मुंबई.गुजरात के जामनगर में बन रहा धीरूभाई अंबानी गीगा एनर्जी कॉम्प्लेक्स टेस्ला की गीगाफेक्ट्री से चार गुना बड़ा है. 44 लाख वर्गफुट में फैला यह गीगा एनर्जी कॉम्प्लेक्स का काम रिकॉर्ड स्पीड से आगे बढ़ रहा है. इसे बनाने में अब तक 34 लाख क्यूबीक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल हो चुका है. 7 लाख टन स्टील लगा है जिससे करीब 100 एफिल टावरों को बनाया जा सकता है. एक लाख किलोमीटर केबल डाली गई हैं. यह इतनी लंबाई है जो चांद तक जा कर वापस आने तक पर्याप्त है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 48वीं वार्षिक आम बैठक में पहली बार शेयरधारकों को संबोधित करते हुए, कार्यकारी निदेशक अनंत अंबानी ने यह जानकारी दी.
न्यू एनर्जी का जिक्र करते हुए अनंत अंबानी ने कहा कि “अपने निर्माण के बाद जामनगर का यह कॉम्प्लेक्स दुनिया का सबसे बड़ा पारंपरिक एनर्जी कॉम्प्लेक्स और दुनिया का सबसे बड़ा न्यू एनर्जी कॉम्प्लेक्स होगा. जामनगर नई रिलायंस और नए भारत का चेहरा बनेगा. गुजरात के कच्छ में, हम एक ही स्थान पर दुनिया की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक को विकसित कर रहे हैं, जो 5,50,000 एकड़ बंजर भूमि पर फैली है – यह सिंगापुर के आकार से तीन गुना बड़ी है. यह अगले दशक में भारत की लगभग 10% बिजली की ज़रूरतों को पूरा कर सकेगा.“
उन्होंने आगे बताया कि “हम तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं. आने वाली तिमाहियों में, हम इंटीग्रेटिड सोलर पीवी निर्माण क्षमता का विस्तार 10 गीगावाट प्रति वर्ष तक करेंगे. फिर, हम इसे और बढ़ाकर 20 गीगावाट प्रति वर्ष तक ले जाएंगे. यह दुनिया की सबसे बड़ी सौर निर्माण सुविधा होगी. इसके साथ ही, हम अपनी बैटरी और इलेक्ट्रोलाइज़र गीगा फ़ैक्टरियों का तेज़ी से निर्माण कर रहे हैं. हमारी बैटरी गीगा फ़ैक्टरी 2026 में शुरू होगी. इसकी शुरुआत 40 गीगावाट प्रति वर्ष क्षमता से होगी और बाद में 100 गीगावाट प्रति वर्ष तक बढ़ेगी. इलेक्ट्रोलाइज़र गीगा फ़ैक्टरी भी 2026 के अंत तक चालू हो जाएगी.“
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

