लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 25 वर्षों के यादगार क्रिकेट सफर को अलविदा कहते हुए क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की

लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 25 वर्षों के यादगार क्रिकेट सफर को अलविदा कहते हुए क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की

प्रेषित समय :19:05:52 PM / Thu, Sep 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन और निरंतरता से टीम को नई दिशा दी. इन खिलाड़ियों की सूची में एक महत्वपूर्ण नाम है लेग स्पिनर अमित मिश्रा का. मिश्रा ने २५ वर्षों तक क्रिकेट को समर्पित करने के बाद अब सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. उनका यह फैसला भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए भावुक क्षण लेकर आया है.

अमित मिश्रा ने अपने लंबे करियर में भारतीय क्रिकेट को कई महत्वपूर्ण क्षण दिए. वह उन चुनिंदा स्पिनरों में से रहे हैं जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी२०—तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. मिश्रा ने २००३ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था और धीरे-धीरे अपनी लेग स्पिन और गुगली से बल्लेबाजों को परेशान किया. उन्होंने न केवल भारत के लिए बल्कि घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी अपनी पहचान बनाई.

उनका करियर आँकड़ों और उपलब्धियों से भरा हुआ है. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने ७६ विकेट लिए और कई बार भारत को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला. वनडे और टी२० में भी वे समय-समय पर टीम के लिए उपयोगी साबित हुए. आईपीएल में उनका रिकॉर्ड विशेष रूप से उल्लेखनीय है. वे उन गिने-चुने गेंदबाजों में शामिल हैं जिन्होंने टूर्नामेंट में १५० से अधिक विकेट हासिल किए. उनका नाम हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाजों में भी शामिल है.

संन्यास की घोषणा करते समय मिश्रा भावुक नजर आए. उन्होंने कहा कि क्रिकेट ने उन्हें सब कुछ दिया—नाम, सम्मान और जीवन की पहचान. उन्होंने स्वीकार किया कि लगातार बढ़ती उम्र और चोटों ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया है. साथ ही उनका मानना है कि अब समय है कि वे मैदान से हटकर नई पीढ़ी को मौका दें. उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारतीय क्रिकेट में आज कई युवा स्पिनर उभर रहे हैं और वे चाहते हैं कि इन प्रतिभाओं को बेहतर अवसर मिले.

मिश्रा ने यह भी बताया कि संन्यास के बाद वे क्रिकेट से पूरी तरह दूर नहीं होंगे. उनकी योजना है कि वे कोचिंग और कमेंट्री में हाथ आज़माएँगे. साथ ही वे युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देने के लिए तैयार हैं. उनका मानना है कि खेल से जुड़ाव बनाए रखना ही उनके जीवन का अगला लक्ष्य होगा. उन्होंने घरेलू क्रिकेट संघों और बीसीसीआई को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें लगातार अवसर दिए.

अमित मिश्रा का करियर केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं है. उनका शांत स्वभाव और टीम के प्रति निष्ठा हमेशा से उनकी खास पहचान रही है. मैदान पर उन्होंने कभी भी आक्रामकता का अनावश्यक प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि अपने खेल से ही विरोधी को जवाब दिया. साथी खिलाड़ी अक्सर कहते हैं कि मिश्रा ड्रेसिंग रूम में एक सकारात्मक माहौल बनाने वाले खिलाड़ी थे.

सोशल मीडिया पर उनकी संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट प्रेमियों ने भावनाएँ व्यक्त कीं. कई लोगों ने लिखा कि अमित मिश्रा जैसे समर्पित खिलाड़ी की कमी लंबे समय तक खलेगी. वहीं उनके पुराने साथियों ने भी यादें साझा करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं. युवराज सिंह, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने मिश्रा की प्रशंसा की और कहा कि उनकी स्पिन गेंदबाजी ने भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई.

भारतीय क्रिकेट इतिहास में जब भी स्पिन गेंदबाजों का जिक्र होगा, अमित मिश्रा का नाम अवश्य लिया जाएगा. वे अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की पीढ़ी के बाद आए और अपने खेल से यह साबित किया कि भारत स्पिन गेंदबाजों की धरती है. उनकी गुगली और टर्न होती गेंदें बल्लेबाजों के लिए पहेली बन जाती थीं. कई बड़े बल्लेबाज उनके शिकार बने.

उनकी आईपीएल यात्रा भी उतनी ही प्रेरणादायी रही. दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) और सनराइजर्स हैदराबाद जैसी टीमों के लिए खेलते हुए उन्होंने मैच जीताने वाले प्रदर्शन किए. उनकी हैट्रिक और किफायती गेंदबाजी को आज भी दर्शक याद करते हैं. आईपीएल के दौरान वे युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श साबित हुए.

अमित मिश्रा के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम अध्याय का अंत हो गया है. २५ वर्षों का यह सफर केवल एक खिलाड़ी की कहानी नहीं बल्कि एक समर्पित योद्धा का जीवन है जिसने हर गेंद के साथ अपना योगदान दिया. यह सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि मेहनत, अनुशासन और निरंतरता से सफलता अवश्य मिलती है.

आज जब वे मैदान को अलविदा कह रहे हैं तो क्रिकेट जगत उन्हें सलाम कर रहा है. आने वाले समय में वे चाहे कोचिंग करें या कमेंट्री, उनकी पहचान हमेशा एक सफल और ईमानदार क्रिकेटर की ही रहेगी. उनके चाहने वालों को अब इंतजार रहेगा उस दिन का जब वे नई भूमिका में फिर से क्रिकेट से जुड़े नज़र आएँगे.

अमित मिश्रा का संन्यास इस बात का प्रतीक है कि समय चाहे कितना भी लंबा क्यों न हो, एक दिन हर खिलाड़ी को मैदान छोड़ना पड़ता है. लेकिन जो यादें और योगदान पीछे रह जाते हैं, वही उन्हें अमर बना देते हैं. भारतीय क्रिकेट में अमित मिश्रा का नाम ऐसे ही अमर रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-