हाईकोर्ट में प्रमोशन में आरक्षरण को लेकर हुई सुनवाई, कहा पुरानी पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले कैसे लागू करेगी सरकार

हाईकोर्ट में प्रमोशन में आरक्षरण को लेकर हुई सुनवाई

प्रेषित समय :18:54:44 PM / Tue, Sep 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में आज प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सुनवाई हुई. जिसमें राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया. हाईकोर्ट ने कहा कि जब पुरानी पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो फिर नई पॉलिसी आखिर क्यों लागू की जा रही है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बड़े ही व्यवहारिक तरीके से सवाल पूछे कि पहले रद्द किए प्रमोशन पर नई पॉलिसी कैसे काम करेगी.

हाईकोर्ट ने सरकार का स्पष्टीकरण आने तक सुनवाई टाल दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने कहा है कि जब उसकी पुरानी प्रमोशन पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और अगर उस पर सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला आता है तो उसे सरकार नई पॉलिसी के रहते कैसे लागू करेगी. हाईकोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि जब पुरानी प्रमोशन पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश हैं और पुरानी पॉलिसी से हुए प्रमोशन रद्द भी किए गए हैं और नई पॉलिसी में सरकार रद्द हुए प्रमोशन्स को कैसे डील करेगी. पदोन्नति पर आरक्षण मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि अपने सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए सरकार ये क्लेरीफिकेशन जारी कर देगी. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से नई प्रमोशन पॉलिसी के तहत प्रमोशन शुरू करने की राहत भी चाही लेकिन कोर्ट ने ऐसा आदेश देने से फिलहाल इंकार कर दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का स्पष्टीकरण आने पर वो 25 सितंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगी. बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार की प्रमोशन पॉलिसी को जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2016 में असंवैधानिक पाते हुए रद्द कर दिया था जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी जहां सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे. इधर 9 साल से प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण ना मिलने पर सरकार इसी साल 2025 में नई प्रमोशन पॉलिसी ले आई थी जिसे सपाक्स सहित कई याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी. याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार पुरानी प्रमोशन पॉलिसी के अदालत में विचाराधीन रहते नई पॉलिसी लाई है जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ओवररुल करने जैसा है.

इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने नई पॉलिसी के तहत फिलहाल कोई प्रमोशन ना करने की ओरल अंडरटेकिंग दी थी जिसके चलते नई पॉलिसी को लागू नहीं किया जा सका है. याचिकाकर्ता के वकील अमोल श्रीवास्तव का कहना है कि बहस का पहला पड़ाव भी सरकार पार नहीं कर पा रही है. और जो रूल्स की संवैधानिकता को लेकर जो प्रश्न हैए वहां तक कोर्ट नहीं पहुंच पा रहा है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में पुराने रुल्स को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैए तो अगर सरकार की याचिका पूरी हो गई तो फिर इन रुल्स पर क्या इनका क्या प्रभाव होगा. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि हम जीएडी का सरकूलर निकालकर क्लेरिफाई कर देगेंए जिससे कि ये विसंगति दूर हो जाएगी.

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की डिवीजन बैंच ने तब तक के लिए सुनवाई को टाल दिया है. एडवोकेट अमोल श्रीवास्तव ने बताया कि इसी मामले पर सुनीता जौहरी की भी याचिका लगी हुई हैए उसे भी शामिल करते हुए अब 25 सिंतबर को सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि फिलहाल नई पॉलिसी से प्रमोशन रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की और से ओरल अंडरटेकिंग जारी रहेगीए क्योंकि जब तक रूल्स में क्लेरीफिकेशन नहीं आ जाता है. बहरहाल हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट में लंबित पुरानी पॉलिसी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है और मामले पर अगली सुनवाई 25 सितंबर को तय कर दी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-