भीलवाड़ा: राजस्थान में एक उप-खंड मजिस्ट्रेट (SDM) और पेट्रोल पंप कर्मचारी के बीच हुए बहुचर्चित थप्पड़ कांड में एक बड़ा मोड़ आ गया है. इस घटना के बाद पेट्रोल पंप स्टाफ के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने वाली महिला, जिसने खुद को एसडीएम की पत्नी बताया था, उसकी कानूनी पहचान अब सवालों के घेरे में है.
जाँच के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस महिला ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी और अपनी पहचान एसडीएम की पत्नी के रूप में दी थी, वह वास्तव में उनकी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त पत्नी नहीं है. यह तथ्य इस पूरे मामले की कानूनी दिशा और नैतिक पहलुओं को पूरी तरह से बदल देता है, क्योंकि एक सरकारी अधिकारी से जुड़े मामले में पहचान को लेकर गंभीर विसंगति सामने आई है.
जाँच में पता चला है कि एसडीएम की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी पूनम शर्मा हैं. पूनम शर्मा वर्तमान में अपने बच्चों के साथ अलग रह रही हैं. उनका यह अलगाव कथित तौर पर एसडीएम द्वारा उन्हें और बच्चों को घर से बाहर निकाले जाने के बाद हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि पूनम शर्मा पहले भी एसडीएम के खिलाफ एक मामला दर्ज करा चुकी हैं और फिलहाल वह अपनी आजीविका चलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. यह जानकारी एसडीएम के निजी जीवन और उनके विवाहेतर संबंधों की ओर इशारा करती है, जिससे उनकी आधिकारिक छवि पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
यह पूरा विवाद मंगलवार को उस वक्त शुरू हुआ था, जब राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी एसडीएम, अपनी कार में ईंधन भरवाने के लिए भीलवाड़ा के जासवंतपुरा के पास एक पेट्रोल पंप पर रुके थे. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एसडीएम को एक पेट्रोल पंप कर्मचारी के साथ तीखी बहस करते हुए देखा गया था. बहस तब शुरू हुई जब कर्मचारी ने एसडीएम की कार को ईंधन भरने में प्राथमिकता देने से इनकार कर दिया था.
वायरल वीडियो में एसडीएम को गुस्से में चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, "मैं SDM हूं, SDM हूं मैं यहां का... तुम्हें पता नहीं मेरी गाड़ी में लिखा हुआ पट्टी लगी हुई है. इसके तुरंत बाद, एसडीएम को कर्मचारी के साथ हाथापाई करते हुए देखा गया. उसी दौरान, पेट्रोल पंप का एक अन्य कर्मचारी बीच-बचाव के लिए आया, जिसे एसडीएम ने थप्पड़ मार दिया. हालांकि, वीडियो में यह भी दिखाई देता है कि कर्मचारी ने भी पीछे हटने से इनकार कर दिया और एसडीएम को पलटकर थप्पड़ जड़ दिया, जिससे यह घटना सार्वजनिक रूप से और भी अधिक चर्चित हो गई.
हाथापाई की घटना के बाद, एक महिला ने पुलिस शिकायत दर्ज कराई. इस महिला की पहचान दीपिका व्यास के रूप में हुई, जिसने खुद को एसडीएम की पत्नी बताया था. अपनी पुलिस शिकायत में, व्यास ने आरोप लगाया था कि एसडीएम का गुस्सा तब भड़का जब पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने पहले अनुचित तरीके से उन्हें आँख मारी (winked) और फिर अभद्र टिप्पणियाँ कीं. व्यास ने अपनी शिकायत में कहा, "पेट्रोल भरने वाले व्यक्ति ने मुझे आँख मारी, जिससे मेरे पति को गुस्सा आ गया... मेरे पति बाहर निकले, और दो लोगों ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया. पेट्रोल पंप मालिक भी मौके पर आ गया और हमें गालियां देने लगा."
यह नवीनतम खुलासा, जिसमें एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला की पहचान पर ही सवाल उठ गया है, इस पूरे मामले को एक नया और गंभीर आयाम देता है. यदि दीपिका व्यास वास्तव में एसडीएम की कानूनी पत्नी नहीं हैं, तो उनके द्वारा दायर किए गए छेड़छाड़ के मामले की विश्वसनीयता और उद्देश्य पर संदेह पैदा होता है. वहीं, एसडीएम पहले से ही एक सरकारी अधिकारी के रूप में सार्वजनिक स्थान पर हिंसा और दुर्व्यवहार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. अब उनकी पहचान और निजी जीवन को लेकर सामने आई विसंगतियाँ उनकी कानूनी और प्रशासनिक दोनों ही मुश्किलों को बढ़ा सकती हैं. यह मामला राजस्थान प्रशासनिक सेवा के भीतर भी उच्च अधिकारियों की जांच के दायरे में आने की संभावना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

