#SpaceTourism-अमेज़न ब्लू ओरिजिन का नया स्पेस टूर पैकेज लॉन्च, टिकट की कीमत 2.5 मिलियन डॉलर फिक्स

#SpaceTourism-अमेज़न ब्लू ओरिजिन का नया स्पेस टूर पैकेज लॉन्च, टिकट की कीमत 2.5 मिलियन डॉलर फिक्स

प्रेषित समय :19:15:12 PM / Thu, Aug 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अंतरिक्ष पर्यटन कभी विज्ञान-कथा का हिस्सा माना जाता था, लेकिन अब यह आधुनिक युग का सबसे बड़ा रोमांचक और हाई-टेक अनुभव बन चुका है. इसी क्रम में अमेज़न के संस्थापक जेफ बेज़ोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए नया स्पेस टूर पैकेज लॉन्च किया है. कंपनी ने इस पैकेज की टिकट कीमत 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग 21 करोड़ रुपये से अधिक) तय की है. इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर #SpaceTourism ट्रेंड करने लगा और दुनिया भर में इसको लेकर चर्चाओं की बाढ़ आ गई. कुछ लोग इसे इंसान की कल्पना और विज्ञान की जीत बता रहे हैं तो कुछ इसे "अमीरों का नया शौक" कहकर आलोचना कर रहे हैं.

ब्लू ओरिजिन पहले भी न्यू शेपर्ड (New Shepard) रॉकेट से कुछ सफल पर्यटक उड़ानें करवा चुका है, लेकिन इस बार जो पैकेज लॉन्च किया गया है, उसे "लॉन्ग-ड्यूरेशन स्पेस एक्सपीरियंस" बताया जा रहा है. यानी इस पैकेज के तहत यात्री सिर्फ कुछ मिनटों की सबऑर्बिटल उड़ान का अनुभव नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें अंतरिक्ष में कुछ दिनों तक रहने का मौका मिलेगा. कंपनी ने दावा किया है कि यह अनुभव इतना वास्तविक और अद्भुत होगा कि लोग खुद को किसी साइंस-फिक्शन फिल्म का हिस्सा समझेंगे.

सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होते ही तमाम प्रतिक्रियाएँ आने लगीं. ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और रेडिट पर #SpaceTourism और #BlueOrigin टॉप ट्रेंड्स में शुमार हो गए. कई यूज़र्स ने इसे "मानव सभ्यता का भविष्य" बताया. एक यूज़र ने लिखा – “अगर 1969 में इंसान ने चाँद पर कदम रखा था, तो 2025 इंसान के पर्यटन को अंतरिक्ष में ले जाने का साल कहलाएगा.” वहीं कुछ लोगों ने मज़ाकिया लहजे में लिखा – “पृथ्वी पर छुट्टियाँ मनाने का बजट नहीं बनता, और लोग अब स्पेस में वीकेंड मनाने जाएंगे.”

इस पैकेज की कीमत को लेकर भी बहस छिड़ गई है. 2.5 मिलियन डॉलर हर किसी के लिए संभव नहीं है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह सुविधा केवल सुपर रिच और अरबपतियों के लिए है. लेकिन टेक और स्पेस इंडस्ट्री के विशेषज्ञ कहते हैं कि हर नई तकनीक की शुरुआत महंगी होती है, लेकिन धीरे-धीरे कीमतें घटती हैं. उन्होंने मोबाइल फोन, इंटरनेट और एयर ट्रैवल के उदाहरण दिए. एक वक्त पर ये सब केवल अमीरों की पहुँच में थे, लेकिन अब आम लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा हैं.

ब्लू ओरिजिन के प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस पैकेज में शामिल यात्रियों को पहले सख्त ट्रेनिंग दी जाएगी. यह ट्रेनिंग कई हफ्तों तक चलेगी, जिसमें जीरो-ग्रैविटी में चलने, स्पेस सूट इस्तेमाल करने और इमरजेंसी से निपटने जैसी चीज़ें सिखाई जाएंगी. यात्रियों को अंतरिक्ष यान से बाहर झाँकने के लिए बड़े-बड़े पैनोरामिक विंडो दिए जाएंगे, जिनसे पृथ्वी का अद्भुत दृश्य नजर आएगा. कंपनी ने दावा किया कि यह अनुभव उन सभी यात्रियों के जीवन को हमेशा के लिए बदल देगा.

