पटना. भक्ति गायिका और बिहार विधानसभा चुनाव में अली नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मैथिली ठाकुर एक वायरल वीडियो को लेकर विवादों के केंद्र में आ गई हैं. इस वीडियो में उन्हें पारंपरिक मिथिला पाग (Mithila Paag) में मखाना (fox nuts) रखकर खाते हुए दिखाया गया है, जिस पर सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया और आलोचना देखने को मिली. विवाद बढ़ने के बाद, युवा गायिका ने तुरंत एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह एक भावनात्मक और सहज क्षण था और उनका इरादा किसी भी कीमत पर परंपरा का अनादर करने का नहीं था.
मैथिली ठाकुर ने अपने स्पष्टीकरण में घटना का पूरा ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि घनश्यामपुर में काली पूजा पंडाल का दौरा करने के बाद, वहाँ की महिलाओं ने उन्हें बड़े प्यार और स्नेह के साथ घर का बना भोजन और मखाना भेंट किया. जब उन्हें भेंट किया गया मखाना उनकी कार में बिखरने लगा, तो उनके ड्राइवर ने उन्हें सलाह दी कि सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें जो पाग भेंट में मिली है, वह मखाना उसके अंदर रख लें.
अपने बचाव में, ठाकुर ने कहा, "जो भाव उस समय था ना, उसको लेके मुझे बिल्कुल भी रिग्रेट नहीं है." यानी, उस समय उनके मन में जो भावना थी, उसे लेकर उन्हें बिल्कुल भी पछतावा नहीं है. उन्होंने इस क्षण को एक भावनात्मक और सहज अभिव्यक्ति बताया, न कि किसी राजनीतिक लाभ या जानबूझकर की गई हरकत.
दरअसल, यह पूरा विवाद एक वीडियो से शुरू हुआ था जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इस वीडियो में मैथिली ठाकुर को कार में मिथिला पाग के अंदर मखाना रखते और फिर उसे खाते हुए दिखाया गया. सोशल मीडिया पर आलोचकों ने तर्क दिया कि यह कार्य मिथिला की संस्कृति और पाग का अपमान है. पाग को मिथिला क्षेत्र में सम्मान और गौरव का प्रतीक माना जाता है, और उसमें खाने की वस्तु रखना अनुचित माना गया. आलोचकों ने उन पर यह भी आरोप लगाया कि वह पारंपरिक प्रतीक का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रही हैं, न कि परंपरा के प्रति वास्तविक सम्मान दिखाने के लिए.
मिथिला पाग, भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पारंपरिक शिरोवस्त्र है. यह पाग सम्मान और आदर का प्रतीक होता है. यह आमतौर पर कपास से बनाया जाता है और इसे जटिल हाथ से बनी मिथिला (या मधुबनी) कला से सजाया जाता है. पाग को विवाह, त्योहारों और अन्य पारंपरिक आयोजनों सहित कई औपचारिक अवसरों पर पहना जाता है. इसका सांस्कृतिक महत्व मिथिला समुदाय की पहचान में गहराई से समाया हुआ है. यही कारण है कि इस पर कोई भी हल्का-फुल्का या विवादास्पद व्यवहार वहाँ के लोगों के लिए संवेदनशील मुद्दा बन जाता है.
मैथिली ठाकुर बिहार की एक युवा और प्रतिभाशाली गायिका हैं, जो अपने पारंपरिक गीतों और भजनों के मधुर गायन के लिए जानी जाती हैं. उनके पिता, रमेश ठाकुर, एक संगीत शिक्षक हैं, और मैथिली ने अपने दोनों भाइयों के साथ अपने पिता और दादा के मार्गदर्शन में संगीत की शिक्षा प्राप्त की है. अपनी सादगी और भक्ति गीतों के कारण उन्हें बिहार और देश भर में काफी लोकप्रियता मिली है.
वर्तमान में, मैथिली ठाकुर अली नगर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में बिहार चुनाव लड़ रही हैं. अली नगर विधानसभा सीट वर्तमान में विपक्षी दल की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मिश्री लाल यादव के पास है. चुनाव के बीच ऐसे किसी भी विवाद का सामने आना, उम्मीदवार के लिए संवेदनशील हो सकता है, यही वजह है कि उन्होंने तुरंत स्पष्टीकरण जारी करना उचित समझा. मैथिली ठाकुर की इस सफाई के बाद, यह देखना बाकी है कि उनके समर्थक और मिथिला समुदाय के लोग उनके इस भावनात्मक तर्क को किस हद तक स्वीकार करते हैं, या यह विवाद आगामी चुनावों में उनके लिए कोई चुनौती पैदा करता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

