पटना. बिहार में एनडीए गठबंधन की सीटों को लेकर बंटवारा हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के बाद विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों को लेकर गठबंधन दलों के बीच अंतिम सहमति बन गई है.
खबर है कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 102 और भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 20, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) व उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 10-10 सीटें मिली हैं. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. संभावना जताई जा रही है कि एनडीए जल्द ही इसकी घोषणा कर सकता है. कौन सी पार्टी किन सीटों पर लड़ेगी इस पर मंथन चल रहा है. इस दौरान जेडीयू व भाजपा में 1-2 सीटों का अंतर हो सकता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 110 सीटों पर लड़ी थी उसे 74 पर जीत मिली थी. वहीं जेडीयू 115 सीटों पर लड़ी थी और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी. खबर है इस बार इस बार जदयू 102 और भाजपा 101 पर लड़ेंगी. लोकसभा चुनाव में ठश्रच् ने 17ए श्रक्न् ने 16ए स्श्रच् ने 5 और जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक.एक सीट पर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जेडीयू से एक सीट ज्यादा पर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा में जेडीयू अब भाजपा से एक-दो ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
जेडीयू की 13 व भाजपा की 9 सीटें घटेंगी-
2020 के चुनाव से तुलना करें तो इस बार भाजपा की 9 सीटें घट रही हंै. वहीं जदयू जो 115 सीटों पर लड़ी थी, उसे इस बार 13 सीटों पर कॉम्प्रोमाइज करना पड़ेगा. इनकी घटाई गई सीटें लोजपा और बाकी दलों में बंटेंगी. पिछले चुनाव में एनडीए में चार पार्टियां ही थीं. इसमें जदयू और भाजपा ने अपने कोटे से हम को 7 और वीआईपी को 11 सीटें दी थीं. इस बार गठबंधन में 5 पार्टियां है, अभी तक जो फॉर्मूला सामने आया है उसमें जदयू-बीजेपी के अलावे 3 पार्टियों के खाते में 40 सीटें जाने की खबर है.
135 सीटों लड़ी लोजपाए चिराग इस बार एनडीए का हिस्सा-
2020 का चुनाव तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अकेले लड़ा था. पार्टी ने 135 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. हालांकि एक सीट पर ही जीत मिली थी. लोजपा ने खासतौर से जनता दल यूनाइटेड के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जबकि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रत्यक्ष रूप से नहीं लड़ा. हालांकि जून 2021 में लोजपा में टूट हुई और पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) बनी] जबकि चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास)है, जो इस बार के चुनाव में एनडीए का हिस्सा है.

