अमेरिका ने 1.74 लाख टेस्ला मॉडल Y कारों की जांच शुरू की, दरवाजे के हैंडल फेल होने की शिकायतें

अमेरिका ने 1.74 लाख टेस्ला मॉडल Y कारों की जांच शुरू की, दरवाजे के हैंडल फेल होने की शिकायतें

प्रेषित समय :17:21:24 PM / Wed, Sep 17th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अमेरिका की नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने टेस्ला की करीब 1.74 लाख मॉडल Y (2021 संस्करण) कारों की जांच शुरू की है. यह कदम उस समय उठाया गया जब एजेंसी को उपभोक्ताओं से शिकायतें मिलीं कि इन कारों के इलेक्ट्रॉनिक दरवाज़े अचानक काम करना बंद कर देते हैं, जिससे बाहर से दरवाज़े नहीं खुलते. यह समस्या केवल तकनीकी खराबी नहीं बल्कि यात्री सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़ा खतरा बन सकती है.

शिकायतों की पृष्ठभूमि

NHTSA ने अब तक नौ मामले दर्ज किए हैं जिनमें अभिभावकों को वाहन के दरवाजे खोलने में गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ा. इन शिकायतों में सबसे चिंताजनक स्थिति तब बनी जब माता-पिता वाहन से बाहर निकलकर बच्चों को पीछे की सीट पर बैठा या उतार रहे थे, और दरवाज़ा दोबारा खोलने में असमर्थ रहे.
चार मामलों में तो हालात इतने खराब हो गए कि अभिभावकों को गाड़ी की खिड़की तोड़कर वाहन के अंदर प्रवेश करना पड़ा. यह दर्शाता है कि अगर ऐसी घटना किसी दुर्घटना या आपातकाल की स्थिति में हो, तो यात्रियों, खासकर बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है.

सुरक्षा को लेकर सवाल

टेस्ला वाहनों में अंदर की ओर मैनुअल डोर रिलीज़ का विकल्प मौजूद है, ताकि इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल होने पर दरवाज़ा खोला जा सके. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे आमतौर पर इस विकल्प के बारे में न तो जानते हैं और न ही उसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं.
NHTSA ने कहा है कि यह स्थिति विशेष रूप से तब गंभीर हो सकती है जब ड्राइवर वाहन से बाहर हो और अंदर बच्चे फंसे हों.

तकनीकी कारणों पर संदेह

एजेंसी की प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि यह खराबी तब होती है जब लो-वोल्टेज बैटरी से पर्याप्त करंट दरवाज़े के इलेक्ट्रॉनिक लॉक तक नहीं पहुंचता.
कई रिपेयर इनवॉइस में बैटरी बदलने का उल्लेख है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि प्रभावित उपभोक्ताओं ने घटना से पहले बैटरी चेतावनी (low battery warning) मिलने की कोई जानकारी नहीं दी. यानी समस्या अचानक सामने आती है और उपभोक्ता के पास तैयार होने का समय ही नहीं होता.

NHTSA की प्रक्रिया और आगे का रास्ता

NHTSA की यह जांच Preliminary Evaluation के स्तर पर है. इसका मतलब है कि एजेंसी अभी केवल शुरुआती तथ्य जुटा रही है. अगर उसे लगे कि यह समस्या बड़ी संख्या में वाहनों में पाई जा रही है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, तो अगला कदम Engineering Analysis होगा. इसके बाद एजेंसी टेस्ला को दोषपूर्ण वाहनों को रिकॉल करने का आदेश दे सकती है.
फिलहाल, टेस्ला की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

टेस्ला की पिछली चुनौतियाँ

यह पहली बार नहीं है जब टेस्ला अपनी गाड़ियों के फीचर्स को लेकर विवादों में घिरी है.

  • 2022 में टेस्ला ने अमेरिका में 10 लाख से अधिक वाहनों को रिकॉल किया था क्योंकि ऑटोमैटिक विंडो सिस्टम में खराबी की शिकायतें आई थीं.

