जबलपुर. एमपी के मंडला स्थित जन-जातीय कार्य विभाग में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया. जब जबलपुर से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने असिस्टेंड इंजीनियर नरेंद्र कुमार गुप्ता को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. असिस्टेंड इंजीनियर द्वारा यह राशि बिलों का भुगतान करने के एवज में ली जा रही थी.
इस संबंध में लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि ग्राम पौराधार नगर परिषद डूमर कछार जिला अनूपपुर निवासी रोशन पिता रामू तिवारी उम्र 34 वर्ष वर्तमान में नारायण जिला मंडला में निवासरत है. रोशन तिवारी की फर्म बोरिंग बिल्डर्स ने वर्ष 2024 में आदिवासी जनजातीय विभाग मंडला में रिपेयर एवं मेंटीनेन्स का कार्य किया था. जिसके बिल भुगतान के एवज में सहायक यंत्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता 56000 की रिश्वत की मांग की जा रही थी. इस बात की शिकायत रोशन ने एसपी लोकायुक्त से की.
इसके बाद आज रिश्वत की पहली किश्त लेकर रोशन तिवारी आफिस पहुंचा. जहां पर असिस्टेंड इंजीनियर नरेन्द्र कुमार गुप्ता उम्र 61 वर्ष को 20 हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त निरीक्षक राहुल गजभिये, निरीक्षक जितेंद्र यादव, निरीक्षक शशिकला मस्कुले, उप निरीक्षक शिशिर पांडेय ने दबिश देकर रंगे हाथ पकड़ लिया. नरेन्द्र गुप्ता द्वारा रिश्वत लिए जाने की खबर से हड़कम्प मच गया. देखते ही देखते आफिस के कर्मचारी एकत्र हो गए, जिनके बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रही.
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