत्रिक ढांचे में एकमात्र ऐसी पार्टी लगती है जो सत्ता.विरोधी भावना से प्रभावित नहीं होती. उन्होंने कहा कि लाखों भारतीय सशंकित थे. भाजपा जादुई तरीके से सत्ता विरोधी लहर से अछूती रही.
भाजपा की भारी और अप्रत्याशित जीत का अंतर. जनमत और एग्जिट पोल बिल्कुल गलत. राहुल ने साफ तौर पर कहा कि वोटर लिस्ट पर चुनाव आयोग जवाब दे. उन्होंने कहा कि अब चुनाव की प्रक्रिया महीनों चलती है. वोटिंग के सीसीटीवी फुटेज डिलीट किए गए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली हुई. महाराष्ट्र में 40 लाख संदिग्ध वोटर फेक वोटर्स कहां से आ रहे. उन्होंने जोर देकर कहा कि एग्जिट पोल कुछ और नतीजे कुछ औरण्ण्ण्ऐसे कैसे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 5 महीनों में 5 वर्षों की तुलना में अधिक मतदाताओं के जुडऩे से हमारा संदेह बढ़ गया और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदाता मतदान में भारी उछाल आया. विधानसभा में हमारा गठबंधन साफ हो गया और लोकसभा में हमारा गठबंधन भारी पड़ गया. बहुत ही संदिग्ध.
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हमने पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए मतदाता खेल में शामिल हुए. हम चुनाव आयोग गए और यह लेख लिखा और हमारे तर्क का सार यह था कि महाराष्ट्र का चुनाव चुराया गया था. समस्या का सार क्या है. मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है. चुनाव आयोग हमें मतदाता सूची देने से इनकार करता है और फिर उन्होंने कुछ बहुत ही दिलचस्प किया. उन्होंने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने जा रहे हैं. यह हमारे लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि महाराष्ट्र में संख्याओं को जोडऩे के लिए शाम 5ण्30 बजे के बाद बड़े पैमाने पर मतदान के बारे में एक प्रश्न था. हमारे लोग जानते थे कि मतदान केंद्रों में ऐसी कोई बात नहीं हुई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

