MP: जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर से एयरपोर्ट पहुंचा दिल-लिवर, भोपाल-अहमदाबाद में होगा ट्रांसप्लांट, ब्रेन डेड सत्येंद्र देने जा रहे 3 लोागें को नई जिंदगी

MP: जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर से एयरपोर्ट पहुंचा दिल-लिवर

प्रेषित समय :19:07:24 PM / Thu, Aug 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. आज सुबह शुरु हुईप्रक्रि या दोपहर तक जारी रही. तीन लोगों को नई जिदंगी देने जा रहे ब्रेन डेड सत्येन्द्र का चार डाक्टरों ने 4 डाक्टरों की टीम ने दो घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज के अंगों को सुरक्षित निकाला और उसके बाद फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर देश के दो अलग-अलग शहरों में भेजा गया.

मरीज का हार्ट गुजरात के अहमदाबाद व लिवर भोपाल फ्लाइट से भेजा गया. जबकि एक किडनी जबलपुर में ही जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट की जाएगी. वहीं दूसरी किडनी सुरक्षित रखी गई है. सिवनी निवासी सत्येंद्र यादव का ब्रेन डेड हो गया है. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से अंग दान के बारे में बात की तो वो तैयार हो गए. जिसके बाद डॉक्टर की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ नवनीत सक्सेना ने बताया कि अंगदान करने वाले मरीज सत्येंद्र का हार्ट, लिवर अव किडनी दान किए गए हैं. ग्रीन कॉरिडोर को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारी पहले से कर रखी थी. सुबह करीब 11 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनना था, लेकिन अहमदाबाद से फ्लाइट लेट होने के कारण शाम चार बजे हार्ट गुजरात भेजा गया. वहीं 4 बजकर 20 मिनट पर लीवर भोपाल रवाना हुआ.

एक किडनी सुरक्षित रखी जाएगी-

मरीज का दिल गुजरात के अहमदाबाद में एक जरूरतमंद मरीज के लिए भेजा गया है. जहां उसकी जान बचाई जा सकेगी. वहीं लिवर भोपाल गया है. सत्येंद्र की एक किडनी जबलपुर में ही किसी जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी, जबकि दूसरी किडनी को भी सुरक्षित रखा गया है.

अस्पताल से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर-

ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से शाम को मेडिकल अस्पताल से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस कॉरिडोर के जरिए एम्बुलेंस को बिना किसी रुकावट के एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. ताकि अंगों को तुरंत फ्लाइट से भेजा जा सके. अंगदान के प्रति जबलपुर में जागरूकता बढ़ी है. लिवर लेने के लिए भोपाल से डॉक्टरों की टीम सुबह 10.30 बजे मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जबलपुर पहुंच गई थी. लेकिन गुजरात से जबलपुर की फ्लाइट लेट होने के कारण पूरी प्रक्रिया में विलंब हुआ. एम्बुलेंस के माध्यम से दोनों ऑर्गन को डुमना एयरपोर्ट के लिए रवाना किया जो करीब 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचा. यहां से दो अलग-अलग फ्लाइट से लिवर और हार्ट भोपाल और अहमदाबाद भेजा गया. शहर के ट्रैफिक को देखते हुए एम्बुलेंस मेडिकल कॉलेज से बरगी हिल्स, नयागांव, रामपुर, सीएमएस होते हुए सिविल लाइन से डुमना एयरपोर्ट पहुंची.

एक्सीडेंट के बाद सत्येंद्र ब्रेन डेड हुआ-

सत्येंद्र के भाई विजय यादव ने बताया कि वह जबलपुर में किराए का कमरा लेकर पत्नी के साथ रहता था. 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव सिवनी जिले के गोरखपुर बिछुआ गांव के रहने वाले थे. परिवार में माता, पिता, बड़ा भाई और पत्नी है. अप्रैल 2025 में सत्येंद्र का विवाह हुआ था. यहां पर वह गैस कंपनी में डिलीवरी का काम करता था. 4 अगस्त की रात को काम खत्म करने के बादए जब वह गढ़ा थाना अंतर्गत सूपाताल के पास पहुंचा, तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया. विजय का कहना है कि परिवार वालों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि अगर सत्येंद्र के हार्ट और लिवर से किसी की जान बच सकती है, तो इससे अच्छा क्या होगा. इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर हमने अंग दान करने का निर्णय लिया है.

एक साल में तीसरी बार बना ग्रीन कॉरिडोर-

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ नवनीत सक्सेना ने बताया कि इस साल तीसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को सत्येंद्र को भर्ती किया गया था. हालत बहुत गंभीर थी इसके बाद भी डॉक्टर व  नर्स की टीम लगातार उसे बचाने के प्रयास में जुटी रही. लेकिन आखिरकार बीती  रात को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. परिवार वालों से हमने अंगदान की बात की तो वो तैयार हो गए, इसके बाद पता किया तो मध्यप्रदेश में हार्ट की जरूरत नहीं थीए जिसके लिए अहमदाबाद ने संपर्क किया, जबकि लिवर की भोपाल से डिमांड आई.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-