केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से आयोजित होने वाली सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) 2025 को लेकर देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के बीच उत्सुकता बनी हुई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस खबर ने तेजी से जगह बना ली है कि CBSE अब बहुत जल्द CTET 2025 की आधिकारिक अधिसूचना जारी करने जा रहा है. यह परीक्षा न केवल केंद्रीय विद्यालयों में अध्यापक बनने की अनिवार्य शर्त है, बल्कि कई राज्यों और निजी शैक्षणिक संस्थानों में भी इसकी वैधता मानी जाती है. यही कारण है कि हर साल लाखों परीक्षार्थी इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं और शिक्षण क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं.
भारत जैसे विशाल देश में शिक्षकों की भूमिका हमेशा से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले शिक्षक न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि समाज में मूल्य, संस्कार और नई सोच का विकास भी करते हैं. ऐसे में अध्यापक बनने की योग्यता सुनिश्चित करने के लिए CBSE द्वारा आयोजित CTET का महत्व और भी बढ़ जाता है. यह परीक्षा सुनिश्चित करती है कि विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक न केवल अकादमिक दृष्टि से दक्ष हों, बल्कि बच्चों के साथ संवाद और समझ विकसित करने में भी सक्षम हों.
CTET की चर्चा इस समय इसलिए भी गर्म है क्योंकि पिछले वर्षों में शिक्षा प्रणाली में हुए बदलाव और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के लागू होने के बाद शिक्षण पेशे की गरिमा और जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है. अब केवल शिक्षक बनने की इच्छा पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी योग्यता और पेशेवर क्षमता को प्रमाणित करने की आवश्यकता है. यही कारण है कि CTET जैसे मानक टेस्ट की अहमियत पहले से कहीं ज्यादा हो गई है.
सोशल मीडिया पर इस परीक्षा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर तेजी से वायरल हो जाती है. CTET 2025 की अधिसूचना को लेकर छात्रों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों पोस्ट्स और चर्चाओं में छात्र एक-दूसरे को संभावित तारीखों, पात्रता मानकों और परीक्षा पैटर्न को लेकर जानकारी साझा कर रहे हैं. तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी अपने प्रचार-प्रसार में इस खबर का उपयोग करते हुए छात्रों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं.
शिक्षा जगत के जानकार मानते हैं कि CTET की तैयारी केवल परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह शिक्षक बनने के मूलभूत सिद्धांतों को समझने और बच्चों के मनोविज्ञान को पढ़ने की कला सिखाती है. परीक्षा में शामिल होने वाले प्रश्नपत्र न केवल विषयगत ज्ञान की जांच करते हैं, बल्कि शिक्षण पद्धति, कक्षा प्रबंधन, बच्चों की भाषा और सीखने की प्रक्रिया को भी परखते हैं. यही वजह है कि कई बार यह परीक्षा छात्रों को कठिन प्रतीत होती है और इसे पास करने के लिए लंबी तैयारी की आवश्यकता होती है.
पिछले कुछ वर्षों में CTET के स्वरूप में भी बदलाव आया है. डिजिटल युग को देखते हुए अब यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित की जा रही है. इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि छात्रों को डिजिटल परीक्षा प्रणाली से परिचित होने का अवसर भी मिलता है. 2025 की परीक्षा में भी यही पैटर्न जारी रहने की संभावना है. हालांकि, आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम, पात्रता मानक और पाठ्यक्रम क्या होंगे.
परीक्षा की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि हर साल देशभर से लाखों छात्र इसके लिए आवेदन करते हैं. आंकड़ों की मानें तो 2024 की परीक्षा में लगभग 27 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था. इनमें से लगभग 15 लाख से अधिक ने परीक्षा दी और लगभग 4 लाख से ज्यादा उम्मीदवार सफल घोषित किए गए. इसका मतलब है कि CTET की पासिंग रेट 20 से 25 प्रतिशत के बीच रहती है, जो इसकी कठिनाई और प्रतिस्पर्धा का स्तर स्पष्ट करती है.