  • 2023 में कंपनी को सॉफ़्टवेयर अपडेट के जरिए लाखों कारों में ब्रेकिंग सिस्टम और ऑटोपायलट फीचर की खामियों को दूर करना पड़ा.

  • हाल ही में 2024 में, चीन ने भी टेस्ला पर दबाव डाला था कि वह स्थानीय स्तर पर निर्मित वाहनों में सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को लेकर पारदर्शिता बरते.

ये घटनाएँ बताती हैं कि हाई-टेक इलेक्ट्रिक वाहनों में सॉफ़्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की भूमिका जितनी बढ़ती जा रही है, उतना ही तकनीकी जोखिम भी बढ़ रहा है.

इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा पर बहस

टेस्ला और अन्य ईवी निर्माताओं ने वाहन उद्योग में क्रांति ला दी है, लेकिन इन घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कंपनियाँ तकनीकी नवाचार की दौड़ में उपभोक्ता सुरक्षा को पीछे छोड़ रही हैं.
विशेषज्ञ मानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक दरवाज़े, ऑटोपायलट और एआई-आधारित सिस्टम भले ही सुविधाजनक हों, लेकिन इनकी पूरी तरह विश्वसनीयता अभी भी सवालों के घेरे में है.
NHTSA के पास उपभोक्ताओं की लगातार शिकायतें आ रही हैं कि कई बार सॉफ्टवेयर ग्लिच के कारण वाहन अचानक लॉक हो जाते हैं या सेंसर गलत संकेत भेजते हैं.

अमेरिकी उपभोक्ताओं की चिंता

अमेरिका में टेस्ला न केवल इलेक्ट्रिक कारों का बल्कि लक्जरी और सुरक्षित यात्रा का प्रतीक बन चुकी है. ऐसे में जब इस तरह की शिकायतें सामने आती हैं, तो उपभोक्ताओं के मन में असुरक्षा की भावना बढ़ती है.
मॉडल Y खासकर परिवारों में लोकप्रिय कार है क्योंकि यह SUV सेगमेंट की है और लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त मानी जाती है. लेकिन बच्चों से जुड़े ऐसे हादसे इसकी साख को नुकसान पहुँचा सकते हैं.

भारतीय संदर्भ

दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला अभी भारतीय बाज़ार में आधिकारिक रूप से उतरी नहीं है, लेकिन भारत में कंपनी की लॉन्चिंग की चर्चाएँ लंबे समय से चल रही हैं. भारत जैसे बड़े बाजार में, जहां सुरक्षा मानक और उपभोक्ता कानून लगातार कड़े होते जा रहे हैं, इस तरह की समस्याएँ टेस्ला के लिए चुनौती बन सकती हैं.
भारतीय उपभोक्ता पहले से ही वाहन खरीदने से पहले सुरक्षा रेटिंग और क्रैश टेस्ट पर ध्यान देने लगे हैं. ऐसे में अगर टेस्ला इस जांच से बाहर भी निकल जाए, तो भी कंपनी को अपने वाहनों की सुरक्षा को लेकर अधिक पारदर्शिता और भरोसा कायम करना होगा.

NHTSA की जांच यह दर्शाती है कि इलेक्ट्रिक और हाई-टेक वाहनों के दौर में भी बुनियादी सुरक्षा सबसे अहम है. इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स कितने भी आधुनिक क्यों न हों, यदि वे संकट की घड़ी में काम न करें तो उनका कोई अर्थ नहीं.
टेस्ला, जो दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी है, उसके लिए यह जांच सिर्फ तकनीकी खामी का मामला नहीं बल्कि उपभोक्ता भरोसे और कंपनी की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है.
अब देखना यह होगा कि जांच किस नतीजे पर पहुँचती है और क्या टेस्ला को एक और बड़े पैमाने पर रिकॉल का सामना करना पड़ेगा. अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ टेस्ला बल्कि पूरी ईवी इंडस्ट्री पर सवाल उठ सकते हैं कि क्या तेज़ रफ्तार तकनीकी नवाचार के बीच सुरक्षा से समझौता तो नहीं हो रहा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-