ग्रह बाधा दूर करने के सबसे सरल उपाय क्या है?

ग्रह बाधा दूर करने के सबसे सरल उपाय क्या है?

प्रेषित समय :19:51:59 PM / Sun, Oct 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

*_जब भी कुंडली देखी जाती है तो ग्रह दोषों के कारण ही जीवन में परेशानियों का आगमन होता है, जानकर ज्योतिषों के अनुसार कुंडली में ग्रह कहीं स्थित हो तो वह दूसरे ग्रह आदि पर अपनी नजर डालता है तो वह दृष्टि अच्छे या बुरे प्रभाव वाली हो सकती है इसके अलावा यदि कोई ग्रह अपने मित्र ग्रह में है या अपने शत्रु ग्रह में उपस्थित है यहीं से ग्रह दोषों को उत्पत्ति होती है.*
ऐसे में ग्रहों के दोषों को दूर करने हेतु अनेकों उपाय किए जाते हैं तो चलिए ग्रह दोषों को दूर करने के सरलतम उपायों को जानते हैं —
सूर्य के दोषों को शांत करने के सरलतम उपाय —
प्रतिदिन स्नान के पश्चात सूर्य को जल अर्पित करें, शास्त्रों में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है इसके अलावा ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है.
प्रतिदिन लाल चंदन की माला से ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का 1 माला जाप करें.
ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को रविवार के दिन गुड़ का खीर खिलाने से सूर्य से संबंधित नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
बड़े बुजुर्गों एवं अपने माता पिता का आदर सत्कार एवं उनकी सेवा करने से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं .
अपने छत पर पक्षियों के लिए पानी और चावल रखें इसके अलावा पशुओं के लिए भी ऐसी व्यवस्था करें.
पीपल के पेड़ लगाएं और उनकी लगातार सेवा करें इसके अलावा रविवार और एकादशी का व्रत रखें और बिलकुल भी नमक का सेवन न करें.
माणिक्य रत्न अवश्य धारण करें इसे धारण करने के अनेकों लाभ हैं और यह सूर्य ग्रह के दोषों को दूर करने में सहायता करती हैl
चंद्र के दोषों को शांत करने के सरलतम उपाय —
प्रतिदिन माता पिता के पैर छूना चाहिए और वट वृक्ष की जड़ में पानी देना चाहिए इसके अलावा अपने बैड के चारों पायों पर चांदी की कीले लगवाएं.
चंद्र की कृपा प्राप्त करने हेतु सोमवार के दिन दूध की खीर अशहाय और गरीब लोगों में दान करें.
पूर्णिमा की रात को चंद्र देवता का दर्शन करें और उन्हीं की रोशनी में बैठकर चन्द्र-मंत्र का जाप करना करें ऐसा करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है और उनके नकारात्मक प्रभावों में कमी आती हैं .
चंद्र के अशुभ प्रभावों से अधिक लाभ हेतु चंद्र देव के मंत्र का जाप काफी असरकारक होता है.
भगवान शंकर के माध्यम द्वारा भी चंद्र देव को प्रसन्न किया जा सकता है एवं उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है, सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध से रूद्राभिषेक करें ऐसा करने से जुड़े नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं.
चंद्र देव को सफेद वस्तुएं अत्यंत प्रिय है इसीलिए सोमवार के दिन, चावल, चीनी, दूध, सफेद रंग की मिठाइयां और सफेद वस्त्र आदि दान अवश्य करें ऐसा करने से चंद्र देव अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और जातक पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
मोती रत्न धारण करें, इसे धारण करने से चंद्र के दोषों में अत्यधिक लाभ मिलता है इसीलिए ज्योतिषियों द्वारा मोती रत्न धारण करने की सलाह l
मंगल के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के उपाय —
रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें, मंगलवार के दिन व्रत रखें और भोग में बूंदी चढ़ाएं और प्रसाद बांटें.
रोजाना ॐ भौमाय नम: व ॐ अं अंगारकाय नम: मंत्र का 1 माला जाप करें.
मंगलवार के दिन लाल कपड़ा धारण करें और भगवान हनुमान के मंदिर में लाल सिंदूर अर्पित करें इसके अलावा संभव हो सके तो मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें.
गरीबों में लाल वस्त्र एवं लाल मसूर दान करें और विधिवत दही, घी, दूध, शक्कर, लाल वस्त्र, लाल गुलाल, लाल मसूर की दाल और शहद आदि से भगवान हनुमान की पूजा करें इस प्रकार से भगवान हनुमान की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है जिससे मंगल के अशुभ प्रभावों में अधिक कमी आती है.
लाल वस्त्र में 2 मुठ्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी गरीब को दान करना चाहिए ऐसा करने से मंगल के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
मंगलवार के दिन भगवान हनुमान के मंदिर में उनके चरणों में रखे सिंदूर का तिलक लगाना चाहिये इसके अलावा बंदरों को गुड़ एवं चने खिलाएं .
