भरतपुर. बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान और सुपरस्टार दीपिका पादुकोण इस समय एक नई और बेहद चर्चित विवाद में घिर गए हैं. दरअसल, राजस्थान के भरतपुर ज़िले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां Hyundai Alcazar कार को लेकर दायर की गई शिकायत में दोनों सितारों के नाम भी शामिल किए गए हैं. यह शिकायत केवल कंपनी तक सीमित नहीं रही, बल्कि कार के प्रचार-प्रसार से जुड़े इन बड़े ब्रांड एंबेसडर्स तक भी पहुंच गई है. भरतपुर के एक खरीदार ने Hyundai Alcazar को लेकर तकनीकी खामियों और सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताओं को दर्ज कराया और इसके आधार पर Hyundai कंपनी के छह अधिकारियों के साथ-साथ शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण के खिलाफ भी FIR दर्ज कर दी गई है. जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर तूफ़ान सा मच गया.
लोगों का कहना है कि बड़े सितारे जब किसी प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं तो उनका असर आम जनता पर सीधा पड़ता है. एक आम ग्राहक सिर्फ कंपनी की तकनीकी जानकारी पर नहीं, बल्कि इन सितारों की छवि और भरोसे पर भी खरीदारी का निर्णय करता है. ऐसे में अगर किसी उत्पाद में ख़राबी निकलती है तो सवाल ब्रांड एंबेसडर्स पर भी उठना स्वाभाविक है. भरतपुर के इस केस ने वही सवाल खड़ा कर दिया है — क्या सितारे केवल ब्रांड प्रमोशन तक ही सीमित रहते हैं या उन्हें अपने प्रचारित उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा की भी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए?
शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण, दोनों ही Hyundai के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं. उनके विज्ञापन टीवी, डिजिटल और सिनेमा हॉल्स तक में लगातार चलते रहे हैं, जिनमें Alcazar समेत कई कारों की शानदार छवि पेश की गई. लेकिन भरतपुर निवासी की शिकायत में कहा गया कि इस गाड़ी में लगातार तकनीकी दिक़्क़तें आ रही हैं. खासतौर पर ब्रेकिंग सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट को लेकर गंभीर समस्या बताई गई है. साथ ही, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि गाड़ी का एयरबैग सही समय पर नहीं खुला, जिससे उसकी और परिवार की जान को ख़तरा हो सकता था.
भरतपुर पुलिस ने जब शिकायत पर कार्रवाई की तो उन्होंने इसे एक गंभीर मामला मानते हुए Hyundai कंपनी के छह अधिकारियों और दोनों फिल्मी सितारों के नाम FIR में दर्ज कर लिए. इस खबर के वायरल होते ही ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूज़र्स ने जमकर प्रतिक्रियाएँ दीं. कुछ ने इसे बिल्कुल सही क़दम बताया और कहा कि बड़े सितारे सिर्फ पैसों के लिए प्रचार करते हैं, उन्हें आम जनता की समस्याओं की परवाह नहीं होती. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सितारों को तकनीकी जानकारी नहीं होती, इसलिए सीधे तौर पर उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है.
लेकिन इस बहस से अलग एक बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया है—भारत में ब्रांड एंबेसडर की जवाबदेही. पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब बड़े सितारों ने प्रोडक्ट का प्रचार किया और बाद में वही प्रोडक्ट विवादों में आ गया. चाहे वह मैगी नूडल्स का मामला हो या फिर पान मसाले और शीतल पेय कंपनियों से जुड़े विवाद. अब Hyundai Alcazar का केस भी उसी श्रेणी में गिना जाने लगा है.
कानूनी रूप से भी यह एक दिलचस्प और अहम केस बन गया है. नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के तहत अगर कोई उत्पाद ख़राब निकलता है और उसके प्रचार में किसी सितारे की भूमिका साबित होती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है. भरतपुर में दर्ज हुई यह FIR इसी प्रवृत्ति को मजबूत करती है कि अब सिर्फ कंपनी ही नहीं, बल्कि ब्रांड प्रमोटर्स भी कानूनी शिकंजे में आ सकते हैं.
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण के प्रशंसकों में भी बंटवारा साफ़ दिखाई दिया. एक तरफ उनके फैंस उन्हें बेगुनाह मानते हुए कह रहे हैं कि उनका काम केवल विज्ञापन करने तक सीमित था, जबकि दूसरी ओर आलोचकों का कहना है कि जब कोई व्यक्ति करोड़ों रुपये लेकर किसी उत्पाद का चेहरा बनता है तो उसका नैतिक दायित्व बनता है कि वह उसके बारे में गहन जानकारी ले.
राजनीतिक हलकों में भी इस खबर पर चर्चा शुरू हो गई है. कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह एक मिसाल बनेगी और अब कंपनियाँ और सितारे दोनों मिलकर अपने विज्ञापन में ज़िम्मेदारी से काम करेंगे. वहीं, व्यापार और विज्ञापन जगत के जानकारों का मानना है कि अगर ऐसे मामलों में सितारों पर लगातार कार्रवाई होती रही, तो भविष्य में वे उत्पादों को प्रमोट करने से पहले डबल-चेक करेंगे.
भरतपुर का यह मामला केवल एक कार या एक FIR तक सीमित नहीं है. यह दरअसल उस बड़ी बहस को सामने लाता है, जिसमें उपभोक्ताओं की सुरक्षा, ब्रांड की पारदर्शिता और सेलेब्रिटी के नैतिक उत्तरदायित्व जैसे मुद्दे शामिल हैं. यह सच है कि आम आदमी जब किसी उत्पाद को खरीदता है तो उसके निर्णय में विज्ञापन का बड़ा योगदान होता है. और जब विज्ञापन में शाहरुख़ और दीपिका जैसे बड़े नाम सामने आते हैं, तो उनका प्रभाव और भी गहरा होता है. ऐसे में अगर उपभोक्ता को धोखा महसूस होता है, तो गुस्सा जाहिर होना स्वाभाविक है.
फिलहाल, पुलिस जांच जारी है और Hyundai कंपनी की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार है. कंपनी ने आंतरिक जांच की बात कही है और ग्राहक की समस्या को गंभीरता से हल करने का भरोसा दिया है. वहीं, शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण की टीमों की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है और शायद अदालत तक भी पहुँच सकता है.
कुल मिलाकर, शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण पर Hyundai Alcazar प्रमोशन को लेकर दर्ज हुई यह FIR केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि भारतीय विज्ञापन और ब्रांडिंग की दुनिया के लिए एक बड़ी चेतावनी है. अब सितारों को यह समझना होगा कि केवल पैसों के लिए किसी उत्पाद का चेहरा बनना काफी नहीं है; उपभोक्ताओं की सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखना भी उतना ही ज़रूरी है. और यही कारण है कि यह खबर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रही है और देशभर में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

