नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भाजपा और संघ में कोई विवाद नहीं है. हमारे भाजपा सरकार ही नहीं सभी सरकारों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं.
सरकार में फैसले लेने के सवाल पर भागवत ने कहा कि यह कहना गलत है कि सरकार में सब कुछ संघ तय करता है. हम सलाह दे सकते हैं लेकिन निर्णय वे ही लेते हैं. हम तय करते तो इतना समय नहीं लगता. PM-CM को जेल जाने पर पद से हटाने वाले नए बिल पर संघ प्रमुख ने कहा कि नेतृत्व-नेताओं की छवि साफ होना चाहिए. इस पर कानून बने या नहीं ये संसद तय करेगी. तकनीकी शिक्षा का विरोध नहीं है लेकिन नई तकनीक का सदुपयोग हो. मनुष्य तकनीक का मालिक बना रहे, तकनीक मनुष्य की मालिक न बने. उन्होने आगे कहा कि देश की शिक्षा लुप्त की गई और नई शिक्षा लाई गई.
हमारे यहां विदेशी शिक्षा लाई गई ताकि अंग्रेजों के गुलाम बने रहें. अंग्रेज राज करना चाहते थे विकास नहीं. इसलिए ऐसा सिस्टम बनाया गया जिसमें राज कर सकें. इसलिए अब नई शिक्षा नीति लाई गई है. नई शिक्षा नीति में पंचकोशीय शिक्षा का कॉन्सेप्ट रखा गया है. जैसे कला, खेल व योग. अपनी संस्कृति की शिक्षा देना जरूरी है. मुख्य धारा को गुरुकुल शिक्षा से जोडऩा चाहिए. गुरुकुल शिक्षा का मॉडल फिनलैंड ने अपनाया. इंग्लिश एक भाषा है, भाषा सीखने में समस्या नहीं होनी चाहिए. इंग्लिश के लिए हिंदी नहीं छोडऩा चाहिए. भारत को जानना है तो संस्कृत का ज्ञान जरूरी है. आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. आज कार्यक्रम का आखिरी दिन था, जिसमें प्रश्नोत्तर सत्र हुआ.
अन्य राजनीतिक दलों के साथ संबंध-
प्रणव मुखर्जी जब संघ के मंच पर आए तो उनकी संघ के प्रति जो गलतफहमी थी वो दूर हो गई. अन्य राजनैतिक दलों के भी मन परिवर्तन हो सकते हैं. अच्छे काम के लिए जो मदद मांगते हैं उन्हें मदद मिलती है. यदि हम मदद करने जाते हैं और जो मदद नहीं लेना चाहते उन्हें मदद नहीं मिलती. पीएम-सीएम और मंत्री के जेल जाने के बाद पद जाने वाले बिल पर भागवत ने कहा कि नेतृत्व-नेताओं की छवि साफ होना चाहिए. इस पर कानून बने या नहीं ये संसद तय करेगी. लेकिन नेता साफ छवि का होना चाहिए.
संघ के सभी सरकारों के साथ अच्छे संबंध रहे-
संघ के सिर्फ भाजपा सरकार ही नहीं, सभी सरकारों के साथ अच्छे संबंध रहे. हमारे बीच मतभेद के विचार हो सकते हैं लेकिन हमारे यहां कोई मनभेद नहीं है. एक दूसरे पर विश्वास है कि जो कोशिश कर रहे हैं पूरी क्षमता से कर रहे हैं. अलग-अलग चलेंगे तो भी अलग अलग जाना नहीं है सबको एक जगह जाना है.
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