नए ऑनलाइन गेमिंग कानून पर हाईकोर्ट का केंद्र को नोटिस, याचिकाकर्ता ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने इसे कौशल आधारित बताया, वैध भी माना है

नए ऑनलाइन गेमिंग कानून पर हाईकोर्ट का केंद्र को नोटिस

प्रेषित समय :15:23:22 PM / Thu, Sep 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. ऑनलाइन गेमिंग पर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई की. रीवा निवासी क्लबबूम 11 स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ पुष्पेंद्र सिंह ने यह याचिका दायर करते हुए कहा कि नया कानून फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे कौशल आधारित खेलों को भी जुए की श्रेणी में डालकर पूरे उद्योग को अवैध बना रहा है, जो संविधान के खिलाफ है.

उन्होंने बताया कि 22 अगस्त को केंद्र सरकार ने जो नया ऑनलाइन गेमिंग कानून बनाया है, वह सही नहीं है. याचिकाकर्ता का कहना है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स (जैसे ड्रीम11 जैसी गेम्स) को पहले ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कौशल आधारित खेल मानकर वैध घोषित किया है.

कोर्ट का फैसला, केंद्र सरकार को नोटिस-

इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने केंद्र सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वे चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करें. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी.

अन्य राज्यों में भी चुनौती-

इस कानून को मध्यप्रदेश के अलावा कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई है. इन अदालतों ने भी केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल जैन और एडवोकेट अंकित सक्सेना मौजूद थे. वहीं केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा. तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने केवल ऐसे ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाई है जो लोगों को 10 रुपए में 1 लाख जीतने जैसे लालच देकर लत लगाने वाले खेल बना रहे थे. इनसे लोग बर्बाद हो रहे थे. कुछ मामलों में आत्महत्या तक कर चुके हैं. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार से इस पर विस्तृत जवाब मांगा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-