CTET में सफलता पाने के बाद उम्मीदवार न केवल केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS), नवोदय विद्यालय समिति (NVS) और आर्मी स्कूल्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में नौकरी के लिए पात्र होते हैं, बल्कि राज्य सरकारों और निजी स्कूलों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाती है. यही कारण है कि इस परीक्षा को शिक्षण क्षेत्र में एक ‘पासपोर्ट’ कहा जा सकता है, जो शिक्षक बनने की राह को सरल बनाता है.
आगामी CTET 2025 को लेकर चर्चा केवल छात्रों के बीच ही नहीं, बल्कि अभिभावकों और शिक्षाविदों के बीच भी हो रही है. कई शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षा केवल चयन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का माध्यम है. यदि देश में योग्य और दक्ष शिक्षक होंगे, तो नई पीढ़ी को बेहतर शिक्षा मिलेगी और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया मजबूत होगी.
इस समय देश के कई हिस्सों में CTET की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं. यूट्यूब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी कोर्स और लेक्चर की भरमार है. छात्र अपने स्तर पर पुराने प्रश्नपत्र हल कर रहे हैं, मॉक टेस्ट दे रहे हैं और विशेषज्ञों की सलाह लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं.
इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की भावनाओं को समझना भी जरूरी है. कई बार यह परीक्षा युवाओं के करियर का निर्णायक मोड़ बन जाती है. विशेषकर ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों से आने वाले उम्मीदवारों के लिए यह परीक्षा जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होती है. उनके लिए शिक्षक की नौकरी न केवल रोजगार का साधन है, बल्कि समाज में प्रतिष्ठा और स्थायित्व का भी प्रतीक है.
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही चर्चाओं को देखकर यह साफ है कि CTET 2025 का नोटिफिकेशन आने के बाद देशभर में इसकी चर्चा और तेज होगी. छात्र आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा केंद्र, एडमिट कार्ड और परिणाम तक हर खबर का बेसब्री से इंतजार करेंगे. फिलहाल यह माना जा रहा है कि सितंबर या अक्टूबर तक परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है और साल के अंत तक या नए साल की शुरुआत में परीक्षा आयोजित की जा सकती है.
परीक्षार्थियों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे इस तैयारी को किस तरह संतुलित ढंग से आगे बढ़ाएं. केवल विषयगत पढ़ाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समय प्रबंधन, मानसिक संतुलन और परीक्षा देने की रणनीति भी सफलता के लिए जरूरी है. कई छात्र इस दौरान मानसिक दबाव में भी आ जाते हैं और असफल होने पर निराशा का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि छात्रों को सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए और लंबी दौड़ की तैयारी करनी चाहिए.
CTET का महत्व इस मायने में और भी बढ़ जाता है कि यह केवल एक नौकरी पाने का रास्ता नहीं है, बल्कि शिक्षा के स्तर को सुधारने का एक मजबूत माध्यम है. इस परीक्षा के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि देश के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक वास्तव में प्रशिक्षित और योग्य हों. यही कारण है कि सरकार और शिक्षा बोर्ड इस परीक्षा को और भी सख्ती और पारदर्शिता के साथ आयोजित करते हैं.
2025 की परीक्षा में क्या नए बदलाव होंगे और कितनी सीटें उपलब्ध होंगी, इसका स्पष्ट उत्तर अधिसूचना आने के बाद ही मिलेगा. लेकिन छात्रों और शिक्षा जगत की निगाहें इस घोषणा पर टिकी हुई हैं. सोशल मीडिया पर यह चर्चा जिस तेजी से चल रही है, उससे साफ है कि लाखों युवाओं की उम्मीदें और सपने इस परीक्षा से जुड़े हैं.
आज जब भारत एक ज्ञान-आधारित समाज बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो शिक्षकों की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है. ऐसे में CTET जैसे मानक टेस्ट यह सुनिश्चित करने का काम करते हैं कि देश के बच्चों तक सही और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे. यही कारण है कि इस परीक्षा को लेकर उत्सुकता और अपेक्षा दोनों चरम पर हैं.
अब देखने वाली बात यह होगी कि CBSE किस तारीख को आधिकारिक अधिसूचना जारी करता है और किस तरह से यह परीक्षा आगामी वर्षों में शिक्षा जगत के लिए नए आयाम गढ़ेगी. लेकिन इतना तय है कि CTET 2025 की घोषणा लाखों युवाओं के जीवन में एक नई उम्मीद और नई ऊर्जा लेकर आएगी.
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