पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी के भोपाल स्थित अनुसूचित जाति विकास कार्यालय राजीव गांधी भवन श्यामला हिल्स में पदस्थ सहायक ग्रेड वन के बाबू को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम जीवन लाल बरार है. वह जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था. जबलपुर लोकयुक्त पुलिस की टीम ने भोपाल में कार्रवाई की है.
लोकायुक्त टीम के अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य कर कार्यालय छिंदवाड़ा में सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ ऊषा दाभीरकर की जाति प्रमाण पत्र को लेकर कुछ समस्या जा रही थी. जिसकी जांच कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग राजीव गांधी भवन भोपाल द्वारा की जा रही थी. चूंकि उषा दाभीरकार की नौकरी 2 साल की बची थी और इसे वरिष्ठ अधिकारियों से बचाते हुए दबाकर रखने के लिए आरोपी जीवन लाल बरार द्वारा बार-बार डिमांड की जा रही थी. जांच से बचने के लिए जीवन लाल बरार ने 5 लाख रुपए की डिमांड की, साथ ही यह आश्वासन दिया कि जांच पत्र अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाएगा, लेकिन इसके लिए रुपए देने होंगे.
उषा ने रिश्वत की राशि कम करने को कही. लेकिन जीवन लाल नहीं माना. परेशान होकर ऊषा दाभीरकर ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले से की. शिकायत की जांच पर पाया कि रिश्वत की बात सही हैए जिसके बाद जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के लिए गठित की गई. आज जबलपुर से 300 किलोमीटर दूर जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 61 वर्षीय जीवन लाल बरार को रिश्वत की पहली किश्त 1 लाख रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी ने रिश्वत के रुपए लेकर अपने घर जी-वन प्रशासनिक अकादमी के सामने पंचशील नगर भोपाल बुलाया था. जबलपुर लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले के निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक नीतू त्रिपाठी, निरिक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक उमा कुशवाहा, निरीक्षक जितेंद्र यादव एवं लोकायुक्त जबलपुर की टीम मौजूद रही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

