देशभर में 3.86 लाख बाल विवाह रोके गये, झारखंड में सबसे ज्यादा, जारी रहेगी सख्ती

देशभर में 3.86 लाख बाल विवाह रोके गये, झारखंड में सबसे ज्यादा, जारी रहेगी सख्ती

प्रेषित समय :18:30:18 PM / Sat, Sep 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. बाल विवाह केवल एक कुप्रथा नहीं, बल्कि यह समाज पर गहरा धब्बा है. यह बच्चों से उनका बचपन छीन लेता है और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन से वंचित कर देता है. अच्छी बात यह है कि अब देशभर में बड़े पैमाने पर इस पर अंकुश लगाया जा रहा है. सरकारी प्रयासों और सामाजिक संगठनों की मुहिम से लाखों बच्चों को समय से पहले शादी की जंजीरों में जकडऩे से बचाया गया है.

कितनी शादियां रोकी गईं:

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) के आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2023 से 13 सितंबर 2025 के बीच 3 लाख 86 हजार 29 बाल विवाह रोके गए. इनमें सबसे अधिक मामले झारखंड में 1 लाख 1 हजार 907, इसके बाद बिहार में 48 हजार 475 और मध्यप्रदेश में 33 हजार 158 मामले सामने आये. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम भी इस सूची में शामिल हैं.

चल रही बड़ी मुहिम

जेआरसी की पहल चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया देश के 451 जिलों में 250 से ज्यादा एनजीओ के नेटवर्क के साथ काम कर रही है. यह अभियान न केवल सीधे शादियां रुकवाता है, बल्कि गांव-गांव जाकर 'जागरूकता और सशक्तिकरण के कार्यक्रम भी चलाता है.

न्यायपालिका के कड़े आदेश

अप्रैल 2024 में राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य में हुए सभी बाल विवाहों को अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए और परिवारों व पंचायतों पर सख्त कार्रवाई हो. अक्टूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन करार देते हुए 2030 तक इसे पूरी तरह खत्म करने का रोडमैप तय किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-