मुंबई. त्योहारी मौसम की जोरदार माँग, रुपये की कमजोरी और मजबूत वैश्विक संकेतों के मिश्रण ने मंगलवार को भारतीय सर्राफा बाजार में एक नया इतिहास रच दिया। देश की राजधानी नई दिल्ली में सोने की कीमत ने पहली बार ₹1.3 लाख प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर को पार कर लिया, जबकि चाँदी भी ₹1.85 लाख प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर जा पहुँची। यह उछाल ऐसे समय में आया है जब देश धनतेरस और दीपावली के बड़े त्योहारों की तैयारी कर रहा है, जिसे भारत में सोना खरीदने का सबसे शुभ समय माना जाता है।
अखिल भारतीय सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में एक ही दिन में ₹2,850 का भारी उछाल आया और यह पिछले बंद भाव ₹1,27,950 से बढ़कर ₹1,30,800 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया। इसी तरह, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की दर भी ₹2,850 की वृद्धि के साथ ₹1,30,200 प्रति 10 ग्राम हो गई। बाजार विश्लेषकों ने इस मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण खुदरा विक्रेताओं और आभूषण निर्माताओं की ओर से धनतेरस से पहले की गई भारी खरीदारी को बताया है। उनका कहना है कि दिवाली और आगामी विवाह के मौसम से पहले की मजबूत मौसमी माँग ने कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सोने की इस ऐतिहासिक दौड़ के साथ-साथ, चाँदी ने भी अपना लगातार पाँचवाँ कारोबारी सत्र बढ़त के साथ बंद किया और एक किलोग्राम का भाव ₹6,000 की छलांग लगाकर ₹1,85,000 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया। पिछले सत्र में, चाँदी ₹1,79,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। व्यापारियों ने इस तेज वृद्धि के लिए त्योहारों की माँग के साथ-साथ औद्योगिक और निवेश की बढ़ती माँग को जिम्मेदार ठहराया। चाँदी की कीमतों में यह उछाल विशेष रूप से पारंपरिक चाँदी खरीदने वाले क्षेत्रों और मौसमी माँग की तैयारी कर रहे कारीगरों के बीच बढ़े हुए उपभोक्ता विश्वास को भी दर्शाता है।
घरेलू बाजार में कीमतों में इस रिकॉर्ड तोड़ उछाल का एक और महत्वपूर्ण कारक भारतीय रुपये का अवमूल्यन रहा। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे कमजोर होकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 88.80 पर पहुँच गया। रुपये की कमजोरी भारत में सोने और चाँदी जैसे आयातित वस्तुओं को महंगा बना देती है, जिसका सीधा असर घरेलू कीमतों पर दिखाई देता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, हाजिर सोने (Spot Gold) की कीमत अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर USD 4,179.71 प्रति औंस को छूने के बाद थोड़ा नीचे आई, और अंततः USD 4,140.34 पर कारोबार कर रही थी, फिर भी यह 0.72 प्रतिशत की बढ़त पर थी। इसी तरह, हाजिर चाँदी भी USD 53.54 के शिखर को छूने के बाद 1.92 प्रतिशत गिरकर USD 51.36 प्रति औंस पर आ गई।
हालांकि वैश्विक बाजारों में कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई, घरेलू कीमतें मौसमी माँग और मुद्रा दबाव के कारण मजबूत बनी रहीं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक त्योहारी और विवाह का सीजन चलेगा, और वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक सोने और चाँदी की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है। यह रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि न केवल उपभोक्ताओं के बजट को प्रभावित कर रही है, बल्कि भारत को वैश्विक सर्राफा बाजार में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित कर रही है, जहाँ घरेलू माँग अंतर्राष्ट्रीय रुझानों को पछाड़कर स्थानीय कीमतें निर्धारित करने की क्षमता रखती है। यह स्थिति आभूषण उद्योग के लिए एक जटिल चुनौती पेश करती है, जिसे अब रिकॉर्ड-ऊंची कीमतों पर खरीदारी करने वाले ग्राहकों के लिए आकर्षक उत्पादों को संतुलित करना होगा, जबकि उपभोक्ताओं के लिए यह एक विरोधाभासी स्थिति है—शुभता और निवेश के प्रतीक के रूप में सोना खरीदना जारी रखना है, भले ही इसकी कीमत ऐतिहासिक ऊँचाई पर पहुँच गई हो। यह अभूतपूर्व वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था में त्योहारों के भावनात्मक और वित्तीय महत्व को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