मित्रों मंगल के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने हेतु सबसे असरकारक उपाय मूंगा रत्न धारण करने से है ऐसे समय में मूंगा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए l
बुध के अशुभ प्रभावों को दूर करने के उपाय —
हर बुधवार के दिन मोतीचूर के लड्डू गणेश जी के मंदिर में अर्पित करें एवं "ऊं ब्राम ब्रीम ब्रोम स: बुधाय नम:" दिए गए मंत्र का एक माला प्रतिदिन जाप करें.
किन्नरों को दान करें, यहां पर एक बात का ध्यान रखना आवश्यक है उन्हें दान आपको स्वत ही देना है उनके मांगने से पूर्व ही दान कर देना है ऐसा करने से बुध प्रसन्न होते हैं.
किन्नरों को खुश करना यह बुध ग्रह को प्रसन्न करने का सबसे बेहतर तरीका है, किसी भी समय किन्नरों के पैर छूना यह बुध के नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है, किन्नरों को प्रसन्न कर बुध के प्रभाव को दूर किया जा सकता है इसके अलावा किन्नर बुध ग्रह के प्रतीक हैं इन्हें दिया गया दान बुध ग्रह को प्रसन्न करता है.
हर बुधवार के दिन घर के उत्तर दिशा में गाय के घी का दिया जलाएं और हर बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं साथ ही साथ प्रतिदिन पक्षियों को चावल खिलाएं.
महीने के एक बुधवार को मूंग की खिचड़ी गरीबों को खिलाएं और अपने घर के मंदिर में अभिमंत्रितl
छोटी कन्याओं, माता दुर्गा एवं भगवान विष्णु की पूजा आराधना करें साथ ही साथ मांस और अंडे का सेवन न करें इसके अलावा बहन, बेटी, बूआ की सेवा करें और उन्हें अपशब्द ना बोलें और इन्हें कुछ न कुछ देकर ही विधा करें.
बुध ग्रह को शांत करने हेतु पन्ना रत्न अवश्य धारण करें यह रत्न बुध ग्रह को शांत करने हेतु अत्यंत लाभकारी है इसके अलावा इसके अनेकों फायदे हैं l
गुरु के दोषों को दूर करने के उपाय —
बृहस्पतिवार के दिन सूर्य के उदय होने से पूर्व उठ जाएं उसके पश्चात भगवान विष्णु के समक्ष गाय के घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें इसके अलावा गुरुवार के दिन केसर का तिलक लगाएं यदि केसर नहीं है हल्दी का तिलक लगाएं .
बृहस्पतिवार के दिन शाम में केले के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं साथ ही साथ बेसन के लड्डू की मिठाई अर्पित करें.
बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें, पीले वस्त्र धारण करें और बिना नमक का भोजन ग्रहण करें, भोजन में पीले रंग की चीजें होना आवश्यक हैं .
देव गुरु बृहस्पतिजी की फोटो या मूर्ति को पीले कपड़े स्थापित करें इसके पश्चात पंचोपचार से पूजा करें, पूजन में पीले चावल, पीले पकवान, पीले फूल एवं भोग में पीले फल अर्पित करें और विधिवत देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें.
देव गुरु बृहस्पति के दिए गए मंत्र का जाप करें — "ॐ बृं बृहस्पते नम" मंत्र के जाप को संख्या कम से कम 1 माला होनी चाहिए .
पीली वस्तुओं का अधिक से अधिक दान करें जैसे — हल्दी, आम, केला और हल्दी आदि इसके अलावा यदि आपका गुरु निर्बल है तो इसके लिए प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं, अपने आचरण को शुद्ध करें और सदा सत्य बोलें ऐसा करने से गुरु के दोष दूर होंगे.
फिरोजा रत्न धारण करें, यह पुखराज का उपरत्न है पुखराज की जगह इसे भी धारण कर सकते हैं क्योंकि इसका प्रभाव पुखराज के समान ही होता है, इसे भी धारण करने के अनेकों l
शुक्र के नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपाय —
ओपल रत्न धारण करें — यह डायमंड का उपरत्न है यदि आप डायमंड नही पहन सकते हैं तो इसे धारण कर सकते हैं यह डायमंड के समान ही फल प्रदान करता है, यह शुक्र के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में अत्यंत लाभकारी है l
शुक्र के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए अच्छे आचरण रखने चाहिए, स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए और शुक्र ग्रह को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है इसीलिए बादामी रंग के वस्त्र या सफेद रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए ऐसा करना से शुक्र के अशुभ प्रभावों में कमी आती है.
प्रत्येक पूर्णिमा और शुक्रवार के दिन शुक्र के मंत्र ("ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः") का जाप करना चाहिए ऐसा करने से शुक्र ग्रह बलवान बनता है और भोजन में सफेद चीजों का प्रयोग करें जैसे — खीर, चावल, दही और दूध आदि ऐसा करने से शुक्र मजबूत बनता है जिससे सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं .
शुक्रवार के दिन आटे में चीनी मिलाकर चिटियों को खिलाएं और सफेद गाय को आटा खिलाएं इसके अलावा शुक्रवार को व्रत रखें और प्रतिदिन माता लक्ष्मी की उपासना करें.
