टोक्यो. जापान में शनिवार देर रात जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र 50 किलोमीटर की गहराई में था. यह झटका जापान के पूर्वी तट, होंशू क्षेत्र के पास दर्ज किया गया.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.0 रही, जबकि इसका उपरिकेंद्र 37.45ए उत्तरी अक्षांश और 141.52ए पूर्वी देशांतर पर स्थित था. जापान एक अत्यधिक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जिसे 'रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के किनारों पर फैला हुआ है और विश्व के अधिकांश ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र है.
जापान में अक्सर छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं. यह देश विश्व के सबसे विकसित भूकंपीय निगरानी नेटवर्क से लैस है, जो हर हलचल को रिकॉर्ड करता है. इसके बावजूद, समय-समय पर आए विनाशकारी भूकंपों ने यहां बड़ी तबाही मचाई है. इनमें 2024 का नोटो भूकंप, 2011 का तोहोकू भूकंप और सुनामी, 2004 का चूएत्सु भूकंप और 1995 का ग्रेट हनशिन भूकंप शामिल हैं.
जापान में भूकंपों की तीव्रता को मापने के लिए शिंडो स्केल का उपयोग किया जाता है, जो किसी विशेष स्थान पर महसूस की गई तीव्रता को मापता है. यह पैमाना शून्य से सात तक होता है, जिसमें शिंडो सात को सबसे घातक श्रेणी माना जाता है. शिंडो पांच और छह के लिए कमजोर या मजबूत जैसे उपवर्ग होते हैं, जो झटकों की वास्तविक तीव्रता और उनसे होने वाली क्षति के स्तर को दर्शाते हैं.
शिंडो चार और उससे कम की तीव्रता वाले भूकंप हल्के माने जाते हैं, जबकि शिंडो पांच और उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप फर्नीचर, दीवारें, इमारतें, सड़कें और सार्वजनिक सुविधाएं जैसे गैस-पाइप, पानी की लाइनों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं.

