पेरिस. दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संग्रहालयों में से एक, पेरिस के लूव्र संग्रहालय (Louvre Museum) में रविवार सुबह दिन दहाड़े एक साहसिक डकैती की घटना ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। चोरों का एक गिरोह संग्रहालय के खुलने के कुछ ही देर बाद, लाखों पर्यटकों की भीड़ के बीच, वहाँ घुसने और सम्राट नेपोलियन और महारानी जोसेफिन के संग्रह से संबंधित नौ अमूल्य आभूषण चुराने में सफल रहा। इस नाटकीय घटना के तुरंत बाद पूरे संग्रहालय को खाली करा दिया गया और सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया।
फ्रांस की संस्कृति मंत्री रशीदा दाती ने इस चोरी की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है और तत्काल प्रभाव से जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक ऐसी सेंधमारी है जिसने दुनिया के सबसे संरक्षित स्थलों में से एक की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डकैती का समय और तरीका:
फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना रविवार सुबह उस समय हुई जब संग्रहालय ने अपने दरवाजे खोले ही थे और सैकड़ों पर्यटक अंदर प्रवेश करने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस सूत्रों ने 'ले पेरिसियन' अखबार को बताया कि चोरों ने घुसपैठ के लिए एक ऐसा रास्ता चुना जिसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों ने कल्पना भी नहीं की होगी—सीन नदी (Seine River) की ओर से, जहाँ वर्तमान में नवीनीकरण का कार्य चल रहा है।
जांचकर्ताओं के अनुसार, यह डकैती "बारीकी से नियोजित" थी। चोरों ने नवीनीकरण क्षेत्र में चल रहे काम का फायदा उठाया और कथित तौर पर एक मालवाहक लिफ्ट (Freight Elevator) का उपयोग किया जो उन्हें सीधे लक्षित गैलरी तक ले गई। बताया जा रहा है कि दो चोर खिड़कियाँ तोड़कर अंदर दाखिल हुए, जबकि उनका तीसरा साथी बाहर निगरानी कर रहा था।
नेपोलियन के इतिहास का नुकसान:
चोरों ने नेपोलियन बोनापार्ट और महारानी जोसेफिन के निजी आभूषणों के संग्रह पर हाथ साफ किया, जिन्हें 1804 में नेपोलियन के राज्याभिषेक के बाद एकत्र किया गया था। इस चोरी में एक हार और एक ब्रोच सहित नौ बेशकीमती टुकड़े शामिल हैं। पुलिस के एक जांचकर्ता ने बताया कि यह संग्रह फ्रांस के सबसे ऐतिहासिक रूप से मूल्यवान आभूषणों में गिना जाता है, क्योंकि इसमें कई ऐसे आइटम शामिल थे जिन्हें नेपोलियन ने अपने दौर में यूरोपीय राजघरानों से जब्त किया था। इन आभूषणों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य इतना अधिक है कि इनकी कीमत का सटीक अनुमान लगाना भी असंभव है। यह चोरी केवल संपत्ति का नुकसान नहीं, बल्कि फ्रांसीसी इतिहास और विरासत पर सीधा हमला है।
अफ़रातफ़री के बीच पर्यटकों का निकासी:
डकैती की खबर मिलते ही, संग्रहालय प्रशासन ने तत्काल "असाधारण कारणों से" संग्रहालय को बंद करने की घोषणा की। कांच के पिरामिड प्रवेश द्वार के पास मौजूद सैकड़ों आगंतुकों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया। ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया कि सुरक्षा कर्मचारी बड़ी भीड़ को बाहर निकालने के लिए तेजी से काम कर रहे थे, जिससे परिसर के चारों ओर अफरातफरी का माहौल बन गया।
एक पर्यटक ने 'द सन' को बताया कि "हम सुबह करीब 10 बजे प्लाजा पर पहुँचे, और वहाँ हजारों लोग कतार में थे। तभी कर्मचारियों ने घोषणा करना शुरू कर दिया कि लूव्र बंद हो गया है क्योंकि किसी ने अंदर चोरी करने की कोशिश की है। दस मिनट बाद, और अधिक पुलिस आई और हर किसी को खाली कराना शुरू कर दिया, जिससे काफी अराजकता फैल गई।" एक अन्य ब्रिटिश आगंतुक ने वहाँ के माहौल को "द दा विंची कोड में कुछ होने जैसा" बताया, और कहा कि लगभग आधे घंटे तक संग्रहालय को पुलिस सायरन और भारी सुरक्षा ने घेर रखा था।
संस्कृति मंत्री दाती खुद घटनास्थल पर संग्रहालय टीमों और पुलिस के साथ मौजूद थीं, क्योंकि जासूसों ने इस बात की जाँच शुरू कर दी है कि यह गिरोह दुनिया के सबसे भारी सुरक्षा वाले संग्रहालयों में से एक में इतनी आसानी से कैसे घुसपैठ करने में कामयाब रहा। इस चोरी ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों को सकते में डाल दिया है और यह आशंका जताई जा रही है कि इस चोरी में संग्रहालय के आंतरिक कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है या चोरों ने सुरक्षा प्रणालियों को तोड़ने के लिए अत्यधिक उन्नत तकनीक का उपयोग किया होगा। पेरिस पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि नेपोलियन के ये अमूल्य आभूषण देश से बाहर ले जाए गए हैं या नहीं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

