पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित डुमना एयरपोर्ट पर साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी एयरपोर्ट सुधर नहीं रहा है. फ्लाइट्स लगातार बंद हो रही हैं और लोगों को सफर में परेशानी हो रही है. इसको लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्यों न डुमना एयरपोर्ट को ही बंद कर दिया जाए. कोर्ट ने विमान कंपनियों को इस मामले में पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सरकार से भी तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है. अब अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. इससे पहले 29 जुलाई को सुनवाई हुई थी. तब हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि डुमना एयरपोर्ट के लिए क्या योजनाएं बनाई है. 2024 में जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी पहले अच्छी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे सभी फ्लाइट्स बंद हो रही हैं. मुंबई, पुणे, कोलकाता व बेंगलुरु जैसी जगहों के लिए पहले सीधी फ्लाइट्स थीं, जो अब नहीं हैं. हाल ही में भोपाल के लिए भी फ्लाइट बंद कर दी गई है.
विमान कंपनियां बोलीं, फ्लाइट्स चलाना घाटे का सौदा-
विमान कंपनियों का कहना है कि जबलपुर एयरपोर्ट पर टैक्स व चार्जेस ज्यादा हैं इस वजह से फ्लाइट्स चलाना घाटे का सौदा है. दूसरी तरफ सरकार ने बताया कि उन्होंने कुछ सर्विस चार्ज कम कर दिए हैं और एयरलाइंस कंपनियों को बैठक के लिए बुलाया थाए लेकिन वे नहीं आए. सरकार ने यह भी कहा कि फरवरी 2025 से एक नई योजना लागू होगी जिसमें विमान कंपनियों को रियायती दरों पर सुविधाएं दी जाएंगी.
हाईकोर्ट ने दी कड़ी प्रतिक्रिया-
कोर्ट ने कहा कि साढ़े 450 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद जब एयरपोर्ट से फ्लाइट्स नहीं चल रहीं तो इसका क्या फायदा. कोर्ट ने सरकार व विमान कंपनियों दोनों की लापरवाही पर नाराजगी जताई और कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो एयरपोर्ट को बंद करने पर भी विचार किया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

