सोने के दाम 10 ग्राम पर 1.24 लाख रुपये पार कर रिकॉर्ड स्तर छूते ही निवेशकों में सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी

सोने के दाम 10 ग्राम पर 1.24 लाख रुपये पार कर रिकॉर्ड स्तर छूते ही निवेशकों में सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी

प्रेषित समय :21:07:02 PM / Tue, Oct 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. घरेलू बाजार में मंगलवार को सोने के दामों ने ऐतिहासिक उछाल लगाया और 10 ग्राम पर 1,24,000 रुपये के रिकॉर्ड स्तर को पार कर लिया. यह उछाल पिछले दिन के मुकाबले 700 रुपये की वृद्धि के साथ आया. निवेशकों के बीच अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन और फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों में संभावित कटौती की आशंकाओं ने सुरक्षित निवेश की ओर प्रवृत्ति को और मजबूत किया.

ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं, स्थानीय बुलियन मार्केट में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये बढ़कर 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुँच गई, जबकि पिछली बाजार सत्र में यह 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस रैली के पीछे वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों का मिश्रित प्रभाव है. अमेरिकी सरकारी शटडाउन, जो अब सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है, ने वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है. इस अनिश्चितता के कारण निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसमें सोना प्रमुख विकल्प बनकर उभरा है.

चांदी ने हालांकि अपने ऐतिहासिक उच्च स्तर से गिरावट दिखाई और 3,400 रुपये की कमी के साथ 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर बंद हुई. चांदी सोमवार को 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. विश्लेषकों का कहना है कि चांदी की कीमतों में यह गिरावट अल्पकालिक है और अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है तो फिर से तेजी आ सकती है.

वैश्विक स्तर पर, स्पॉट गोल्ड 3,958.18 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. मंगलवार को यह धातु 3,977.45 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्च स्तर तक पहुँच गई थी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, “सोने की कीमतों में मंगलवार को तेजी रही, और स्पॉट गोल्ड महत्वपूर्ण स्तर 4,000 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के करीब पहुँच गया. फेडरल रिज़र्व की नरम मौद्रिक नीति की उम्मीदों और सुरक्षित निवेश की मांग ने इस रैली को बल दिया, हालांकि तकनीकी रूप से यह ओवरबॉट स्थिति में थी.”

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की संभावित ब्याज दर कटौती और जारी सरकारी शटडाउन ने निवेशकों की धारणा को बदल दिया है. निवेशक अब कम जोखिम वाली संपत्तियों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं. इस बीच, फ्रांस और जापान में राजनीतिक तनाव और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने भी सोने की मांग को और प्रोत्साहित किया है.

स्पॉट सिल्वर 0.12 प्रतिशत कम होकर 48.46 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिकी शटडाउन के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों, जैसे कि सितंबर की नौकरियों की रिपोर्ट, की रिलीज़ में देरी हुई है. आधिकारिक अमेरिकी मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों की अनुपस्थिति और इस वर्ष फेडरल रिज़र्व की दो ब्याज दर कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने सोने की कीमतों में मजबूती को और बढ़ा दिया है.

वैश्विक केंद्रीय बैंकों की लगातार सोने की खरीद इस रैली को और मजबूती प्रदान कर रही है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में फिर से बढ़ोतरी हुई, और वैश्विक भंडार में इस महीने 15 टन की बढ़ोतरी हुई.

चीन के पीपुल्स बैंक (PBOC) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के अंत तक देश के सोने के भंडार कुल 74.06 मिलियन फाइन ट्रॉय औंस थे, जो पिछले महीने 74.02 मिलियन औंस थे. केंद्रीय बैंक लगातार ग्यारहवें महीने bullion खरीद में वृद्धि कर रहा है. इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक भी सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह रिकॉर्ड वृद्धि केवल घरेलू निवेशकों के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निवेशकों को आकर्षित करने वाला संकेत है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश की मांग लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा, फेडरल रिज़र्व की संभावित दर कटौती और अमेरिका में जारी राजनीतिक अस्थिरता ने सोने की कीमतों में तेजी के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाई हैं.

इस वृद्धि का एक अन्य कारण तकनीकी रूप से सोने की कीमतों का ओवरबॉट होना भी माना जा रहा है. हालांकि, विश्लेषक इस बात पर जोर देते हैं कि यह ओवरबॉट स्थिति अल्पकालिक हो सकती है, और लंबी अवधि में सोना अपने सुरक्षित निवेश की भूमिका बनाए रखेगा.

निवेशकों के लिए यह समय सोने में निवेश करने के लिए सुनहरा अवसर प्रदान करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित करना चाहते हैं. घरेलू और वैश्विक बाजारों में स्थिरता की अनुपस्थिति ने सोने को सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश के रूप में फिर से स्थापित किया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में अगर अमेरिकी आर्थिक संकेतकों और फेडरल रिज़र्व की नीतियों में कोई स्पष्ट बदलाव नहीं होता है, तो सोने की कीमतें और अधिक रिकॉर्ड स्तरों को छू सकती हैं. इस तरह की परिस्थितियों में निवेशक सावधानीपूर्वक अपने निवेश निर्णय लें और लंबी अवधि के लिए सोने को सुरक्षित विकल्प मानकर निवेश करें.

सोने की इस बढ़ती कीमत ने निवेशकों में एक नई ऊर्जा और विश्वास पैदा किया है कि सुरक्षित निवेश की मांग अब और बढ़ सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि वित्तीय और राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण कीमती धातुओं की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें उच्च स्तर पर बनी रहेंगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-