शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी बड़ी खबरें

शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी बड़ी खबरें

प्रेषित समय :17:17:31 PM / Wed, Sep 17th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शिक्षा व्यवस्था में आए बदलाव और प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर आए ताज़ा फैसले सोशल मीडिया पर छात्रों और अभिभावकों के बीच चर्चा का बड़ा विषय बन गए हैं। सीबीएसई से लेकर एनसीईआरटी और राज्य शिक्षा बोर्ड तक ने हाल के दिनों में कई अहम घोषणाएँ की हैं, जिनका सीधा असर लाखों छात्रों पर पड़ेगा। सोशल मीडिया पर इन फैसलों को लेकर बहस तेज हो गई है।

सीबीएसई का नया पंजीकरण नियम और एपीएएआर आईडी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 9 और 11 के छात्रों के पंजीकरण को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब सभी छात्रों को अपनी एपीएएआर (अकादमिक परमानेंट अकाउंट एंड रजिस्ट्रेशन) आईडी से लिंक करके ही पंजीकरण करना होगा। यह आईडी एक तरह से हर छात्र का शैक्षणिक आधार कार्ड होगी, जिसमें उसकी पूरी शिक्षा यात्रा दर्ज होगी।

इस कदम का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और छात्रों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रखना है। बोर्ड का कहना है कि इस कदम से फर्जीवाड़ा रुकेगा और छात्रों को उच्च शिक्षा में प्रवेश लेते समय आसानी होगी।

हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही प्रतिक्रियाएँ अलग हैं। कई छात्रों का कहना है कि जहाँ इंटरनेट और तकनीकी संसाधन नहीं हैं, वहाँ इस व्यवस्था को लागू करना आसान नहीं होगा। अभिभावकों ने भी सोशल मीडिया पर चिंता जताई है कि क्या सभी छात्रों को इसका समान लाभ मिल पाएगा।

खिलाड़ियों को परीक्षा में मिली राहत

सीबीएसई ने खेलों में सक्रिय छात्रों को बड़ी राहत दी है। अब ऐसे खिलाड़ी, जिनकी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता बोर्ड परीक्षा से टकरा रही है, उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा का समय चुनने की अनुमति होगी।

इस फैसले का स्वागत खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों ने किया है। उनका कहना है कि इससे अब बच्चों को पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। सोशल मीडिया पर कई खिलाड़ियों ने लिखा कि यह कदम सरकार और बोर्ड की खेल प्रतिभाओं के प्रति सकारात्मक सोच को दर्शाता है।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति उन छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगी जो पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।

एनसीईआरटी का मुफ्त ऑनलाइन कोर्स

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। ये कोर्स स्वयम (SWAYAM) प्लेटफॉर्म पर होंगे और गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र और मानविकी जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे।

एनसीईआरटी का दावा है कि इससे छात्रों को गुणवत्ता-युक्त शिक्षा मिलेगी और वे देश-विदेश के विशेषज्ञों द्वारा तैयार सामग्री से लाभ उठा पाएंगे।

शहरी छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रहने वाले छात्रों को इंटरनेट की समस्या अब भी चिंता में डाल रही है। कई छात्रों ने ट्वीट कर लिखा कि उनके पास स्मार्टफोन या स्थायी इंटरनेट नहीं है, ऐसे में वे इस सुविधा का पूरा लाभ कैसे ले पाएंगे।

हरियाणा बोर्ड ने जारी किए एडमिट कार्ड

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने डीईएलईडी और हरियाणा ओपन स्कूल की परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। ये परीक्षाएँ 25 सितंबर से 21 अक्टूबर तक आयोजित होंगी।

छात्रों को सलाह दी गई है कि वे एडमिट कार्ड समय रहते डाउनलोड कर लें ताकि अंतिम समय में किसी तकनीकी दिक्कत का सामना न करना पड़े। लेकिन सोशल मीडिया पर कई छात्रों ने शिकायत की है कि वेबसाइट बार-बार स्लो हो रही है और एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में दिक्कत आ रही है।

शिक्षा बोर्ड का कहना है कि सर्वर को दुरुस्त किया जा रहा है और छात्रों को किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी।

अतिरिक्त विषयों को लेकर विवाद

सीबीएसई ने हाल ही में एक और फैसला किया है, जिसने छात्रों और अभिभावकों के बीच विवाद खड़ा कर दिया है। बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा से अतिरिक्त विषय का विकल्प हटा दिया है। यानी अब छात्र केवल मुख्य विषयों की ही परीक्षा देंगे।

कई प्राइवेट और ड्रॉपर छात्रों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अतिरिक्त विषय उनके लिए बैकअप का काम करते थे। अगर कोई मुख्य विषय में अच्छे अंक न मिले तो अतिरिक्त विषय उनकी मदद कर सकता था।

सोशल मीडिया पर कई छात्रों ने इसे "अन्यायपूर्ण" बताया, वहीं कुछ शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह सही कदम है क्योंकि इससे छात्रों का ध्यान केवल मुख्य विषयों पर ही रहेगा और परीक्षा प्रक्रिया सरल बनेगी।

सोशल मीडिया पर छात्रों की आवाज

सोशल मीडिया अब छात्रों की आवाज़ बन चुका है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर दिनभर छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएँ आती रहीं।

  • कुछ छात्रों ने कहा कि एपीएएआर आईडी और ऑनलाइन कोर्स जैसे कदम डिजिटल भारत की दिशा में बड़ी उपलब्धि हैं।

  • वहीं, कुछ ने चिंता जताई कि डिजिटल ढांचे की कमी से सभी छात्रों को समान अवसर नहीं मिलेगा।

  • खिलाड़ियों की परीक्षा में राहत वाले फैसले पर लगभग सभी प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक रहीं।

शिक्षा व्यवस्था में व्यापक असर

इन सभी फैसलों का असर न केवल वर्तमान छात्रों पर बल्कि आने वाले वर्षों की शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ेगा।

  • एपीएएआर आईडी के जरिए छात्रों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा, जो भविष्य में कॉलेजों और नौकरियों में मददगार साबित होगा।

  • खिलाड़ियों को मिली राहत से खेल प्रतिभाओं को पढ़ाई में पीछे नहीं रहना पड़ेगा।

  • मुफ्त ऑनलाइन कोर्स से लाखों छात्रों को लाभ होगा, खासकर उन लोगों को जो अतिरिक्त कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते।

  • वहीं, अतिरिक्त विषय हटाने से छात्रों को नई रणनीति बनानी होगी।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी ये घोषणाएं छात्रों और अभिभावकों के लिए मिश्रित अनुभव लेकर आई हैं। एक ओर जहाँ डिजिटल और खेल-समर्थक फैसले स्वागत योग्य हैं, वहीं कुछ फैसले विवाद और असहमति भी पैदा कर रहे हैं। सोशल मीडिया ने इस बहस को और तेज कर दिया है। अब देखना यह होगा कि इन बदलावों को लागू करने के बाद छात्रों को वास्तव में कितना लाभ मिलता है और शिक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत बन पाती है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-