जबलपुर. शहर की व्यवस्था को पटरी पर लाने और नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं का निर्बाध लाभ दिलाने की दिशा में नगर निगम ने एक बार फिर कठोर कदम उठाए हैं. महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के मार्गदर्शन में निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार ने स्वयं मैदान में उतरकर ताबड़तोड़ निरीक्षण किया, जिससे सफाई और अतिक्रमण से जुड़े विभागों में हड़कंप मच गया. निगमायुक्त ने केवल कागजी खानापूर्ति पर ही अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं की, बल्कि मौके पर ही कर्मचारियों और संबंधित ठेकेदारों की लापरवाही को पकड़ा और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. शहर की सफाई व्यवस्था को और अधिक दुरूस्त करने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को भी सुगम बनाने के प्रयासों को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए यह कदम उठाया गया है. निगमायुक्त ने मुख्य मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कराने और पैदल चलने वाले नागरिकों के लिए बनी सुविधाओं को व्यवस्थित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है.
इस निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार ने अधिकारियों के दल के साथ कटंगा रोड़ का दौरा किया. उन्होंने मुख्य रूप से सड़क के दोनों किनारों पर निर्मित एन.एम.टी. (नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट) ट्रैक का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ ही पैदल चलने वाले ट्रेक को पूरी तरह से व्यवस्थित करने के लिए अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी किए. पैदल चलने वाले नागरिकों को सुरक्षित और साफ-सुथरा रास्ता उपलब्ध कराना निगम की प्राथमिकताओं में है और इसी को ध्यान में रखते हुए एन.एम.टी. को व्यवस्थित कराया जाएगा. इसके अलावा, शहर के सौंदर्यीकरण को एक नई दिशा देते हुए निगमायुक्त ने मुख्य मार्गों के बीचों बीच लगे डिवाईडरों को भी ठीक करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन डिवाइडरों पर आकर्षक और खुशबूदार छोटे-छोटे पौधे लगाए जाएं, जिससे शहर की सुंदरता में वृद्धि हो और वातावरण भी सुगंधित रहे. यह फैसला दिखाता है कि नगर निगम सिर्फ सफाई तक ही सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि नागरिक जीवन की गुणवत्ता को भी उच्च स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.
निगमायुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्य मार्गों को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त किया जाए ताकि यातायात व्यवस्था सुगम हो सके और नागरिकों को अनावश्यक जाम से जूझना न पड़े. उन्होंने अतिक्रमण अधिकारी को इस संबंध में सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. अतिक्रमण केवल ट्रैफिक की समस्या ही पैदा नहीं करता, बल्कि यह शहर की सुंदरता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है. इसी के साथ, उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सड़कों के किनारे गंदगी और कचरे के ढेर कहीं भी दिखाई नहीं देने चाहिए. निगमायुक्त ने चेतावनी दी कि यदि निरीक्षण के दौरान कहीं भी लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह चेतावनी बताती है कि निगम अब केवल नोटिस जारी करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि फील्ड पर काम न करने वालों पर सख्त शिकंजा कसेगा.
व्यवस्था में सुधार लाने के निगमायुक्त के संकल्प की गंभीरता तब और स्पष्ट हो गई, जब उन्होंने संभाग क्रमांक 11 के अंतर्गत तिलहरी क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति की अचानक जाँच की. इस औचक निरीक्षण में जो तस्वीर सामने आई, वह बेहद निराशाजनक थी और निगम के ठेका व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है. उपस्थिति रजिस्टर और ऑन लाइन रिकॉर्ड के अनुसार उस क्षेत्र में 40 कर्मचारियों को ड्यूटी पर होना चाहिए था, लेकिन मौके पर मात्र 13 कर्मचारी ही काम करते पाए गए. इस भारी अनियमितता को देखकर निगमायुक्त ने संबंधितों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने तत्काल प्रभाव से यह आदेश जारी किया कि सभी अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा. यह कार्रवाई न केवल दंडात्मक है, बल्कि यह संदेश देती है कि ड्यूटी में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इतना ही नहीं, निगमायुक्त ने सीधे संबंधित ठेकेदार को फोन लगाकर कड़ी हिदायत दी. उन्होंने ठेकेदार को साफ तौर पर कहा कि वह सही उपस्थिति ऑन लाइन दर्ज कराए, और अब से ठेकेदार को स्वयं फील्ड पर निकलने की जरूरत है. निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि ठेकेदारों को केवल एसी कमरों में बैठकर बिल पास कराने की छूट नहीं मिलेगी, बल्कि उन्हें सुबह-सुबह अपने आवंटित क्षेत्रों में व्यक्तिगत रूप से भ्रमण करना होगा और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करानी होगी. उन्होंने अन्य सफाई ठेकेदारों को भी चेतावनी देते हुए व्यवस्था में सुधार लाने और अपने आवंटित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम करने के निर्देश प्रदान किए. यह निर्देश कार्यप्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है, जिसके तहत ठेकेदारों की जवाबदेही सीधे तौर पर तय की गई है.
सफाई और यातायात के अलावा, शहर के दृश्यों को प्रदूषित करने वाले एक और गंभीर मसले पर निगमायुक्त ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने सड़कों के बीचों बीच लगे विद्युत पोलों में अवैध रूप से बैनर पोस्टर लगाने वालों के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए. निगमायुक्त ने इस संबंध में होर्डिंग्स प्रभारी एवं अतिक्रमण प्रभारी को निर्देश प्रदान किये हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध होर्डिंग्स पर आउटडोर मीडिया पॉलिसी के तहत कार्रवाई की जाए. सबसे महत्वपूर्ण निर्देश यह रहा कि इन संबंधितों के विरुद्ध पैनाल्टी (जुर्माना) लगाई जाए और यह पैनाल्टी की राशि टैक्स की राशि में जोड़कर वसूली की जाए. यह एक कठोर वित्तीय कदम है, जो भविष्य में किसी को भी निगम की संपत्ति का अवैध उपयोग करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर करेगा. वसूली की इस प्रक्रिया को टैक्स के साथ जोड़ना दिखाता है कि निगम इस मामले में कितनी गंभीरता से पेश आ रहा है.
कुल मिलाकर, निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार का यह निरीक्षण केवल एक औपचारिक दौरा नहीं था, बल्कि यह नगर निगम के कड़े रुख का स्पष्ट प्रदर्शन था. यह कार्रवाई बताती है कि निगम अब केवल सफाई कर्मियों या छोटे स्तर के अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि लापरवाह ठेकेदारों और अवैध रूप से शहर को गंदा करने वाले तत्वों को भी सीधे निशाने पर ले रहा है. शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने, यातायात को सुगम बनाने, नागरिकों के लिए बेहतर फुटपाथ सुनिश्चित करने और शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के लिए निगम दृढ़ संकल्पित है. जबलपुर को एक स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित शहर बनाने की यह मैदानी जंग अब शुरू हो चुकी है, जिसके नतीजे आने वाले दिनों में शहर की सड़कों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने की उम्मीद है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

