शनि का शक्तिशाली रत्न नीलम पहनते ही व्यक्ति फर्श से अर्श तक पहुँच सकता

शनि का शक्तिशाली रत्न नीलम पहनते ही व्यक्ति फर्श से अर्श तक पहुँच सकता

प्रेषित समय :19:13:28 PM / Fri, Oct 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 रत्न ज्योतिष शास्त्र में नौ प्रमुख रत्नों में से एक, नीलम (Blue Sapphire) को अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली माना गया है। यह रत्न सीधे तौर पर न्याय और कर्मफल दाता ग्रह शनि से जुड़ा हुआ है, और इसकी तीव्र प्रभाव क्षमता के कारण ज्योतिषीय परामर्श के बिना इसे धारण करना जोखिम भरा हो सकता है। ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नीलम रत्न जातक के लिए अनुकूल सिद्ध हो जाए, तो यह उसे क्षण भर में फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता है, उसकी समस्त परेशानियाँ धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं, और व्यक्ति दिन दूनी, रात चौगुनी सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगता है। यही कारण है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि देव की स्थिति अशुभ होती है, उन्हें उनकी दशा सुधारने के लिए नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है। यहाँ तक कि अगर शनि कुंडली में शुभ भावों में विराजमान हैं, तो उनके शुभ प्रभाव को कई गुना बढ़ाने के लिए भी नीलम धारण किया जाता है।

भौतिक रूप से नीलम की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। तंजानियाई नीलम अपनी उत्तम गुणवत्ता और असाधारण कठोरता के लिए विख्यात है। नीलम को कठोरता के मोह पैमाने पर 9वाँ स्थान प्राप्त है, जो हीरे (10) और मोइसानाइट (9.5) के बाद तीसरा सबसे कठोर खनिज है। इसकी यह उल्लेखनीय कठोरता इसे केवल आभूषणों तक ही सीमित नहीं रखती, बल्कि इसका उपयोग गैर-सजावटी अनुप्रयोगों में भी किया जाता है, जैसे कि अवरक्त ऑप्टिकल घटक, उच्च स्थायित्व वाली खिड़कियाँ, कलाई घड़ी के क्रिस्टल, मूवमेंट बेयरिंग, और बहुत पतले इलेक्ट्रॉनिक वेफर्स के रूप में। इन वेफर्स का उपयोग एकीकृत सर्किट और GaN-आधारित नीले एलईडी जैसे विशेष प्रयोजन वाले ठोस-अवस्था वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के इन्सुलेटिंग सब्सट्रेट के रूप में किया जाता है, जो इसके वैज्ञानिक महत्व को भी स्थापित करता है।

किसे और कब धारण करना चाहिए यह चमत्कारी रत्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम रत्न सभी के लिए नहीं होता। इसे धारण करने से पहले कुंडली का गहन विश्लेषण आवश्यक है। मकर और कुंभ राशि के जातकों को नीलम रत्न पहनना ज्योतिषीय रूप से विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इन राशियों के स्वामी स्वयं शनि देव हैं। इसके अतिरिक्त, जिन व्यक्तियों के ऊपर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप चल रहा हो, और उन्हें इससे मुक्ति पानी हो, तो ज्योतिषी की सलाह पर वे यह रत्न धारण कर सकते हैं। यह रत्न कमजोर शनि के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है, जिससे जातक को शीघ्र लाभ मिलता है। ज्योतिषियों का यह भी मत है कि कुंडली में शुभ शनि होने पर भी उनके प्रभाव को और सशक्त बनाने के लिए इसे पहना जा सकता है। विशेष परिस्थितियों में, यदि शनि षष्ठेश (छठे भाव का स्वामी) या अष्टमेश (आठवें भाव का स्वामी) भी हों, तो भी इसे धारण करने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते यह योगकारक स्थिति में हो। किसी भी स्थिति में, नीलम रत्न पहनने से पहले किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना अनिवार्य है।

नीलम के प्रभाव: शुभ और अशुभ संकेत

रत्न ज्योतिष शास्त्र में नीलम को अपनी त्वरित और तीव्र गति से परिणाम देने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसका प्रभाव इतनी तेजी से दिखता है कि जातक को कुछ ही घंटों या दिनों में इसके अनुकूल या प्रतिकूल होने का संकेत मिल जाता है:

अशुभ और प्रतिकूल संकेत (रत्न तुरंत उतार दें):

  1. नेत्र संबंधी कष्ट: यदि नीलम पहनने के तुरंत बाद व्यक्ति की आँखों में तकलीफ या परेशानी शुरू हो जाए, तो यह रत्न अनुकूल नहीं है।

  2. शारीरिक और दुर्घटना: यदि जातक को रत्न धारण करने के बाद दुर्घटनाएँ बढ़ जाएँ या शारीरिक कष्ट शुरू हो जाए, तो यह रत्न अशुभता का संकेत है।

  3. आर्थिक नुकसान: नीलम के अशुभ होने पर व्यक्ति को फौरन ही आर्थिक नुकसान या हानि का सामना करना पड़ सकता है।

  4. डरावने सपने: यदि अनुकूल नहीं है, तो रात में बुरे और डरावने सपने आने शुरू हो सकते हैं।

शुभ और अनुकूल संकेत (रत्न आपके लिए है):

  1. स्वास्थ्य लाभ: नीलम के अनुकूल और शुभ होने पर इसे धारण करते ही सबसे पहले स्वास्थ्य संबंधी किसी पुरानी परेशानी से राहत मिलनी शुरू हो जाती है।

  2. आर्थिक उन्नति: शुभ नीलम व्यक्ति को आर्थिक लाभ दिलाना शुरू कर देता है, साथ ही नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के स्पष्ट संकेत दिखाई देने लगते हैं।

  3. मानसिक एकाग्रता: नीलम पहनने पर मन की एकाग्रता बढ़ने लगती है, जिससे कार्यकुशलता में अभूतपूर्व वृद्धि होती है और व्यक्ति अपने लक्ष्यों को साधने में सफल होता है।

  4. सुरक्षा और स्थिरता: यदि नीलम धारण करने के बाद कोई अशुभ घटना न हो और जीवन में सकारात्मकता महसूस हो, तो यह समझना चाहिए कि यह रत्न आपके लिए पूरी तरह शुभ है और शनि देव की कृपा बरस रही है।

कुल मिलाकर, नीलम रत्न एक अत्यंत शक्तिशाली और दोधारी तलवार जैसा प्रभाव रखने वाला रत्न है। यह कमजोर शनि की महादशा में चमत्कारिक रूप से कार्य कर सकता है, व्यक्ति को सफलता के शिखर पर बिठा सकता है, लेकिन इसके विपरीत परिणाम की स्थिति में यह उतनी ही तेजी से हानि भी पहुंचा सकता है। इसलिए इसे धारण करने का नियम है: पहले ट्रायल, फिर धारण और हमेशा योग्य ज्योतिषी की सलाह।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-