हमेशा साफ सुथरा रखें, अच्छे कपड़े पहनें, प्रतिदिन नहाएं और अपने शरीर को हमेशा साफ रखें इसके अलावा रोजाना इत्र लगाएं .
शुक्रवार से आरंभ कर 21 शुक्रवार तक 9 साल से कम उम्र की कन्याओं को मिश्री से युक्त खीर का भोजन कराएं ऐसा करने से शुक्र ग्रह बलवान होता है और सकारात्मक प्रभावों की प्राप्ति होती है.
शुक्र के दोषों को दूर करने हेतु प्रत्येक शुक्रवार को भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें इसके अलावा स्फटिक माला धारण करें, स्फटिक माला धारक करने के अनेकों लाभ हैl
शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय —
सूर्यास्त होने के बाद भगवान हनुमान की पूजा आराधना करें, काली तिल के तेल का दिया जलाएं, नीले पुष्प अर्पित करें और सिंदूर का प्रयोग अवश्य करें.
शनिदेव की पूजा 10 द्वारा करें — कृष्ण, पिंगल, कौनस्थ, रौदांतक, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाद, यम, सौरी और बभ्रू .
गरीबों, अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाई कर्मचारियों की मदद करें और उन्हें अन्न व धन दान करें इसके अलावा प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें.
प्रतिदिन कौवे को रोटी खिलाएं, काला वस्त्र, तेल, तिल, उड़द और काले जूते का दान दें इसके अलावा शनिवार के दिन सरसों का तेल न खरीदें नहीं तो आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं.
अभिमंत्रित शनियंत्र की स्थापना अपने मंदिर एवं कार्यस्थल पर अवश्य करें, शनि यंत्र शनि के नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है, अपने कार्य स्थल एवं अपने मंदिर में इसकी प्रतिदिन पूजा होने से शनि महाराज अत्यंत प्रसन्न होते हैं जिससे व्यापार में वृद्धि, मान — प्रतिष्ठा बढ़ती है, बीमारियों से छुटकारा मिलता है l
नीलम रत्न धारण करें — नीलम रत्न धारण करने से शनि के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है भाग्योदय होता है, धन में वृद्धि होती है आदिl
अपने घर में शमी का पेड़ लगाएं और यदि इसे शनिवार के दिन लगाएं तो बहुत अच्छा है, लोगों का मानना है की इसमें शनिदेव का वास होता है जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है इसके अलावा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें.
राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के सरलतम उपाय —
राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचने हेतु ज्योतिष शास्त्र में उनके एक मंत्र का वर्णन किया गया है जो इस प्रकार है — ओम कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा कयाशश्चिष्ठया वृता . इस मंत्र को रोजाना एक माला जाप करने से राहु के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा मिलता है, यह एक वैदिक मंत्र है जिसका जाप शनिवार से शुरू करना चाहिए.
राहु के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु प्रतिदिन चंदन का धूप जलाएं, मोर पंख अपने पॉकेट में रखें, ऐसा करने से मन का दर दूर होता है और राहु के अशुभ प्रभावों में लाभ होता है इसके अलावा राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचने हेतु आश्रम में दान देना चाहिए, गरीबों में खाना खिलाना चाहिए इससे राहु अत्यंत प्रसन्न होते हैं जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख शांति और वंश में वृद्धि होती है .
ज्योतिष शास्त्र में कबूतर को बाजरा खिलाने के अनेकों चमत्कारी लाभ बताए गए हैं, कबूतरों को बाजरा खिलाने से पुण्य तो मिलता ही है साथ ही साथ घर में सुख शांति आती है और परेशानियां दूर होती हैं .
कुंडली में राहु को बलवान बनाने हेतु बुधवार के दिन सिक्का, भूरे या नीले रंग के वस्त्र, सरसों और कांच आदि वस्तुओं का गरीबों में दान करें इसके अलावा राहु के अशुभ प्रभावों से बचने हेतु अभिमंत्रित राहु यंत्र की स्थापना अपने घर के मंदिर एवं कार्यस्थल l
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो राहु महादेव के भक्त हैं इसलिए यदि आप राहु के दुष्प्रभावों से बचना चाहते हैं तो भगवान शिव की उपासना करना आपके लिए अत्यंत लाभदायक है, शिवलिंग पर जला अभिषेक करने से राहु अत्यंत प्रसन्न होते हैं .
मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें, मांस मदिरा का सेवन करने से राहु नाराज होते है इसीलिए मांस मदिरा का सेवन करना बिल्कुल बंद कर दें एवं शाकाहारी भोजन और संत जैसा जीवन व्यतीत करें इसके आलावा सोमवार के व्रत रखें.
मित्रों राहु के अशुभ प्रभावों के समय गोमेद रत्न अवश्य धारण करना चाहिए इसे धारण करने से राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैंl
केतु के नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपाय —
केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने हेतु हर गुरुवार को उपवास रखना चाहिए और रोजाना भगवान गणेश की पूजा - आराधना करनी चाहिए इसके अलावा सफेद रेशम का धागा अपने हाथ में बांधे और केतु से जुडी हुई वस्तुओं का दान करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-