नई दिल्ली. मानसून के इस सीजन में जब देश के कई बड़े शहरों ने भीषण बारिश का सामना किया, तो कोलकाता का रिकॉर्ड सबसे अलग और सबसे चौंकाने वाला साबित हुआ. शहर में आधी रात के आसपास शुरू हुई बारिश ने पांच घंटे तक लगातार प्रचंड रूप धारण कर लिया. नतीजा यह हुआ कि कोलकाता के कई मोहल्लों में कुल मिलाकर 1,400 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिसने पूरे शहर को जलमग्न कर दिया और यातायात से लेकर जनजीवन तक अस्त-व्यस्त कर दिया.
सबसे ज्यादा प्रभावित रहा गड़िया-कामडहारी इलाका, जहां 332 मिमी वर्षा दर्ज की गई. जादवपुर और गरियाहाट जैसे दक्षिणी हिस्सों में 260–285 मिमी तक बारिश हुई, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गृहक्षेत्र कालीघाट में 280.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई. अलीपुर स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने भी 239 मिमी की बारिश दर्ज की.
इसका असर तुलना में और भी गंभीर इसलिए दिखता है क्योंकि इसी मानसून के दौरान देश के अन्य महानगरों ने भी भारी बारिश का सामना किया, लेकिन आंकड़े कोलकाता जितने चौंकाने वाले नहीं थे.
मुंबई में अगस्त मध्य से शुरू हुई लगातार बारिश ने शहर को पस्त कर दिया था. 19 अगस्त को बोरीवली फायर स्टेशन ने 322 मिमी दर्ज किया, जबकि कांदिवली (276 मिमी), विक्रोली (232 मिमी) और कुर्ला (163 मिमी) जैसे इलाकों में भी व्यापक वर्षा हुई.
चेन्नई ने 30 अगस्त को एक भीषण क्लाउडबर्स्ट देखा. मणाली इलाके में केवल एक घंटे (रात 10 से 11 बजे के बीच) में ही 106.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. पूरे दिन का आंकड़ा 270–230 मिमी के बीच रहा.
दिल्ली में अगस्त की शुरुआत में तेज बारिश हुई, लेकिन आंकड़ा 100 मिमी से अधिक नहीं गया. सबसे अधिक 100 मिमी प्रगति मैदान में दर्ज हुए, जबकि सफदरजंग में 78.7 मिमी और पालम में केवल 31.8 मिमी बारिश दर्ज की गई.
बेंगलुरु ने इस मानसून के दौरान मई में 105.5 मिमी तक वर्षा देखी. शहर के केंगेरी इलाके में 132 मिमी तक बारिश हुई, जो 1909 के 153.9 मिमी के सर्वकालिक मई रिकॉर्ड के बाद सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है.
हैदराबाद ने सितंबर में जोरदार बारिश झेली. सिद्धिपेट जिले के नारायणरावपेट में 245.5 मिमी, जबकि रंगारेड्डी जिले के अब्दुल्लापुरमेट-थाटियानाराम में 128 मिमी वर्षा दर्ज की गई.
इन सबके बीच कोलकाता की 24 घंटे की बारिश का आंकड़ा सबसे अलग दिखाई देता है. एक ही शहर के भीतर इतने बड़े पैमाने पर 280–332 मिमी तक वर्षा होना और कई इलाकों में 1,400 मिमी से ज्यादा पानी गिरना इस मानसून का सबसे चरम उदाहरण बन गया.
भारतीय मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, देश में अब तक की सबसे अधिक 24 घंटे की वर्षा 1,563.3 मिमी रही है, जो 16 जून 1995 को चेरापूंजी (मेघालय) में दर्ज की गई थी. कोलकाता का यह ताजा एपिसोड उस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के करीब भले न पहुंचा हो, लेकिन महानगरों की तुलना में यह मानसून का सबसे असाधारण और सबसे घातक बारिश का मामला माना जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

