प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का चेहरा पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बदला है. पहले जहां अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र भरने, एडमिट कार्ड डाउनलोड करने या पढ़ाई के संसाधन जुटाने के लिए अलग-अलग स्रोतों पर जाना पड़ता था, अब ये सारी सुविधाएं सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ही उपलब्ध हो गई हैं. इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टेलीग्राम और फेसबुक पर ऐसे सैकड़ों पेज और चैनल सक्रिय हैं, जो खासतौर पर JEE, UPSC, बैंकिंग, SSC, रेलवे और PET जैसी परीक्षाओं के लिए समय पर सूचनाएं और पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध कराते हैं.
इंस्टाग्राम पर कई पेज रोजाना नए पोस्ट के माध्यम से आवेदन से लेकर परीक्षा की तारीख, एडमिट कार्ड जारी होने और रिजल्ट आने तक की पूरी जानकारी साझा करते हैं. ये पेज विजुअल पोस्ट, रील्स और कैरौसेल के जरिए जरूरी अपडेट्स को इस तरह पेश करते हैं कि छात्र आसानी से उन्हें सेव कर सकें और जरूरत पड़ने पर दोबारा देख सकें.
यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर्स और शिक्षकों ने परीक्षा की तैयारी के लिए विस्तृत वीडियो सीरीज तैयार की है. इनमें विषयवार लेक्चर, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण, मॉक टेस्ट और टॉपर्स के इंटरव्यू शामिल होते हैं. खास बात यह है कि इन वीडियो में फॉर्म भरने की प्रक्रिया और उससे जुड़ी सावधानियों पर भी विस्तार से बताया जाता है, ताकि छात्र छोटी-छोटी गलतियों के कारण अपनी मेहनत बर्बाद न करें.
टेलीग्राम और व्हाट्सऐप ग्रुप्स भी इस डिजिटल तैयारी का अहम हिस्सा बन गए हैं. इन ग्रुप्स में दिनभर नोट्स, पीडीएफ, करंट अफेयर्स और प्रैक्टिस सेट साझा किए जाते हैं. कई शिक्षक अपने छात्रों को यहां लाइव क्विज भी कराते हैं, जिससे उनकी तैयारी का मूल्यांकन होता है.
इस बदलाव ने ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को भी फायदा पहुंचाया है. पहले जहां उन्हें शहर जाकर कोचिंग में दाखिला लेना पड़ता था, अब वे अपने मोबाइल फोन से ही बेहतरीन तैयारी सामग्री तक पहुंच सकते हैं. साथ ही, ऑनलाइन माध्यम समय और पैसे दोनों की बचत करता है.
हालांकि, सोशल मीडिया पर उपलब्ध इस सुविधा के साथ सतर्कता भी जरूरी है. हर पेज या चैनल की जानकारी सटीक और भरोसेमंद नहीं होती. फर्जी वेबसाइट और ठगी करने वाले अकाउंट भी सक्रिय रहते हैं, जो एडमिट कार्ड या स्टडी मटेरियल के नाम पर छात्रों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सरकारी वेबसाइट के लिंक और प्रमाणित शैक्षणिक स्रोतों से ही जानकारी ली जाए.
कुल मिलाकर, PET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सोशल मीडिया एक ऐसा डिजिटल गाइड बन चुका है, जो न सिर्फ जानकारी देता है बल्कि तैयारी को भी आसान और सुलभ बना देता है. फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा देने तक की पूरी यात्रा में अब मोबाइल की स्क्रीन और इंटरनेट का सहयोग उतना ही जरूरी हो गया है, जितना कि किताबों और नोट्स का. यह बदलाव दिखाता है कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तकनीक और शिक्षा का संगम छात्रों के लिए नई राहें खोल रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

