गुजरात: 105 आईपीएस-एसपीएस अधिकारियों के तबादले, 20 जिलों और 4 शहरों में नई तैनाती

गुजरात: 105 आईपीएस-एसपीएस अधिकारियों के तबादले, 20 जिलों और 4 शहरों में नई तैनाती

प्रेषित समय :14:53:59 PM / Tue, Aug 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने लंबे समय बाद राज्य पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले करते हुए 105 अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं. इनमें 74 आईपीएस और 31 एसपीएस (स्टेट पुलिस सर्विस) अधिकारी शामिल हैं. आदेश के अनुसार, 20 जिलों के पुलिस अधीक्षक और चार प्रमुख शहरों के 32 डीसीपी स्तर के अफसरों को नई तैनाती दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक, जिन जिलों में पुलिस अधीक्षकों का तबादला किया गया है उनमें वलसाड, मोरबी, राजकोट ग्रामीण, वडोदरा ग्रामीण, डांग, भरुच, बनासकांठा, नर्मदा, देवभूमि द्वारका, अरावली, जामनगर, नवसारी, गिर सोमनाथ, महिसागर, तापी, पंचमहाल, साबरकांठा, खेडा, दाहोद और भावनगर शामिल हैं.

इसलिए हुए हैं तबादले

सरकार का कहना है कि इन तबादलों के पीछे अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन, नागरिकों की प्रतिक्रिया और गुप्त फीडबैक सिस्टम को आधार बनाया गया है. मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री और गृह विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने रिपोर्ट कार्ड आधारित मूल्यांकन कर चंद घंटों में आदेश जारी कर दिए.

इस फेरबदल की खास बात यह है कि 2019-20 बैच के युवा आईपीएस अधिकारियों को अहम शहरों में जोन स्तर पर तैनात किया गया है. वहीं 2018 और उससे पहले के बैच के अधिकारियों को जिलों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. इसके साथ ही 2012-13 बैच के उन अधिकारियों, जिन्हें जल्द पदोन्नति मिलने वाली है, को सीआईडी क्राइम और आर्थिक अपराध शाखा जैसी महत्वपूर्ण यूनिट्स की कमान दी गई है.

महिला अधिकारियों को भी मिला खास जिम्मा

महिला अधिकारियों को भी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी दी गई है. 2021 बैच के नए अफसरों को साइबर क्राइम, तटीय सुरक्षा, जेल प्रबंधन और तकनीकी सेल जैसे आधुनिक और चुनौतीपूर्ण विभागों में अवसर मिला है. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य निगरानी सेल और सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा जैसे प्रमुख पद सौंपे गए हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विशेषज्ञों के अनुसार, पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव से पहले हुआ यह तबादला प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है. सरकार ने जहां वरिष्ठ अधिकारियों की अनुभव क्षमता का इस्तेमाल किया है, वहीं युवाओं को चुनौतीपूर्ण पोस्टिंग देकर नवाचार और नए दृष्टिकोण की संभावनाएं बढ़ी हैं. सूत्र बताते हैं कि यदि किसी अधिकारी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा तो भविष्य में और बड़े फेरबदल भी किए जा सकते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-