भारतीय क्रिकेट टीम की आधिकारिक जर्सी को लेकर अचानक एक बड़ा बदलाव सामने आया है. लंबे समय से टीम इंडिया की जर्सी पर प्रमुख प्रायोजक के रूप में दिखाई देने वाली कंपनी ड्रीम11 ने अपने करार को बीच में ही समाप्त कर दिया. इस अप्रत्याशित फैसले का असर सीधे तौर पर उन फैन्स पर पड़ा है जो भारतीय टीम की जर्सी खरीदकर अपना उत्साह और समर्थन दिखाते हैं. बीसीसीआई ने ड्रीम11 के हटने के बाद तुरंत बाजार में उपलब्ध जर्सियों की कीमतों में भारी कटौती की है. रिपोर्ट्स के अनुसार, जो जर्सी पहले ₹5,999 में बिकती थी, अब वही मात्र ₹1,199 में उपलब्ध है. यह लगभग 80% की छूट है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को हैरत और खुशी दोनों में डाल दिया है.
यह छूट केवल एक व्यावसायिक कदम नहीं, बल्कि बाजार की मजबूरी और ब्रांडिंग रणनीति से भी जुड़ा हुआ है. ड्रीम11 और बीसीसीआई के बीच हुआ करार हाल ही में खत्म हुआ. इस करार के तहत ड्रीम11 भारतीय टीम का आधिकारिक जर्सी स्पॉन्सर था और उसकी ब्रांडिंग टीम की किट पर साफ तौर पर दिखाई देती थी. लेकिन सरकार द्वारा ऑनलाइन बेटिंग गेम्स पर प्रतिबंध लगाने और कानूनी विवादों के कारण ड्रीम11 को अपने प्रायोजन अधिकार छोड़ने पड़े. इसके परिणामस्वरूप बीसीसीआई को नए स्पॉन्सर की तलाश करनी पड़ी और पुरानी जर्सियों का बाजार मूल्य अचानक गिर गया.
खेल विशेषज्ञों का कहना है कि जर्सियों की कीमतों में आई यह गिरावट भारतीय क्रिकेट के व्यावसायिक मॉडल की वास्तविकता को उजागर करती है. भारतीय टीम की जर्सी केवल कपड़ा नहीं बल्कि भावनाओं और गौरव का प्रतीक है. जब उस पर प्रमुख प्रायोजक का लोगो बदलता है तो बाजार में पुराने संस्करण का मूल्य स्वतः घट जाता है. यही कारण है कि बीसीसीआई और वितरकों ने तुरंत इन जर्सियों को डिस्काउंट पर निकालने का फैसला किया ताकि स्टॉक क्लियर हो सके.
दिलचस्प बात यह है कि सोशल मीडिया पर इस खबर ने हलचल मचा दी. क्रिकेट प्रेमियों ने इसे अपनी जेब के अनुकूल बताया और कई लोगों ने तुरंत नई कीमत पर जर्सियाँ खरीदने की इच्छा जताई. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हैशटैग #TeamIndiaJerseyDiscount और #Dream11Exit ट्रेंड करने लगे. कुछ लोगों ने मज़ाक में लिखा कि अब वे पूरी टीम के लिए अलग-अलग रंग की जर्सी खरीद सकते हैं, तो कुछ ने इसे एक दुर्लभ मौका बताया.
दूसरी ओर, यह सवाल भी उठ रहा है कि बीसीसीआई इतनी जल्दी अपने प्रायोजन करारों को क्यों बदल देता है. ड्रीम11 के हटने से पहले भी भारतीय क्रिकेट ने कई बार प्रायोजकों में बदलाव देखे हैं. कभी मोबाइल कंपनियाँ तो कभी ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म भारतीय टीम की जर्सी पर दिखाई दिए. लेकिन इतने बड़े स्तर पर 80% की छूट पहली बार देखने को मिली है. यह इस बात का संकेत भी है कि प्रायोजन समझौते केवल व्यावसायिक नहीं बल्कि राजनीतिक और कानूनी प्रभावों से भी प्रभावित होते हैं.
फैन्स के बीच अब यह बहस भी छिड़ी है कि क्या भारतीय क्रिकेट की जर्सी को प्रायोजकों के ब्रांड से इतना जोड़ देना उचित है. कुछ प्रशंसकों का मानना है कि टीम इंडिया की जर्सी केवल भारत के झंडे और बीसीसीआई के लोगो से सुसज्जित होनी चाहिए. उनका कहना है कि प्रायोजन लोगो भारतीयता की भावना को कम कर देते हैं. वहीं, दूसरी तरफ खेल अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बिना प्रायोजकों के इतने बड़े स्तर पर क्रिकेट का संचालन संभव ही नहीं है.
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी हमेशा से ही एक विशेष आकर्षण रही है. चाहे 1983 का विश्वकप हो, 2011 की ऐतिहासिक जीत हो या हाल के T20 विश्वकप—हर बार जर्सी ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया है. इसी कारण जब कीमतें अचानक इतनी कम हुईं तो लोगों ने इसे एक यादगार अवसर के रूप में देखा. दुकानदारों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर जर्सियों की बिक्री में अचानक तेजी आ गई. कई वेबसाइटों पर तो स्टॉक कुछ ही घंटों में खत्म हो गया.
इस पूरे घटनाक्रम का एक व्यावसायिक पहलू यह भी है कि नए प्रायोजक के जुड़ने तक बीसीसीआई को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. ड्रीम11 के साथ करार करोड़ों रुपये का था और उसका समय से पहले समाप्त होना बोर्ड की आय पर असर डालेगा. हालांकि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के पास विकल्पों की कमी नहीं है और आने वाले दिनों में नया बड़ा ब्रांड प्रायोजक के रूप में सामने आ सकता है.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि एशिया कप 2025 से पहले नया स्पॉन्सर तय कर लिया जाएगा ताकि टीम इंडिया नए लोगो के साथ मैदान पर उतर सके. तब तक पुरानी जर्सियों को भारी छूट पर बेचना बीसीसीआई और वितरकों के लिए सबसे व्यावहारिक विकल्प है.
लोगों के बीच यह चर्चा भी है कि क्या इतनी भारी छूट देने से टीम इंडिया की ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ेगा. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह केवल अस्थायी स्थिति है और नए प्रायोजक के आने के बाद जर्सियों की कीमतें फिर सामान्य हो जाएँगी. लेकिन फिलहाल यह छूट उन क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अनोखा अवसर है जो पहले ऊँची कीमतों के कारण जर्सी नहीं खरीद पाते थे.
कुल मिलाकर, ड्रीम11 के हटने से एक ओर बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट को व्यावसायिक झटका लगा है, वहीं दूसरी ओर आम फैन्स को सस्ती जर्सी खरीदने का सुनहरा मौका मिला है. यह घटना इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं बल्कि एक बड़ा उद्योग है जिसमें प्रायोजन, राजनीति, बाजार और भावनाएँ सभी शामिल होते हैं. आने वाले समय में जब टीम इंडिया नई जर्सी में मैदान पर उतरेगी तो यह अध्याय इतिहास बन जाएगा. लेकिन इस बीच जो क्रिकेट प्रेमी 80% छूट पर टीम इंडिया की जर्सी हासिल कर रहे हैं, वे इसे हमेशा गर्व और याद के साथ संजोकर रखेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