इस खबर के साथ ही अन्य स्पेस कंपनियाँ भी चर्चा में आ गईं. स्पेसएक्स (SpaceX) के एलन मस्क और वर्जिन गैलैक्टिक (Virgin Galactic) के रिचर्ड ब्रैनसन पहले ही स्पेस टूरिज्म में सक्रिय हैं. स्पेसएक्स मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने का सपना दिखा रहा है, जबकि वर्जिन गैलैक्टिक ने सबऑर्बिटल उड़ानों को लगभग कॉमर्शियल रूप दे दिया है. ऐसे में ब्लू ओरिजिन का नया पैकेज इस प्रतिस्पर्धा को और तेज़ कर देगा. कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 10–15 सालों में अंतरिक्ष पर्यटन अरबों डॉलर का उद्योग बन जाएगा.

एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि पर्यावरणविद् इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि रॉकेट लॉन्च से कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है, जिससे पृथ्वी पर प्रदूषण और जलवायु संकट और गंभीर हो सकता है. हालांकि, कंपनियों का दावा है कि वे ग्रीन फ्यूल और रीयूजेबल रॉकेट तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं, ताकि पर्यावरणीय नुकसान कम से कम हो.

युवाओं और बच्चों के बीच इस खबर को लेकर अलग ही उत्साह देखा जा रहा है. टिकटॉक और इंस्टाग्राम रील्स पर लोग मज़ाकिया वीडियो बना रहे हैं—जैसे "स्पेस में होटल बुकिंग", "स्पेस में सेल्फी" या "शून्य गुरुत्वाकर्षण में डांस चैलेंज". कुछ लोगों ने तो स्पेस हनीमून और स्पेस पार्टी की कल्पना तक कर डाली. इस तरह यह खबर केवल वैज्ञानिक और तकनीकी चर्चा तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह पॉप कल्चर का भी हिस्सा बन गई है.

आर्थिक दृष्टि से देखें तो 2.5 मिलियन डॉलर प्रति टिकट बहुत बड़ा निवेश है. लेकिन यह पैसा केवल यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें रिसर्च, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च भी शामिल हैं. ब्लू ओरिजिन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के ज़रिए वे "स्पेस हैबिटेट्स" यानी अंतरिक्ष में रहने योग्य जगह बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. भविष्य में लोग न सिर्फ पर्यटन बल्कि रिसर्च, बिज़नेस और यहाँ तक कि शिक्षा के लिए भी अंतरिक्ष यात्रा कर पाएंगे.

कुछ आलोचकों ने यह सवाल भी उठाया है कि जब पृथ्वी पर गरीबी, भुखमरी और युद्ध जैसी समस्याएँ अभी भी बनी हुई हैं, तो अरबों-खरबों रुपये खर्च कर अंतरिक्ष में पर्यटन कराना क्या सही है? इस पर ब्लू ओरिजिन और उसके समर्थकों का तर्क है कि हर नई खोज और तकनीक शुरू में इसी तरह विवादों में रहती है. लेकिन लंबे समय में इसका फायदा पूरी मानवता को होता है.

कुल मिलाकर, ब्लू ओरिजिन का यह नया पैकेज केवल एक महंगा शौक नहीं है, बल्कि यह भविष्य की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है. सोशल मीडिया पर छाए उत्साह, बहस और मीम्स इस बात का सबूत हैं कि आम जनता भी इस कल्पना से रोमांचित हो रही है. चाहे यह अनुभव आज सिर्फ चुनिंदा अमीर लोगों तक सीमित क्यों न हो, लेकिन आने वाले दशकों में अंतरिक्ष पर्यटन आम लोगों की पहुंच में आ सकता है.

फिलहाल तो दुनिया भर की नज़रें ब्लू ओरिजिन की आने वाली यात्राओं पर टिकी हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि पहला बैच कब रवाना होता है और उनके अनुभव किस तरह दुनिया को प्रेरित करते हैं. एक बात तय है—अंतरिक्ष अब केवल वैज्ञानिकों और अंतरिक्षयात्रियों का क्षेत्र नहीं रह गया है, बल्कि यह धीरे-धीरे आम इंसान के सपनों का भी हिस्सा बनता जा रहा है.

यह ट्रेंड यह संदेश देता है कि मानव सभ्यता अपनी सीमाओं को तोड़कर नए क्षितिज की ओर बढ़ रही है. #SpaceTourism अब केवल एक हैशटैग नहीं, बल्कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी यात्रा का प्रतीक बन चुका है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-