क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में नई क्रांति, सुपरकंप्यूटर से भी हजारों गुना तेज़

क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में नई क्रांति, सुपरकंप्यूटर से भी हजारों गुना तेज़

प्रेषित समय :19:55:55 PM / Sat, Sep 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

विज्ञान और तकनीक की दुनिया में इस समय जिस विषय पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह है क्वांटम कंप्यूटिंग. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक आने वाले समय में पूरी दुनिया की गणना शक्ति (Computing Power) को ही बदलकर रख देगी. जहां आज के सुपरकंप्यूटरों को कुछ कठिन समस्याओं को हल करने में हजारों साल लग सकते हैं, वहीं क्वांटम कंप्यूटर वही काम मिनटों या घंटों में कर डालेंगे. हालांकि यह जादू हर समस्या पर लागू नहीं होगा, लेकिन जिन खास क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होगा, वहां इसका प्रभाव क्रांतिकारी साबित हो सकता है.

साधारण कंप्यूटर बनाम क्वांटम कंप्यूटर – कहां है फर्क?
साधारण कंप्यूटर "बिट्स" पर काम करते हैं, जो या तो 0 होते हैं या 1. यानी किसी भी समय वे केवल एक ही स्थिति को दर्शा सकते हैं. यही कारण है कि चाहे हमारे पास सुपरकंप्यूटर ही क्यों न हो, वह एक बार में सीमित गणनाएं ही कर सकता है.

इसके उलट, क्वांटम कंप्यूटर "क्यूबिट्स" का इस्तेमाल करते हैं. क्यूबिट्स एक साथ 0 और 1 दोनों स्थितियों में रह सकते हैं. इस अद्भुत गुण को सुपरपोज़िशन कहा जाता है. इसका मतलब है कि एक छोटा-सा क्वांटम कंप्यूटर भी एक साथ लाखों-करोड़ों संभावनाओं को जांच सकता है.

सुपरपोज़िशन और एंटैंगलमेंट – क्वांटम की दो जादुई चाबियां
क्वांटम कंप्यूटिंग की ताकत दो मुख्य सिद्धांतों से आती है – सुपरपोज़िशन और एंटैंगलमेंट.

सुपरपोज़िशन से क्यूबिट्स एक साथ कई स्थितियों में रह सकते हैं. इसका फायदा यह है कि कंप्यूटर एक साथ बहुत-से रास्तों को आज़मा सकता है और अंत में सही जवाब मिलने की संभावना को बढ़ा देता है.

एंटैंगलमेंट वह स्थिति है जब दो क्यूबिट्स आपस में इस तरह जुड़ जाते हैं कि एक को छूने या मापने से दूसरे पर भी असर पड़ता है. यह गुण क्वांटम कंप्यूटिंग को बेहद तेज़ और समन्वित (coordinated) बनाता है.

इन्हीं वजहों से जब हम क्वांटम कंप्यूटर में और क्यूबिट्स जोड़ते हैं, तो उसकी शक्ति साधारण रैखिक (linear) दर से नहीं, बल्कि घातीय (exponential) गति से बढ़ती है.

कहां होगा सबसे ज्यादा फायदा?
क्वांटम कंप्यूटिंग का सबसे बड़ा उपयोग उन क्षेत्रों में होगा, जहां गणना की जटिलता बहुत ज्यादा है. उदाहरण के लिए –

दवा उद्योग (Pharmaceuticals): नई दवाओं और प्रोटीन संरचनाओं की खोज में वर्षों का समय लगता है. क्वांटम कंप्यूटर इन्हें बहुत तेजी से मॉडल कर पाएंगे.

वित्तीय क्षेत्र (Finance): स्टॉक मार्केट, निवेश और रिस्क एनालिसिस जैसे कामों में क्वांटम कंप्यूटिंग कई गुना बेहतर भविष्यवाणियां कर सकती है.

साइबर सुरक्षा (Cybersecurity): मौजूदा एन्क्रिप्शन तकनीकें क्वांटम कंप्यूटर के सामने कमजोर पड़ सकती हैं. साथ ही, क्वांटम-आधारित नई सुरक्षा तकनीकें भी विकसित की जाएंगी.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence): एआई एल्गोरिद्म को ट्रेन करने में जो समय और ऊर्जा लगती है, क्वांटम कंप्यूटर उसे कई गुना तेज़ और सटीक बना देंगे.

जलवायु और स्पेस रिसर्च: जटिल मौसम पैटर्न, जलवायु परिवर्तन और अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों को समझने में भी यह तकनीक बड़ी भूमिका निभा सकती है.

चुनौतियां भी हैं बड़ी
हालांकि सुनने में क्वांटम कंप्यूटिंग किसी जादू से कम नहीं लगती, लेकिन इसे वास्तविकता में उतारना आसान नहीं है.

क्यूबिट्स बेहद संवेदनशील होते हैं. वे थोड़ी-सी गर्मी, रोशनी या शोर से भी गड़बड़ा सकते हैं.

इन्हें स्थिर रखने के लिए अत्यधिक ठंडे वातावरण (absolute zero के करीब) की जरूरत पड़ती है.

अभी तक दुनिया की गिनी-चुनी कंपनियों और रिसर्च लैब्स के पास ही शुरुआती स्तर के क्वांटम कंप्यूटर मौजूद हैं.

भविष्य की तस्वीर
तकनीक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 10 से 15 सालों में क्वांटम कंप्यूटर आम उद्योगों और शोध केंद्रों तक पहुंच जाएंगे. जैसे 1980 और 1990 के दशक में साधारण कंप्यूटर धीरे-धीरे घर-घर पहुंचे, वैसे ही 2035–2040 तक क्वांटम कंप्यूटिंग भी सामान्य हो सकती है.

अगर यह भविष्यवाणी सच साबित हुई, तो चिकित्सा से लेकर अंतरिक्ष अनुसंधान तक, और वित्त से लेकर साइबर सुरक्षा तक – हर क्षेत्र में एक नई डिजिटल क्रांति देखने को मिलेगी.

यह रिपोर्ट आपको क्वांटम कंप्यूटिंग के शुरुआती सिद्धांतों और भविष्य की संभावनाओं की झलक दिखाती है. आने वाले समय में यह तकनीक न केवल हमारी गणना की गति बढ़ाएगी, बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए नए अवसर भी खोलेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-