Google का ‘नो-टच’ मोबाइल हैक अलर्ट: एंड्रॉइड यूजर्स के लिए बड़ी चेतावनी

Google का ‘नो-टच’ मोबाइल हैक अलर्ट: एंड्रॉइड यूजर्स के लिए बड़ी चेतावनी

प्रेषित समय :20:06:25 PM / Sun, Aug 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

गूगल ने एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक गंभीर सुरक्षा चेतावनी जारी की है, जिसने दुनियाभर में मोबाइल सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. यह चेतावनी एक नए और बेहद खतरनाक साइबर हमले से जुड़ी है, जिसे “नो-टच” हैक नाम दिया गया है. इस हैक की खासियत—या कहें खतरनाक पहलू—यह है कि इसमें हैकर्स को आपके फोन पर नियंत्रण पाने के लिए आपको किसी लिंक पर क्लिक करने, ऐप डाउनलोड करने या किसी संदिग्ध फाइल को खोलने की जरूरत नहीं पड़ती. यानी, बिना आपके किसी हस्तक्षेप के, आपका फोन दूर से हैक किया जा सकता है और उसकी पूरी कमान साइबर अपराधियों के हाथों में जा सकती है.

इस सुरक्षा खतरे को CVE-2025-48530 कोड दिया गया है और इसे ‘क्रिटिकल’ श्रेणी में रखा गया है. गूगल के मुताबिक, यह कमजोरी फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद एक ऐसे सुरक्षा छेद से जुड़ी है, जो नेटवर्क के जरिए एक्सप्लॉइट किया जा सकता है. एक बार हैकर इस कमजोरी का फायदा उठा ले, तो वह आपके फोन की फाइलें देख सकता है, आपके कैमरा और माइक्रोफोन को ऑन कर सकता है, लोकेशन ट्रैक कर सकता है और यहां तक कि आपके बैंकिंग ऐप्स या निजी डाटा तक भी पहुंच सकता है.

गूगल ने अगस्त 2025 के सुरक्षा अपडेट में न सिर्फ इस खामी को ठीक किया है, बल्कि दो और गंभीर कमजोरियों—CVE-2025-22441 और CVE-2025-48533—का भी समाधान किया है. इन कमजोरियों के जरिए भी फोन की सुरक्षा दीवार को तोड़ा जा सकता था, हालांकि इनके लिए कुछ यूजर इंटरैक्शन जरूरी था. गूगल का कहना है कि इस अपडेट को तुरंत इंस्टॉल करना सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इस प्रकार की कमजोरियां जैसे ही सार्वजनिक होती हैं, साइबर अपराधी उनका दुरुपयोग करने में देर नहीं लगाते.

इसके साथ ही, गूगल ने यह भी घोषणा की है कि वह अब कुछ पुराने एंड्रॉइड डिवाइसों के लिए सुरक्षा समर्थन समाप्त कर रहा है. इनमें Google Pixel 3a, Samsung Galaxy S10 सीरीज और OnePlus 7 जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि इन डिवाइसों को अब गूगल से कोई भी नया सुरक्षा पैच या अपडेट नहीं मिलेगा, जिससे वे भविष्य के साइबर हमलों के प्रति असुरक्षित हो जाएंगे. ऐसे में इन डिवाइसों के यूजर्स को या तो जल्द से जल्द नए डिवाइस पर स्विच करने की सलाह दी गई है, या फिर अपने मौजूदा फोन को केवल ऑफलाइन और सीमित कार्यों के लिए इस्तेमाल करने की.

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि “नो-टच” हैक एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म के लिए एक नया खतरे का आयाम खोलता है, क्योंकि अब तक अधिकांश साइबर हमले किसी न किसी यूजर एक्शन पर निर्भर होते थे—जैसे कि फिशिंग लिंक पर क्लिक करना या किसी संदिग्ध ऐप को इंस्टॉल करना. लेकिन इस मामले में, हैकर नेटवर्क-लेवल की कमजोरी का फायदा उठाते हैं और सीधे फोन तक पहुंच बनाते हैं. यह तरीका न केवल चुपचाप काम करता है, बल्कि यूजर को हमले का पता भी नहीं चल पाता, जब तक कि डिवाइस में असामान्य गतिविधि न शुरू हो जाए.

इस खतरे से बचने के लिए गूगल और सुरक्षा विशेषज्ञ कुछ अहम सुझाव दे रहे हैं—जैसे कि अपने फोन को हमेशा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सुरक्षा पैच पर अपडेट रखना, अज्ञात नेटवर्क (जैसे कि पब्लिक वाई-फाई) का इस्तेमाल सावधानी से करना, और ऐप इंस्टॉल करने के लिए केवल आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर पर भरोसा करना. साथ ही, यदि आपका फोन अब सुरक्षा अपडेट नहीं पा रहा है, तो उसे इंटरनेट से कम से कम जोड़े रखना बेहतर होगा.

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि मोबाइल सुरक्षा केवल यूजर की सावधानी पर नहीं, बल्कि समय-समय पर मिलने वाले सुरक्षा अपडेट पर भी निर्भर है. साइबर अपराधियों के तौर-तरीके लगातार विकसित हो रहे हैं और “नो-टच” हैक इस बात का प्रमाण है कि तकनीकी कमजोरियों का दुरुपयोग अब पहले से भी अधिक चतुर और खतरनाक तरीके से किया जा रहा है. ऐसे में, हर एंड्रॉइड यूजर के लिए यह जरूरी है कि वह इस चेतावनी को गंभीरता से ले और अपने डिवाइस को तुरंत अपडेट करे, ताकि डिजिटल दुनिया में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-