आंध्र प्रदेश में शिक्षा का बड़ा निवेश, ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय को इंडिया सेंटर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया

आंध्र प्रदेश में शिक्षा का बड़ा निवेश, ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय को इंडिया सेंटर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया

प्रेषित समय :21:31:41 PM / Thu, Oct 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अमरावती. आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने अपने सात दिवसीय बहु-शहरी ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान वैश्विक साझेदारी, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य आंध्र प्रदेश को केवल एक निवेश गंतव्य के रूप में ही नहीं, बल्कि शिक्षा, प्रौद्योगिकी और खेल के क्षेत्र में एक अग्रणी वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शिक्षण संस्थान ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय को आंध्र प्रदेश में अपना इंडिया सेंटर स्थापित करने के लिए दिया गया औपचारिक आमंत्रण है। गोल्ड कोस्ट परिसर के दौरे और ब्रिस्बेन में हुई गहन चर्चाओं के बाद, मंत्री लोकेश ने विश्वविद्यालय के उपराष्ट्रपति (ग्लोबल) मार्नी वॉटसन के साथ मिलकर दोहरी डिग्री कार्यक्रम, पाठ्यक्रम सह-डिज़ाइन और कौशल प्रमाणन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा पर मंथन किया।

मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय का इंडिया सेंटर आंध्र प्रदेश में स्थापित होने से संयुक्त अनुसंधान, छात्र विनिमय और अकादमिक सहयोग को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा। इस साझेदारी को ज़मीनी स्तर पर उतारने के लिए, उन्होंने ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह राज्य के प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग करे। इन संस्थानों में आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC), एसआरएम-आंध्र प्रदेश (SRM-Andhra Pradesh), आंध्र विश्वविद्यालय (Andhra University) और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) जैसे शीर्ष संस्थान शामिल हैं। इस व्यापक दृष्टिकोण का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रम सीधे राज्य के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करें और उन्हें वैश्विक रोज़गार बाज़ार के लिए प्रतिस्पर्धी बना सकें। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय को पार्टनरशिप समिट 2025 और राज्य के ग्लोबल एजुकेशन फोरम में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया, ताकि वे राज्य के विकास के एजेंडे को करीब से समझ सकें और अपनी विशेषज्ञता का लाभ दे सकें।

ब्रिस्बेन में भारतीय महावाणिज्य दूतावास और ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार परिषद द्वारा आयोजित एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में लोकेश ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जहाँ उन्होंने व्यापारिक समुदाय के समक्ष आंध्र प्रदेश की निवेश क्षमता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के तहत द्विपक्षीय व्यापार में आंध्र प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में राज्य ने पिछले सोलह महीनों में दस लाख करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश आकर्षित किया है, जो राज्य में औद्योगिक विकास के प्रति निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। लोकेश ने इस सफलता की कहानी को साझा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई फर्मों को अगले महीने विशाखापत्तनम में होने वाले पार्टनरशिप समिट 2025 में भाग लेने का निमंत्रण दिया, ताकि वे स्वयं राज्य में मौजूद आकर्षक निवेश के अवसरों का आकलन कर सकें। यह पहल न केवल पूंजी निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्थानीय रोज़गार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

क्वींसलैंड व्यापार और निवेश द्वारा आयोजित एक शिक्षा गोलमेज सम्मेलन में, मंत्री लोकेश ने आंध्र प्रदेश में शुरू किए गए महत्वाकांक्षी शिक्षा सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जो राज्य को प्रौद्योगिकी संचालित भविष्य के लिए तैयार करने पर केंद्रित हैं। उन्होंने घोषणा की कि आंध्र प्रदेश हाई स्कूल स्तर से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है, और इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में एआई और रोबोटिक्स लैब्स स्थापित की जाएंगी। यह कदम दिखाता है कि राज्य सरकार भविष्य की तकनीकों को प्रारंभिक स्तर से ही शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने के लिए कितनी गंभीर है। लोकेश ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आंध्र प्रदेश में देश का पहला समर्पित AI विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार पहले से ही शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी सेवाओं के वितरण में दक्षता और गति लाने के लिए एआई का उपयोग कर रही है, जिससे शासन में पारदर्शिता और प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित हो सके। यह दूरदर्शी कदम आंध्र प्रदेश को देश में प्रौद्योगिकी अपनाने और नवाचार को बढ़ावा देने वाले राज्यों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करता है।

इस व्यापक दौरे के दौरान, मंत्री लोकेश ने जेम्स कुक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कैल ज़ेंगर से भी मुलाकात की, जहां जलीय कृषि (Aquaculture) के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएँ तलाशी गईं। चर्चा का मुख्य केंद्र रोग प्रतिरोधी नस्लों के लिए एक्वाकल्चर जेनेटिक्स में सहयोग, किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम और उत्पादकता एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एआई-आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग रहा। यह सहयोग आंध्र प्रदेश के समुद्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इसके अतिरिक्त, लोकेश ने पॉपुलस (Populous), जो कि दुनिया की एक अग्रणी खेल वास्तुकला फर्म है, और जिसने गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम सहित कई प्रतिष्ठित खेल परिसरों का डिज़ाइन तैयार किया है, के साथ भी बातचीत की। उन्होंने फर्म को आंध्र प्रदेश की स्पोर्ट्स हब विज़न में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया, जिसके तहत टिकाऊ, पर्यटन-संचालित सुविधा डिज़ाइनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह साझेदारी राज्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन स्थलों के निर्माण में मदद करेगी, जिससे खेल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

लोकेश ने अपनी यात्रा के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर माइकल वेस्ले और वरिष्ठ संकाय सदस्यों से भी मुलाकात की। इस बैठक में उन्नत अनुसंधान और नवाचार क्षेत्रों में सहयोग पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और क्वांटम अनुसंधान जैसे भविष्योन्मुखी विषय शामिल थे। मंत्री ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि उनका उद्देश्य इन उच्च-स्तरीय साझेदारियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को भविष्य के लिए तैयार करना है और राज्य में कौशल विकास को मज़बूत करना है। उन्होंने विश्वविद्यालय से यह भी आग्रह किया कि वे नवीकरणीय ऊर्जा, टिकाऊ कृषि, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और स्मार्ट सिटी पहलों में आंध्र प्रदेश के साथ जुड़ें, जो राज्य की दीर्घकालिक विकास और स्थिरता योजना के अभिन्न अंग हैं। लोकेश का मानना है कि इस प्रकार की अकादमिक साझेदारियाँ नवाचार की नई दिशाएँ तय करेंगी और राज्य के लिए वैश्विक ज्ञान के चैनलों को खोलेंगी, जिससे आंध्र प्रदेश सही मायने में एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। सात दिनों के इस गहन ऑस्ट्रेलिया दौरे ने स्पष्ट कर दिया है कि मंत्री नारा लोकेश आंध्र प्रदेश के लिए निवेश, साझेदारी और उच्च-स्तरीय अवसरों की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, और इन सफल वार्ताओं से राज्य के विकास को एक नई गति मिलने की उम्मीद है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-