आम आदमी को बड़ी राहत सोने के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई से चार हजार रुपये गिरे बाजारों में खरीदारी का बूम

आम आदमी को बड़ी राहत सोने के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई से चार हजार रुपये गिरे बाजारों में खरीदारी का बूम

प्रेषित समय :19:50:49 PM / Wed, Oct 22nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

धनतेरस और दिवाली की जगमगाहट के ठीक बाद, 22 अक्टूबर 2025 को सोने की कीमतों में आई भारी गिरावट ने देश भर के उपभोक्ताओं और निवेशकों के चेहरों पर बड़ी राहत लाई है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अस्थिरता के बावजूद, घरेलू हाजिर बाज़ार में आज सोना अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड उच्च स्तर से लगभग ₹4000 प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो गया है. इस गिरावट ने न केवल बाज़ारों में त्योहारी सीज़न के बाद भी खरीदारी का माहौल बनाए रखा है, बल्कि उन आम उपभोक्ताओं को भी बड़ी राहत दी है जो विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए सोने की खरीद की योजना बना रहे थे.

जबलपुर के सराफा बाज़ार में भी आज सुबह से ही गहनों की दुकानों पर ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों से सोने की कीमतें एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई थीं, जिसके कारण कई ग्राहक खरीदारी टाल रहे थे. लेकिन अब कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट आने के बाद, उपभोक्ता बाज़ार में लौट आए हैं. जबलपुर के एक प्रमुख जौहरी ने बताया कि "दिवाली के तुरंत बाद बाज़ार सामान्यतः धीमा पड़ जाता है, लेकिन आज की गिरावट ने इस ट्रेंड को तोड़ दिया है. लोग अब शादियों के सीज़न के लिए बुकिंग और खरीददारी कर रहे हैं."

आज, 22 अक्टूबर 2025 को, देश के प्रमुख शहरों में सोने के दाम में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ, जबलपुर और भोपाल जैसे मध्य प्रदेश के प्रमुख केंद्रों में भी सोने की कीमतें नीचे आईं हैं. दिल्ली में 22 कैरेट सोने का भाव पिछले रिकॉर्ड स्तरों की तुलना में काफी नीचे आ गया है, जबकि 24 कैरेट शुद्ध सोने की कीमतें भी लगभग ₹4000 प्रति 10 ग्राम तक सस्ती हुई हैं. इसी तरह, मुंबई के बाज़ार और मध्य प्रदेश के सराफा बाज़ार में भी 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यह गिरावट मुख्य रूप से निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली (Profit Booking) और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति में आए अस्थाई सुधार का परिणाम मानी जा रही है.

बाज़ार विश्लेषकों के अनुसार, सोने की कीमतों में यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में हो रहे समायोजन और स्थानीय मांग-आपूर्ति के समीकरणों का नतीजा है. पिछले कुछ महीनों में वैश्विक तनाव, विशेषकर भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण, सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जा रहा था, जिसने कीमतों को रिकॉर्ड ऊँचाई तक पहुँचा दिया था. हालाँकि, अब वैश्विक बाज़ारों में कुछ स्थिरता आने और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में नरमी के चलते, निवेशकों ने सुरक्षित माने जाने वाले सोने से मुनाफा निकालना शुरू कर दिया है. घरेलू बाज़ार में, त्योहारी सीज़न के बाद बिक्री का दबाव कुछ कम हुआ है, जिससे कीमतों को और नीचे आने का मौका मिला है.

जबलपुर के एक अर्थशास्त्री ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह गिरावट आम आदमी के लिए एक बेहतरीन मौका है. जिन लोगों ने ऊँची कीमतों के कारण निवेश या खरीददारी रोक दी थी, वे अब इसका फायदा उठा सकते हैं. खासकर शादियों का सीज़न नज़दीक होने के कारण, आभूषणों की खुदरा मांग बढ़ने की प्रबल संभावना है." उनका यह भी मानना है कि लंबी अवधि में, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, लेकिन इस तरह की महत्वपूर्ण गिरावटें ग्राहकों के लिए सोने में निवेश करने का एक अच्छा प्रवेश बिंदु (Entry Point) प्रदान करती हैं.

यह खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी तेजी से ट्रेंड कर रही है. #GoldRateToday और #SonaSasta जैसे हैशटैग के साथ लोग सोने की कीमतों में आई इस गिरावट पर खुशी और उत्साह व्यक्त कर रहे हैं. कई यूज़र्स मीम्स और पोस्ट के ज़रिए यह बता रहे हैं कि अब उन्हें अपने गहने खरीदने या निवेश करने का मौका मिल गया है. सोशल मीडिया पर खासकर महिलाओं के ग्रुप्स में इस गिरावट को लेकर ज़बरदस्त चर्चा है, जो अब तत्काल बाज़ार जाकर खरीददारी की योजना बना रही हैं.

हालांकि, कुछ बाज़ार विशेषज्ञ आगाह भी कर रहे हैं कि यह गिरावट अस्थाई हो सकती है. उनका मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ अभी भी बनी हुई हैं, और किसी भी बड़े भू-राजनीतिक घटनाक्रम से सोने की कीमतें फिर से उछाल मार सकती हैं. इसलिए, उपभोक्ताओं को खरीददारी करते समय विवेकपूर्ण निर्णय लेने की सलाह दी गई है.

कुल मिलाकर, आज, 22 अक्टूबर 2025 को सोने की कीमतों में ₹4000 तक की यह बड़ी गिरावट मध्य प्रदेश और देश भर के उपभोक्ताओं के लिए एक दिवाली बोनस जैसी साबित हुई है. इससे न केवल त्योहारी सीज़न के बाद बाज़ार में रौनक बनी हुई है, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता खर्च करने को तैयार हैं, बशर्ते उन्हें उचित मूल्य मिले. जबलपुर का सराफा बाज़ार आज इस बात का जीता-जागता उदाहरण पेश कर रहा है कि कीमत में थोड़ी सी कमी भी ग्राहकों के उत्साह को कितना बढ़ा सकती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-